UP MLC Election: मतदान से पहले सपा के लिए बुरी खबर, कीर्ति कॉल का पर्चा खारिज, बीजेपी प्रत्याशी निर्विरोध होंगे निर्वाचित
UP MLC Election: दो सीटों के लिए होने वाले इस एमएलसी चुनाव में सपा ने मिर्जापुर निवासी आदिवासी समाज से आने वाली कीर्ति कॉल को अपना उम्मीदवार बनाया था. जिनका आज कम उम्र के चलते पर्चा खारिज कर दिया गया है।;
UP MLC Election: उत्तर प्रदेश में 11 अगस्त को होने वाले विधान परिषद चुनाव से पहले समाजवादी पार्टी के लिए एक और बुरी खबर आई है. दो सीटों के लिए होने वाले इस चुनाव में सपा ने मिर्जापुर निवासी आदिवासी समाज से आने वाली कीर्ति कॉल को अपना उम्मीदवार बनाया था. कल 1 अगस्त को उन्होंने अपना नामांकन भी दाखिल किया. लेकिन अब उनका पर्चा खारिज हो गया है. इसके पीछे वजह बताई गई है कि उनकी उम्र अभी इस चुनाव के लिए पूरी नहीं थी.
विधान परिषद के लिए न्यूनतम आयु 30 वर्ष होनी चाहिए लेकिन कीर्ति कॉल ने अपने सर्टिफिकेट में जो उम्र लिखा है उसके हिसाब से वह अभी 28 साल की है. जिसके बाद उनका नामांकन निरस्त कर दिया गया है.
सोमवार को कीर्ति कॉल ने सपा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम, पूर्व कैबिनेट मंत्री मनोज पांडे समेत तमाम नेता की मौजूदगी में विधान भवन में अपना नामांकन दाखिल किया था. जिसके बाद रिटर्निंग ऑफिसर की तरफ से उनके नामांकन पत्र की जांच के दौरान पता चला कि वह अभी 30 वर्ष की नहीं हुई है. आगे की कार्रवाई करते हुए रिटर्निंग ऑफिसर ने उनका नामांकन पत्र खारिज कर दिया.
इसके साथ ही अब भारतीय जनता पार्टी के दोनों उम्मीदवारों का निर्विरोध निर्वाचित होना तय हो गया है. मिर्जापुर से विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुकी है अखिलेश ने आदिवासी महिला को प्रत्याशी बनाकर कहीं न कहीं राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू को वोट ना किए जाने की भरपाई करने की कोशिश की थी लेकिन उससे पहले ही उनका पर्चा निरस्त हो गया.
बीजेपी के धर्मेंद्र सैंथवार, निर्मला पासवान का निर्विरोध निर्वाचित होना तय - सपा प्रत्याशी कीर्ति कॉल के नामांकन निरस्त होने के बाद अब बीजेपी के दोनों उम्मीदवार धर्मेंद्र सिंह सैंथवार और निर्मला पासवान का एमएलसी बनना तय हो गया है. गोरखपुर के क्षेत्रीय अध्यक्ष के तौर पर लम्बे समय से कार्य कर रहे धर्मेंद्र सिंह सैंथवार और प्रयागराज के सोराव निवासी दलित समाज से आने वाली निर्मला पासवान उम्मीदवार हैं.
अब इन दोनों नेताओं का विधान परिषद पहुंचेंगे. भारतीय जनता पार्टी के लिए यह काफी अहम होगा. क्योंकि विधान परिषद में पहले से ही उनका बहुमत है. दो सदस्यों के और आने से उनकी ताकत बढ़ जाएगी सपा के पास अब नेता प्रतिपक्ष की भी कुर्सी नहीं बची है.