एटा में दिखी यूपी पुलिस की लापरवाही, 23 दिन बाद भी नहीं लिखी अपहरण की रिपोर्ट

जाम की सूचना पर ग्राम जीसुखपुर पहुंचे क्षेत्राधिकारी नगर राजकुमार सिंह आधा दर्जन थानों के कोर्स में मौके पर स्थिति को सवा हल कर करीब 2 घंटे बाद बमुश्किल जाम खुलवाया क्षेत्राधिकारी ने बताया कि परिजनों के आरोपों की जांच करा कार्यवाही की जाएगी।

Update: 2021-02-23 11:30 GMT
एटा में दिखी यूपी पुलिस की लापरवाही, 23 दिन बाद भी नहीं लिखी अपहरण की रिपोर्ट (PC: social media)

एटा: जनपद के थाना बागवाला क्षेत्र के एटा अलीगंज मार्ग के ग्राम जीसुखपुर मुख्य मार्ग के समीप एक खेत से 5 फरवरी को शाय लगभग 6 बजे अपहरण हुये 35 वर्षीय रमनपाल उर्फ रामू पुत्र महावीर सिंह नाई निवासी नगला भम्भा की जैकेट व उसका आधार कार्ड जैकेट में सड़क किनारे परिजनों को मिल जाने से परिजनों व ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त हो गया।

थाना बागवाला पुलिस की कार्यप्रणाली से नाराज ग्रामीणों ने एटा अलीगंज मार्ग आज 11 बजे से1 बजे तक जाम कर दिया और थानाध्यक्ष पर नामजद अपहरणकर्ताओं से पैसे लेकर संरक्षण देने व अपहरण को गुमशुदगी बनाने की शाजिस का आरोप लगाते हुए नारेबाजी कर कार्यवाही की मांग व अपहृत की हत्या की आशंका व्यक्त की।

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जमीनी रंजिश में अपहरण कर लिया गया था

आपको बताते चलें कि 5 फरवरी को नगला भम्भा निवासी रमनपाल उर्फ रामू का थाना बागवाला क्षेत्र के ग्राम जीसुखपुर से शाम को ही बाजार करके वापस जाते समय एक जमीनी रंजिश में अपहरण कर लिया गया था। जिसकी रिपोर्ट लिखाने थाने गये परिजनों को थानाध्यक्ष रामकेश द्वारा अपहरण के स्थान पर गुमसुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने एवं स्वयं ढूढ़ने की कह कर भगा दिया गया। किन्तु रिपोर्ट दर्ज नहीं की गयी।

जिसपर वीरपाल कब्जा किए हुए था

जैकेट व आधार मिलने से आक्रोशित हुए ग्रामीणों के साथ जाम पर बैठी अपहत की मां श्यामा देवी ने बताया कि थानाध्यक्ष ने हमारे गांव के ही जमीनी रंजिश में अपहरण करने वाले वीरपाल फौजी को थाने से रूपये लेकर छोड दिया। उसके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने बताया कि मेरे पुत्र ने गांव के ही एक पंडित जी की जमीन खरीदी थी। जिसपर वीरपाल कब्जा किए हुए था। जिसे लेकर वह मेरे पुत्र से रंजिश मानते थे। जिसका कोर्ट में मुकदमा भी चल रहा है।

मेरा भाई 19 दिन पूर्व मेरा भाई रमन पाल ग्राम जीरकपुर बाजार सामान लेने गया था

जाम स्थल पर जाम लगा रहे अपहत के भाई रामकेश ने रोते हुए कहा कि मेरा भाई19 दिन पूर्व मेरा भाई रमन पाल ग्राम जीरकपुर बाजार सामान लेने गया था। उसके बाद उससे मेरी 6:00 बजे तक पहुंचे वार्ता हुई उसने कहा कि अभी आ रहे हैं। वह जब रात 12:00 बजे तक नहीं आया तो 12:00 बजे हम अपने भाई के अपहरण की रिपोर्ट लिखाने थाना बागवाला गए। जहां थानाध्यक्ष में अपहरण के स्थान पर गुमशुदगी की रिपोर्ट दिखाने की बात कही और रिपोर्ट लिखने से साफ इनकार कर दिया। उसके बाद जब भी हम थानाध्यक्ष रामकेश राजपूत के पास खाने जाते हैं। तो वह गाली गलौज करते हुए मुकदमा लगा देना कि कह कर भगा देते हैं।

उन्होंने आज तक हमारी रिपोर्ट दर्ज नहीं की

उन्होंने आज तक हमारी रिपोर्ट दर्ज नहीं की। आज प्रातः 6:00 बजे जब हम ग्राम जीसुखपुर के बाजार से अपने गांव की तरफ जा रही थी। तभी सड़क किनारे एक खेत में मैंने अपने भाई की जैकेट खरीदेगी। जिसे मैंने देखा तो उसमें मेरे भाई का आधार कार्ड भी मिला। जिसने मुझे अपने भाई की हत्या होने की पूरी आशंका हो गई है।

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परिजनों के आरोपों की जांच करा कार्यवाही की जाएगी

जाम की सूचना पर ग्राम जीसुखपुर पहुंचे क्षेत्राधिकारी नगर राजकुमार सिंह आधा दर्जन थानों के कोर्स में मौके पर स्थिति को सवा हल कर करीब 2 घंटे बाद बमुश्किल जाम खुलवाया क्षेत्राधिकारी ने बताया कि परिजनों के आरोपों की जांच करा कार्यवाही की जाएगी। आपको बताते चलें 23 दिन बाद भी आज तक थाना बागवाला पुलिस ने ना तो अप्रैल की रिपोर्ट दर्ज की है और ना ही गुमशुदगी जामफल से पुलिसकर्मी अब पहन के परिजनों को समझा-बुझाकर एटा ले आए हैं समाचार लिखे जाने तक क्या हुआ इसकी कोई जानकारी प्राप्त नहीं हो सकी है।

रिपोर्ट- सुनील मिश्रा

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