UP News: प्रदर्शन के बीच तोड़फोड़ के मामले में BJP सांसद रीता बहुगुणा जोशी और राज बब्बर समेत 9 लोगों पर आरोप तय

UP News: बीजेपी की सांसद रीता बहुगुणा जोशी और राज बब्बर सहित नौ अभियुक्तों के खिलाफ आपराधिक मामले में आरोप तय हो गए हैं।

Newstrack :  Network
Published By :  Divyanshu Rao
Update: 2021-07-31 04:24 GMT

राजबब्बर और बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी की तस्वीर (डिजाइन फोटो:न्यूज़ट्रैक) 

UP News: एमपीएमएलए कोर्ट में बीजेपी की सांसद रीता बहुगुणा जोशी (Rita Bahuguna Joshi) और कांग्रेस (Congress) नेता राज बब्बर (Raj Babbar) सहित नौ अभियुक्तों के खिलाफ धरना प्रदर्शन के दौरान तोड़-फोड़ व पुलिस बल पर हमला करने के आपराधिक मामले में आरोप तय हो गए हैं। इसके साथ ही अभियुक्त निर्मल खत्री और मधुसुदन मिस्त्री समेत छह अभियुक्तों की अनुपस्थिति के इनकी पत्रावली अलग करने का कोर्ट ने आदेश जारी किया है।

वहीं इसी मामले में तीन और अभियुक्त शारिक अली, पप्पू खान और राज कुमार लोधी को फरार घोषित करते हुए इनके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट के साथ कुर्की की कार्यवाही करने से पहले सभी अभियुक्तों को नोटिस जारी करने का आदेश कोर्ट ने दिया।

बीजेपी सांसद रीता बहुगुणा जोशी (फाइल फोटो:सोशल मीडिया)


इन धाराओं में दर्ज है अभियुक्तों के खिलाफ मामला

एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश पवन कुमार राय की विशेष अदालत के समक्ष शुक्रवार को रीता बहुगुणा जोशी,राज बब्बर, प्रहलाद प्रसाद द्विवेदी, बोधलाल शुक्ल,राजेश पति त्रिपाठी, ओंकार नाथ सिंह, मनोज तिवारी, रमेश मिश्रा और शैलेंद्र तिवारी उपस्थिति हुए। इन सभी अभियुक्तों के खिलाफ कोर्ट ने आईपीसी की धारा 147, 148, 149, 323, 332, 333, 336, 337, 338, 341, 343, 352 व 307 के साथ ही क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धारा 7 के तहत आरोप तय कर दिए हैं।

कांग्रेस नेता राज बब्बर (फाइल फोटो:सोशल मीडिया) 


कोर्ट ने इन अभियुक्तों को व्यक्तिगत रुप से उपस्थिति होने का दिया आदेश

कोर्ट ने इसके साथ ही 20 अगस्त को अभियोजन को अपना साक्ष्य पेश करने का आदेश भी दिया है। वहीं दूसरी अभियुक्त निर्मल खत्री,मधुसदन मिस्त्री, अजय राय, प्रदीप कुमार माथुर, केके शर्मा और प्रदीप जैन आदित्य की ओर से हाजिरी माफी की अर्जी दी गई। विशेष कोर्ट ने इस शर्त पर अर्जी मंजूर कर ली कि अगली तारीख पर ये सभी अभियुक्त व्यक्तिगत रुप से अदालत में उपस्थित होंगे।

राज्य सरकार की अर्जी को कोर्ट ने किया था खारिज

आपको बता दें कि विशेष अदालत में इस मुकदमे को जनहित में वापस लेने के लिए राज्य सरकार की ओर से एक अर्जी दी गई थी। तो वहीं 20 फरवरी को एमपीएमएलए विशेष कोर्ट ने राज्य सरकार की इस अर्जी को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने मामले को गंभीर बतातें हुए अर्जी को खारिज कर दिया था। जिसके बाद अभियुक्तों की डिस्चार्ज अर्जी भी खारिज हो गई थी। 25 दिसंबर 2015 को विवेचना के बाद पुलिस ने अभियुक्तों के खिलाफ आईपीसी की तमाम गंभीर धाराओं और क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट की धारा में भी आरोप पत्र दाखिल किया था।


क्या है पूरा मामला

17 अगस्त 2015 को इस मामले में एफआईआर एसआई प्यारेलाल प्रजापति ने थाना हजरतगंज में दर्ज करवाई थी। उस दिन कांग्रेस पार्टी का लक्ष्मण मेला स्थल पर धरना प्रदर्शन कार्यक्रम चल रहा था। तभी करीब 5 हजार कार्यकर्ताओं के साथ अभियुक्त अचानक धरना स्थल से विधानसभा का घेराव करने के लिए निकल गए। जिसके बाद इनको पुलिस के द्वारा समझाने और रोकने का प्रयास किया गया। लेकिन ये नहीं माने। और संकल्प वाटिका के पास पथराव करने लगे। जिसके बाद मौके पर भगदड़ मच गई।

इस हमले में एडीएम पूर्वी निधी श्रीवास्तव, एसपी पूर्वी राजीव मल्होत्रा, सीओ ट्रैफिक अवनीश मिश्रा एसएचओ आलमबाग विकास पांडेय और एसओ हुसैनगंज शिवशंकर सिंह समेत कई पुलिस के कई अधिकारी और पीएसी के जवान इस हमले में गंभीर रुप से घायल हो गए थे। वहीं अशोक मार्ग से आने-जाने वाली जनता भी घायल हुई थी। कई गाड़ियों के शीशे टूट गअ थे। जिससे कानून व्यवस्था छिन्न भिन्न हो गई थी।

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