UP Nikay Chunav 2022: निकाय चुनाव में OBC आरक्षण से जुड़ी याचिका पर अब कल होगी सुनवाई
Uttar Pradesh Nikay Chunav: यूपी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण लागू किए जाने मामले में शुक्रवार को सुनवाई नहीं हुई। अब नए साल में ही सुनवाई हो पाएगी।
Uttar Pradesh Nikay Chunav: यूपी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण (UP Nikay Chunav OBC Reservation) लागू किए जाने मामले पर अब शनिवार (24 दिसंबर) को सुनवाई होगी। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में शुक्रवार इस मसले पर सुनवाई नहीं हुई। अधिसूचना पर कल तक के लिए रोक बरकरार रहेगी। शनिवार को फिर हाईकोर्ट की बेंच इस मसले पर सुनवाई करेगी। बता दें, शनिवार को छुट्टी के बावजूद कोर्ट सुनवाई करेगा। समय अभाव की वजह से आज सुनवाई टल गई। बता दें, 24 दिसंबर से 31 दिसंबर तक हाईकोर्ट में शीतकालीन अवकाश रहेगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में अगली सुनवाई पर अब राजनीतिक दलों की निगाहें टिकी हैं। उम्मीद थी कि निकाय चुनाव पर लगी रोक पर आज फैसला आ सकता है। राजनीतिक दलों की निगाहें अदालत के फैसले पर टिकी थीं। मगर, इंतजार और लंबी हो गई। ऐसे में चुनाव के लिए अधिसूचना जारी करने पर रोक लगी रहेगी। इससे पहले, मंगलवार को कोर्ट ने स्टे को एक दिन के लिए बढ़ा दिया था। जिसके बाद से लगातार सुनवाई बढ़ती गई। बता दें, राज्य सरकार की तरफ से इस मामले में जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया है। जिस पर याचिकाकर्ताओं के वकीलों ने जवाब भी दाखिल किए हैं।
यूपी सरकार की मांग- जल्द हो निस्तारण
उत्तर प्रदेश में होने वाले नगर निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को लेकर आज लगातार तीसरे दिन सुनवाई हुई। यूपी सरकार ने हाईकोर्ट से मांग की थी, कि मामले को जल्द से जल्द निस्तारित किया जाए। इससे पहले, मंगलवार और बुधवार को भी इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ में जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई थी। बुधवार को समय की कमी के चलते सुनवाई पूरी नहीं हो पाई थी। इसलिए अदालत ने अगली सुनवाई के लिए गुरुवार का दिन तय किया था। राज्य सरकार की तरफ से अपर महाधिवक्ता विनोद कुमार शाही (Additional Advocate General Vinod Kumar Shahi) ने कोर्ट से इस मामले को जल्द निस्तारित करने का आग्रह किया।
याचिकाकर्ताओं का राज्य सरकार पर आरोप
याचिकाकर्ताओं ने नगर निकाय चुनावों में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) लागू करने में प्रक्रिया का पालन नहीं करने का आरोप राज्य सरकार पर लगाया है। याचियों की ओर से कहा गया है कि हाईकोर्ट ने इसी साल सुरेश महाजन मामले में दिए गए फैसले में स्पष्ट तौर पर आदेश दिया था कि स्थानीय निकाय चुनावों में अन्य पिछड़ा वर्ग यानी OBC आरक्षण जारी करने से पहले 'तिहरा परीक्षण' किया जाएगा। अगर, तिहरा परीक्षण की औपचारिकता नहीं की जा सकती, तो अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) सीटों के अलावा बाकी सभी सीटों को सामान्य सीट घोषित करते हुए चुनाव कराए जाएंगे।