UP Nikay Chunav: निकाय चुनाव में OBC आरक्षण पर घिरी सरकार, बिहार में नीतीश पर हमलावर मगर यूपी में फंसी भाजपा
UP Nikay Chunav: सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश में ओबीसी आरक्षण तय करने के बाद ही निकाय चुनाव कराने की बात जरूर कही जा रही है मगर विपक्ष को जवाब देने के लिए सरकार के पास ठोस आधार नहीं दिख रहे हैं।
UP Nikay Chunav: निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर प्रदेश की योगी सरकार घिरती हुई नजर आ रही है। मजे की बात यह है कि भाजपा ने जिस मुद्दे को लेकर बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल रखा था, अब विपक्ष ने उसी हथियार का इस्तेमाल करते हुए उत्तर प्रदेश में योगी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। बिहार के निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण के मुद्दे को लेकर पेंच फंसने के बाद भाजपा ने हमला करते हुए नीतीश सरकार से पूछा था कि सरकार की ओर से ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए आयोग गठित करने का काम पहले क्यों नहीं किया गया।
भाजपा का यह भी आरोप था कि ट्रिपल टेस्ट परखने की दिशा में नीतीश सरकार की ओर से लचर रवैया अपनाया गया। अब उत्तर प्रदेश में भाजपा इसी मुद्दे को लेकर घिरती हुई नजर आ रही है। सरकार की ओर से उत्तर प्रदेश में ओबीसी आरक्षण तय करने के बाद ही निकाय चुनाव कराने की बात जरूर कही जा रही है मगर विपक्ष को जवाब देने के लिए सरकार के पास ठोस आधार नहीं दिख रहे हैं।
बिहार में इसी मुद्दे पर नीतीश को घेरा था
दरअसल उत्तर प्रदेश जैसा ही ओबीसी आरक्षण का पेंच बिहार के निकाय चुनाव में भी फ॔सा था। इस मुद्दे को लेकर बिहार प्रदेश भाजपा अध्यक्ष संजय जायसवाल, राज्य के पूर्व डिप्टी सीएम और भाजपा सांसद सुशील मोदी और अन्य भाजपा नेताओं ने नीतीश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था। भाजपा नेताओं का कहना था कि नीतीश सरकार को यह स्पष्ट करना चाहिए कि ओबीसी आरक्षण के लिए आयोग का गठन पहले क्यों नहीं किया गया।
सुशील मोदी ने तो नीतीश सरकार को घेरते हुए सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अवमानना तक का आरोप लगाया था। उनका कहना था कि सरकार ने अति पिछड़ा आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक किए बिना ही पुरानी अधिसूचना के आधार पर आनन-फानन में निकाय चुनाव की घोषणा कर दी। भाजपा नेताओं ने ओबीसी वर्ग के साथ छल करने और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की नीयत में खोट होने का बड़ा आरोप लगाया था।
ललन सिंह का भाजपा पर जवाबी हमला
अब भाजपा ओबीसी आरक्षण के इसी मुद्दे पर उत्तर प्रदेश में घिर गई है। इस मुद्दे को लेकर जदयू ने अब योगी सरकार और भाजपा पर जवाबी हमला बोल दिया है। जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने प्रदेश की योगी सरकार पर उसी तरह हमला बोला है, जिस तरह भाजपा नेता नीतीश सरकार पर हमलावर थे।
उन्होंने कहा कि बिहार में भाजपा की साजिश नाकाम हो गई है। उत्तर प्रदेश में हाईकोर्ट के फैसले से प्रदेश सरकार पूरी तरह बेनकाब हो गई है। उन्होंने ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी हमला बोला है। ललन सिंह ने कहा कि नरेंद्र मोदी का पिछड़ा चेहरा बनावटी और दिखावा मात्र है।
रामगोपाल ने सरकार की साजिश बताया
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव के साथ ही पार्टी के एक और वरिष्ठ नेता व सांसद रामगोपाल यादव ने भी इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार को घेरा है। उन्होंने ओबीसी आरक्षण खत्म करने के फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए इसे उत्तर प्रदेश सरकार की साजिश बताया। उन्होंने उत्तर प्रदेश की 60 फ़ीसदी आबादी को आरक्षण से वंचित करने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार की ओर से इस बाबत सही तथ्य हाईकोर्ट में नहीं पेश किए गए।
उन्होंने कहा कि योगी सरकार के ओबीसी मंत्रियों के मुंह पर ताले पड़े हुए हैं। प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा मुखिया मायावती ने कहा कि हाईकोर्ट का फैसला भाजपा सरकार की ओबीसी और आरक्षण विरोधी मानसिकता को दर्शाता है।
सरकार बताए कि आयोग का गठन क्यों नहीं किया
पिछले विधानसभा चुनाव में डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को हराने वाली सपा विधायक पल्लवी पटेल ने भी ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर योगी सरकार पर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस सवाल का जवाब देना चाहिए कि ओबीसी आरक्षण तय करने के लिए छह महीने पहले आयोग का गठन क्यों नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि मैंने पहले भी इस सरकार को संविधान विरोधी बताया था और हाईकोर्ट के फैसले ने मेरे बयान पर मुहर लगा दी है।
उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से 18-18 घंटे काम करने का दावा किया जाता है मगर सरकार के पास आयोग का गठन करने की फुर्सत नहीं थी। इस फैसले से इस बात का खुलासा हो गया है कि ओबीसी वर्ग का हक छीनने में सरकार क्या भूमिका निभा रही है।