UP Politics: फिर फंसा रालोद और सपा में सीटों का पेंच, गठबन्धन टूटने का खतरा

UP Politics: रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी एक बार फिर सीटों को लेकर वार्ता करने के लिए समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिले।

Written By :  Shreedhar Agnihotri
Published By :  Divyanshu Rao
Update:2022-01-07 19:50 IST

अखिलेश यादव और जंयत यादव की तस्वीर 

UP Politics: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Assembly Elections) के लिए मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और पश्चिमी उत्तर प्रदेश की ताकतवर पार्टी कही जाने वाले राष्ट्रीय लोकदल (RLD) के बीच भले ही गठबन्धन हो गया हो, पर सीटों को लेकर दोनो दलों में अभी पेंच फंसा हुआ है। दो चक्र की वार्ता के बाद भी दोनो दल सीटों को लेकर पीछे हटने को तैयार नही है।

गुरूवार को रालोद के अध्यक्ष जयंत चौधरी एक बार फिर सीटों को लेकर वार्ता करने के लिए समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिले। इस दौरान दोनो नेताओं ने लगभग एक घंटे तक वार्ता की। पर बेठक के बाद जयंत चौधरी बिना मीडिया से मिले ही चुपके से पीछे के दरवाजे से वापस चले गए। जिसके बाद इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि मामला कहीं पर फंसा हुआ है।

इस बात में सच्चाई भी है क्योंकि किसान आंदोलन के बाद रालोद की ताकत बढी है। इसके अलावा जयंत चौधरी पहली बार अपने पिता चौ अजित सिंह के निधन के बाद पहली बार अपने दम पर चुनाव मैदान में उतरने जा रहे है। पूरे पश्चिम उत्तर प्रदेश में उन्हे जहां किसानों के आंदोलन का लाभ मिलता दिख रहा है वहीं दूसरी तरफ सहानुभूति का भी लाभ मिलने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। इसलिए वह 40 सीटों से कम पर समझौता करने को तैयार नहीं है। इसके साथ ही वह पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी कुछ सीटों को पाना चाहते हें। जबकि समाजवादी पार्टी इसके लिए तैयार नहीं है।

अखिलेश यादव और जंयत यादव  

जहां तक गठबन्धन की बात है तो जयंत चौधरी पिछले महीने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से भी मिल चुके हैं। इसलिए समाजवादी पार्टी पर इस बात का भी दबाव है कि कहीं रालोद को उचित सीटे न मिलने से जयंत चौधरी नाराज न हो जाए। इसके साथ ही गठबन्धन में बडा दल होने के नाते समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेष यादव पर छोटे दलों के साथ गठबन्धन करने के कारण उनको भी सीटे देने का दबाव है।

रालोद के एक पदाधिकारी ने बताया कि समाजवादी पार्टी वैसे तो 40 सीटें देना नहीं चाहती है बल्कि रालोद के कुछ नेताओं को साइकिल के सिंबल पर चुनाव में उतरने के लिए मनाना चाहती है। ऐसे में रालोद दोनों ही बातों में सपा की मनमानी को लेकर नाराज नजर आ रहा है। इसलिए सीटों के बंटवारे में देरी हो रही है। हांलाकि समाजवादी पार्टी खेमे से इस बात का पूरी तरह से इंकार किया जा रहा है। साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही दोनों दलों के नेता वार्ता करके कोई न कोई रास्ता निकाल लेगें।

Tags:    

Similar News