UP News: एक्सप्रेसवे पर हादसे रोकने के लिए नए कदम, इन तरीकों से बचेगी जान

UP News: बढ़ते हादसों को रोकने के लिए यातायात निदेशालय ने नए कमर कस ली है। अब एक्सप्रेसवे को जोरी फैटलिटी जोन बनाने की तैयारी की जा रही है।

Newstrack :  Network
Update:2024-06-22 12:01 IST

UP News (Pic: Social Media)

UP News: उत्तर प्रदेश में बढ़ते सड़क दुर्घटनाओं को कम करने के लिए नए कदम उठाए जा रहे हैं। यातायात निदेशालय ने आगार-लखनऊ एक्सप्रेसवे समेत तीन एक्सप्रेस वे को जोरो फैटलिटी यानी शून्य मृत्यु क्षेत्र बनाने की पहल कर रही है। इसकी शुरुआत आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे से होगी। इसके बाद यमुना और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए काम किया जाएगा। इसके लिए दिल्ली की तर्ज पर सेव लाइफ फाउंडेशन व अन्य संस्थाओं की मदद ली जाएगी।

4-ई प्लान के तहत किया जाएगा काम

इस योजना को धरातल पर सही तरीके से लाने के लीए 4-ई का प्लान बनाया गया है। एडीजी यातायात बीडी पॉल्सन ने बताया कि सभी एक्सप्रेसवे पर 4-ई यानी इंजीनियरिंग, इंफोर्समेंट, इमरजेंसी सर्विस और एजूकेशन के जरिए दुर्घटनाओं को रोका जाएगा। उन्होंने दावा किया कि इस प्लान से सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली मौतों की संख्या को कम किया जा सकेगा।

हर 50 किलोमीटर पर एंबुलेंस

इसके साथ ही दुर्घटना का शिकार हुए लोगों के लिए अब आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेसवे में हर 50 किलोमीटर पर जीवन रक्षक उपकरणों वाली एंबुलेंस की तैनाती की जाएगी। इससे दुर्घटना का शिकार हुए लोगों को तुरंत मदद मिल सकेगी। निर्देश है कि सड़क दुर्घटनाओं के घायलों को एंबुलेंस की मदद से जल्द से जल्द नजदीकी ट्रामा सेंटर पहुंचाया जाए। 

नियमों के पालन कराने में सख्ती

एक्सप्रेसवे पर दुर्घटना रोकने के लिए अब ब्लैक स्पॉट को भी सुधारा जाएगा। दुर्घटना बाहुल्य स्थानों को भी इंजीनियरिंग के जरिए सुधारा जाएगा। तमाम नियमों को लगाने के बाद भी दुर्घटना में कमी नहीं आ रही है। वर्ष 2022 में यमुना एक्सप्रेसवे पर 303 हादसे हुए जो 2023 में बढ़कर 378 हो गए। इसमें 89 लोगों ने अपनी जान गंवाई। इसलिए नियमों का पालन न करने पर अब और सख्ती बरती जाएगी। उल्टी दिशा में गाड़ी चलाना, ओवर स्पीडिंग करना और ओवरलोडिंग पर जुर्माना लगेगा। हालांकि आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर जुर्माना वसूलने की व्यवस्था पहले से लागू है। जिसके बाद दुर्घटनाओं में करीब 50 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।

इन बातों का भी रखा जाएगा घ्यान

इसके साथ ही इस बात पर भी ध्यान दिया जाएगा कि कोहरे से गाड़ियों का आपस में ने टकराएं, एक्सप्रेसवे पर पशुओं के आवागमन को रोका जाए जिससे दुर्घटना न हो। इसके अलावा वाहन चालक की सुरक्षा के लिए भी कुछ निर्देश दिए गए हैं। चालक को हर 100 किमी पर को रुकने के लिए प्रेरित किया जाएगा और हर दो घंटे के सफर के बाद कैंटीन, वॉशरूम की सुविधा के उपयोग के लिए प्रेरित किया जाएगा।

चौराहों को भी किया चिह्नित

एडीजी ने बताया कि यातायात निदेशालय ने राष्ट्रीय एवं राज्य राजमार्गों पर 5800 खतरनाक चौराहों एवं तिराहों को भी चिह्नित किया है। दरअसल, प्रदेश में सड़क दुर्घटना होने वाली 70 फीसदी मौतों की वजह गलत तरीके से बने चौराहे और तिराहे हैं। इसमें से दो-तिहाई हादसे राष्ट्रीय राजमार्ग से राज्य राजमार्ग को जोड़ने वाले चौराहों एवं तिराहों होते हैं। यातायात निदेशालय ने जीपीएस लोकेशन के जरिए इन्हें चिह्नित करने के ब थानावार बांटा है, ताकि राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और पीडब्ल्यूडी की मदद से इन सुधारा जा सके।

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