UP News: जब यूपी के लड़कों के तीन आंदोलनों ने खड़ी कर दी प्रदेश सरकार की खटिया
UP News: "जिस ओर जवानी चलती है, उस ओर जमाना चलता है" — यह बात आपने कई बार सुनी होगी। युवा शक्ति का प्रभाव इतना मजबूत है कि वह आंधियों में भी रोशनी बिखेर सकता है। जाते हुए साल 2024 में, इस युवा शक्ति ने मानो पूरे सिस्टम को हिला कर रख दिया। चुनावी विश्लेषकों का कहना है कि युवाओं ने यूपी के 2024 लोकसभा चुनाव में अहम भूमिका निभाई और बड़े उलटफेर की शुरुआत की।
UP News: "जिस ओर जवानी चलती है, उस ओर जमाना चलता है" — यह कहावत आपने कई बार सुनी होगी। युवा शक्ति इतनी प्रभावशाली है कि वह आंधियों में भी रोशनी फैला सकता है। जाते हुए साल 2024 में, इस युवा ताकत ने पूरे सिस्टम को हिला कर रख दिया। चुनावी विश्लेषकों के अनुसार, युवाओं ने यूपी के 2024 लोकसभा चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाई और एक बड़ा उलटफेर की शुरुआत की।
पेपर लीक, रिएग्जाम और सरकारी तंत्र को हिलाने वाले धरने, साथ ही सरकार का बैकफुट पर जाना, ये सब 2024 के कुछ ऐसे प्रमुख मुद्दे थे जिन्होंने यूपी की राजनीति में एक नया मोड़ दिया। तो चलिए, एक बार फिर से उन घटनाओं की ओर नज़र डालते हैं, जिन्होंने यूपी की योगी सरकार को हिला कर रख दिया।
1. यूपी पुलिस कांस्टेबल पेपर लीक
साल 2024 की शुरुआत में एक बड़ा विवाद उठ खड़ा हुआ था। 17 और 18 फरवरी को यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा हुई, जिसमें 48 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। कुल 6024 वैकेंसी थी और चार पालियों में परीक्षा होनी थी। लेकिन 17 फरवरी को दूसरी पाली के बाद सोशल मीडिया पर पेपर लीक होने की खबरें फैलने लगीं। यह जानकारी सामने आई कि पेपर पहले ही सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके थे। हालांकि, यूपी पुलिस भर्ती बोर्ड ने इन दावों को नकारते हुए इसे अफवाह बताया और तुरंत कार्रवाई की चेतावनी दी।
फिर, 18 फरवरी को परीक्षा पूरी हुई, लेकिन पेपर लीक के दावे करने वाला एक नेता, विवेक कुमार, जो प्राइवेट कोचिंग पढ़ाते थे, सोशल मीडिया पर प्रूफ के साथ सामने आया। इसके बाद अभ्यर्थियों ने 23 फरवरी को लखनऊ के इको गार्डन में धरना दिया, जिससे सरकार और भर्ती बोर्ड दबाव में आ गए।
पूरी जांच के बाद, सीएम योगी ने परीक्षा को निरस्त कर दी और 6 महीने में री-एग्जाम का आदेश दिया। इसके बाद, यूपी की एसटीएफ ने एजूटेक नामक कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर दिया, जो इस भर्ती परीक्षा का आयोजन कर रही थी। इसके मालिक विनीत आर्या विदेश भाग गए। जांच में मास्टरमाइंड के रूप में 32 साल के राजीव नयन मिश्रा का नाम सामने आया, जिसने कई राज्यों के अभ्यर्थियों तक पेपर पहुंचाया। इस मामले में कुल 244 लोग गिरफ्तार हुए।
2.RO/ ARO पेपर लीक
उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग ने समीक्षा अधिकारी (RO) और सहायक समीक्षा अधिकारी (ARO) के 411 पदों के लिए भर्ती निकाली थी। परीक्षा 11 फरवरी को हुई, जिसमें 10 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने भाग लिया। परीक्षा के बाद सोशल मीडिया पर पेपर लीक होने का दावा किया गया, जिससे अभ्यर्थी 12 फरवरी से प्रयागराज में आयोग के दफ्तर पर धरना देने लगे। आयोग को दबाव में आकर सबूतों की मांग करनी पड़ी और इसके बाद पेपर लीक का दावा सही पाया गया। सीएम योगी ने 6 महीने के अंदर री-एग्जाम कराने का ऐलान किया। एसटीएफ को जांच का जिम्मा सौंपा गया, और रवि अत्री तथा सुभाष प्रकाश को गिरफ्तार किया गया।
3. PCS-प्री परीक्षा
यूपी पीसीएस यानी डीएसपी और एसडीएम बनने का सपना लेकर लाखों अभ्यर्थी इस फॉर्म को भरते हैं। 220 पदों के लिए 5 लाख से ज्यादा उम्मीदवारों ने आवेदन किया। यह एक हाई प्रोफाइल परीक्षा थी, लेकिन आयोग इसे समय पर नहीं करा सका। पहले 7 मार्च को परीक्षा होनी थी, लेकिन 11 फरवरी को आरओ-एआरओ भर्ती पेपर लीक होने के कारण आयोग को अपनी पूरी परीक्षा योजना में बदलाव करना पड़ा। परीक्षा को पहले जून में आयोजित करने का प्रस्ताव था, लेकिन तैयारियां समय पर पूरी नहीं हो पाईं। फिर अक्टूबर में परीक्षा का प्रस्ताव रखा गया, लेकिन सेंटर की कमी के कारण तारीखें आगे बढ़ानी पड़ीं। इसके बाद परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को आयोजित हुई, जो पहले एक दिन में होती थी।
अभ्यर्थियों ने विरोध शुरू किया और उनकी मांग थी कि यह परीक्षा एक दिन में हो, जैसा हाई स्कूल और इंटरमीडिएट जैसी बड़ी परीक्षा में होता है। इसके बाद, 11 नवंबर को पीसीएस प्री और आरओ-एआरओ अभ्यर्थियों ने जोरदार धरना दिया। चार दिनों के संघर्ष के बाद आयोग ने एक दिन में परीक्षा कराने की मांग मान ली और 22 दिसंबर को परीक्षा शांति से आयोजित की गई।