UP की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बन रहा MSME सेक्टर, साढ़े चार वर्षों में 82 लाख से अधिक लोन मुहैया कराया
नई इकाइयों की स्थापना को लेकर राज्य में एमएसएमई सेक्टर द्वारा दिखाए गए उत्साह को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अब इस सेक्टर में अधिक से अधिक निवेश लाने के लिए एमएसएमई पार्क की स्थापना करने को मंजूरी दी है।
लखनऊ: सूक्ष्म, लघु व मध्यम दर्जे के उद्योगों (एमएसएमई) को बढ़ावा देने के मामले में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) देश में एक नया रिकॉर्ड बना रहा है। सरकार की औद्योगिक नीतियों के चलते इस सेक्टर में लगातार निवेश बढ़ रहा है। हर जिले में नई -नई एमएसएमई इकाइयों की स्थापना हो रही है।
कोरोना के वैश्विक संकट के दौरान भी इस सेक्टर में करीब डेढ़ लाख नई इकाइयां लगाई गई। विभिन्न बैंकों से मिले आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष एक अप्रैल से 21 सितंबर तक 1,54,691 लोगों ने 11702.37 करोड़ रुपए का लोन लिया है। ये आंकड़े यह भी बताते हैं कि बीते साढ़े चार वर्षो में सरकार की नीतियों से मिली मदद के चलते राज्य में 82 लाख से अधिक एमएसएमई को लोन दिया गया है। जबकि अखिलेश यादव की सरकार में वर्ष 2016-17 में 6,35,583 एमएसएमई को लोन मिला था।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने एमएसएमई पार्क की स्थापना करने की मंजूरी दी
नई इकाइयों की स्थापना को लेकर राज्य में एमएसएमई सेक्टर द्वारा दिखाए गए उत्साह को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) ने अब इस सेक्टर में अधिक से अधिक निवेश लाने के लिए एमएसएमई पार्क की स्थापना करने को मंजूरी दी है। जिसके तहत यमुना एक्सप्रेस वे विकास प्राधिकरण (यीडा) के सेक्टर 29 और 32 में सूबे का पहला एमएसएमई पार्क स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा जल्दी ही आगरा, कानपुर, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़ और गोरखपुर में भी ऐसे ही पार्क बनाए जाएंगे। इन छह जिलों में एमएसएमई इकाइयों की भारी तादाद है, पार्क की स्थापना से एमएसएमई इकाइयों को लाभ होगा। वहीं हजारों लोगों को इनमें रोजगार मिलेगा।
अधिकारियों के अनुसार इस सेक्टर पर प्रदेश सरकार के दिए जा रहे विशेष ध्यान के चलते ही कोरोना संकट के दौरान भी कोई एमएसएमई इकाई बंद नहीं हुई। तब सरकार ने जीवन और जीविका को बचाने के लिए इंडस्ट्रियल लॉकडाउन नहीं किया। सरकार का यह फैसला सूबे की एमएसएमई इकाइयों के लिए संजीवनी साबित हुआ। सूबे के नए उद्यमियों ने इस त्रासदी में भी उद्यमिता का परिचय देते हुए नई इकाइयां स्थापित की।
सरकारी आंकड़ों के अनुसार एमएसएमई सेक्टर में 1.5 लाख से अधिक लोगों ने लोन लिया है
सरकार के आंकड़ों के अनुसार, इस वर्ष बीते एक अप्रैल से 21 सितंबर तक 1,54,691 लोगों ने 11702.37 करोड़ रुपए का लोन लिया है। जिसमें 1,51,878 एमएसएमई ने 10723.41 करोड़ रुपए का लोन लिया है, जबकि 2813 एमएसएमई ने इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (इसीएलजीएस) के तहत 978.96 करोड़ रुपए का लोन लिया है। कोरोना संकट के दौरान एमएसएमई द्वारा लिए गए इस लोन से अनेक उद्यमियों ने आक्सीजन प्लांट, आक्सीजन कंसन्ट्रेटर जैसे उपकरणों का भी निर्माण शुरू किया।
कोरोना संक्रमण की पहली लहर में भी एमएसएमई इकाइयों ने मास्क, पीपीई किट और सेनेटाइजर बनाकर अपनी उपयोगिता को साबित किया था। तो इस बार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, थर्मल स्कैनर, यूवी चैंबर, वेंटिलेटर आदि उपकरण बनाने की दिशा में सूबे के एमएसएमई उद्यमियों का प्रयास मेक इन इंडिया की परिकल्पना को साकार करता है।
इस सेक्टर में कार्यरत उद्यमियों का कहना है कि कोरोना कर्फ्यू के दौरान उद्योगों को आंशिक तौर पर छूट मिलने से उद्यमियों ने उत्पादन की प्रक्रिया को चालू रखा। खानपान की चीजों के उत्पादन और परिवहन पर कोई रोक नहीं होने के कारण फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री में सरकार की मंशा के अनुरूप काफी काम आगे बढ़ा है। सर्विस सेक्टर भी तेजी से बढ़ा है। अब आनलाइन एप के माध्यम से घरों में आवश्यक चीजों की आपूर्ति करने का प्रचलन बढ़ा है।सरकार के आंकड़े इसे उजागर करते हैं।
राज्य में रोजगार मुहैया कराने के लिहाज से कृषि क्षेत्र के बाद एमएसएमई सबसे महत्वपूर्ण सेक्टर है। एमएसएमई की संख्या के लिहाज से देश में उत्तर प्रदेश की हिस्सेदारी 14.2 प्रतिशत है। एमएसएमई सेक्टर के माध्यम से प्रदेश लगातार तीन वर्षों से 1.14 लाख करोड़ रुपये से अधिक का निर्यात कर रहा है। एमएसएमई को यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने किस तरह से वरीयता दी है, उसे इन सरकारी आंकड़ों से भी समझा जा सकता है। वित्त वर्ष 2016-17 में सपा सरकार के दौरान 6,35,583 एमएसएमई को लोन दिया गया था।
जबकि 2017 में सत्ता परिवर्तन होते ही योगी सरकार में वित्त वर्ष 2017-18 में 7,87,572 एमएसएमई को लोन दिया गया। वित्त वर्ष 2018-19 में 10,24,265 उद्यमियों और 2019-20 में 17,45,472 लोन दिए गए हैं। वित्त वर्ष 2020-21 में एक अप्रैल, 2020 से 18 मार्च, 2021 तक 13,52,255 उद्यमियों को लोन दिए गए हैं। जबकि 01 अप्रैल से 21 सितंबर तक 1,54,691 लोगों ने 11702.37 करोड़ रुपए का लोन मुहैया कराया गया है।
ऐसे में कुल मिलाकर यह कहा जा सकता है कि यूपी के एमएसएमई सेक्टर में लगातार जान फूंकी जा रही है, जिसके चलते सूबे में एमएसएमई सेक्टर को सरकार की नीतियों से मदद मिल रही और राज्य में सूक्ष्म, लघु व मध्यम दर्जे के उद्योग बढ़रहे हैं। कुल मिलाकर एमएसएमई सेक्टर यूपी की अर्थव्यवस्था का ग्रोथ इंजन बन रहा है। आने वाले समय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप यही सेक्टर प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर का बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।