छोड़ा डंडा अपनाया गांधीगिरी का फंडा, पुलिस ने ऐसे बताए ट्रैफिक रूल्स
सड़क पर जनता पूरी सतर्कता से निकले इसके लिए बहराइच की ट्रैफिक व सिविल पुलिस ने मिलकर अनूठे पहल की शुरूआत की। बुधवार को यातायात प्रभारी सिद्धार्थ तोमर की अगुवाई में
बहराइच: सड़क पर जनता पूरी सतर्कता से निकले इसके लिए बहराइच की ट्रैफिक व सिविल पुलिस ने मिलकर अनूठे पहल की शुरूआत की। बुधवार को यातायात प्रभारी सिद्धार्थ तोमर की अगुवाई में एनसीसी कैडेट्स व पुलिस जवानों ने गांधीगिरी का फंडा अपनाते हुए ट्रैफिक रूल्स तोड़ने वालों को गुलाब का फूल भेंट किया। साथ ही लोगों को हादसों के दुष्परिणाम बताते हुए यातायात नियमों का पालन करने की अपील की। यह भी चेताया कि अभी समझाया जा रहा है, बाद में नियम तोड़ने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी।
यह भी पढ़ें.....अब तो सुधर जाओ साहब, ट्रैफिक संभाल लिया है इन लोगों ने
एक नवंबर से यातायात माह शुरू हुआ है। जिसका शुभारम्भ एसपी जुगुल किशोर ने शहर के घंटाघर मैदान से किया था। इसके तहत स्कूलों में यातायात नियमों की पाठशाला चलाई जा रही है तो शहर व देहात क्षेत्र में जागरूकता रैली का आयोजन हो रहा है। उस दौरान लोगों को हेलमेट पहनाकर सुरक्षित यातायात के गुर सिखाए गए। लेकिन बुधवार को जिला पुलिस का रवैया बदला हुआ नजर आया।
यातायात प्रभारी सीओ सिद्धार्थ तोमर के नेतृत्व में पुलिस ने गुरुनानक चौक पर लोगों को गुलाब का फूल देकर यातायात और सड़क नियमों की जानकारी दी। यहां नियमों को तोड़ने वालों के चालान काटने के बजाय पुलिस ने गांधीगिरी का रवैया अपनाया। दो पहिया और चौपहिया वाहन चालकों को गुलाब का फूल देकर प्यार की झप्पी दी।
अभियान सुबह आठ बजे से सायं 3 बजे तक चलाया गया। प्रभारी ने कहा कि यहां लोग यातायात के नियमों को हल्के में लेते हैं। ऐसे में उन्हें इस बारे में समझाना बेहद जरूरी था। हम इसे इस तरह करना चाहते थे कि उनपर असर भी पड़े और वे अपमानित भी महसूस ना करें। उन्होंने कहा कि यह अभियान कुछ दिनों तक चलाने के बाद पुलिस ट्रैफिक नियमों को तोड़ने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी।
टीएसआई विद्यासागर पांडे तथा एनसीसी कैडेट व एचसीपी शशि कांत ने लोगों को सड़क नियमों की जानकारी देते हुए बताया कि निर्धारित स्पीड में गाड़ी चलाएं। शराब पीकर ड्राईविंग नहीं करे। फॉग लाइट का प्रयोग करें। गाडिय़ों के पीछे रिफैल्टर लगवाएं। यातायात नियमों की जानकारी देने वाले हैंडबिल, पर्चे और पोस्टर पुलिस ने जमकर बांटे। पुलिस का कहना है कि सड़क नियमों की जानकारी नहीं होने के कारण जिले के अन्दर सड़क हादसों की संख्या एक साल में 500 का आंकड़ा पार कर जाती है।