UP Nagar Nikay Chunav: महंगे गिफ्ट दिए तो रहें संभलकर, आयोग की टेढ़ी नजर है आप पर..जानें और क्या हैं निर्देश?
UP Nikay Chunav 2022: यूपी नगर निकाय चुनाव की तारीखें भले ही घोषित नहीं हुई हैं, लेकिन राज्य निर्वाचन आयोग और प्रशासन की तैयारियां जोरों पर हैं। आयोग ने कई निर्देश जारी किए हैं।
UP Nagar Nikay Chunav: उत्तर प्रदेश निकाय चुनाव से पहले राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देश के अनुसार अब महंगे गिफ्ट देने वालों पर निर्वाचन आयोग की नजर रहेगी। महंगे गिफ्ट लेने और देने वालों पर आयोग की पैनी नजर है। इसके साथ ही, शहरी निकाय चुनाव (UP Urban Body Elections 2022) में गड़बड़ी करने वालों पर भी टेढ़ी नजर रहेगी। उड़न दस्ता उम्मीदवारों पर नजर रखने का काम करेगा।
साथ ही, राज्य निर्वाचन आयोग ने कहा है कि, अगर किसी उम्मीदवार के पास से 2 लाख से अधिक की नकदी पकड़ी जाएगी तो उस रकम को जब्त कर लिया जाएगा। राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्याधिकारी ने ये निर्देश दिए हैं। आपको बता दें, राज्य निर्वाचन आयोग ने प्रदेश के सभी जिलों में उड़न दस्ता बनाने के निर्देश भी दिए हैं।
संतोषप्रद जवाब नहीं, तो होगी कार्रवाई
यूपी नगर निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान अभी नहीं हुआ है। मगर, तैयारियां जोरों पर हैं। निकाय चुनाव के लिए आरक्षण सूची जारी होने के बाद से ही राज्य निर्वाचन आयोग और प्रशासन की तैयारियां तेज हो गई है। इसी कड़ी में राज्य निर्वाचन आयोग ने कुछ आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। यूपी निकाय चुनाव में इस बार खर्च का पूरा ब्यौरा उम्मीदवारों को देना होगा। जिसकी निगरानी के लिए उड़न दस्ता बनाया जा रहा है। उड़न दस्ता हर खर्च पर बारीक़ नजर रखेगा। इसके लिए जिला निर्वाचन कार्यालय की तरफ से एक टीम भी गठित की जाएगी। ये टीम निकाय चुनाव में होने वाले हर खर्च पर नजर रखेगी। 2 लाख से अधिक नकदी पकडे जाने पर उसे जब्त कर लिया जाएगा। साथ ही, तय सीमा से अधिक खर्च होने पर प्रत्याशियों को हर खर्च का हिसाब देना होगा। सही और संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाने की स्थित में कार्रवाई भी हो सकती है।
चाय-नाश्ते और बैनर-पोस्टर का भी देना होगा हिसाब
आयोग की नजर हर छोटे खर्च पर भी होगी। चुनाव प्रचार के दौरान चाय, नाश्ता से लेकर बैनर-पोस्टर का भी हिसाब देना होगा। आपको बता दें, लोकसभा और विधानसभा चुनाव में खर्च के सीमा पहले से निर्धारित है। उम्मीदवारों को उसी हिसाब से खर्च करना और ब्यौरा देना होता है। ये नियम कई साल पहले बन चुके हैं। लेकिन, निकाय चुनाव में खर्च का कोई हिसाब नहीं होने की वजह से कुछ प्रत्याशी द्वारा मोटी रकम तक खर्च कर लेते थे। मगर, इस बार चुनाव आयोग ने खर्च की सूची जारी की है।