Unemployment Rate in UP: यूपी में घटी बेरोजगारी दर तो बढ़ी लोगों को आय, केंद्र ने जारी किये आंकड़े

Unemployment Rate in UP: यूपी में कारखानों की संख्या में भी जोरदार इजाफा हुआ है। साल 2017-18 में जहां सूबे में 15830 कारखाने थे, जो 2019-20 बढ़कर 16184 कारखानें हो गए हैं। शिक्षा, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के साथ सामाजिक सेक्टर में भी योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान बढ़ा है।

Update: 2023-03-30 12:28 GMT
Unemployment Rate in UP (Newstrack)

Unemployment Rate in UP: केंद्र सरकार के सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने जो आंकड़ें जारी किये हैं, उससे यूपी की योगी सरकार ने जरूरत राहत की सांस ली होगी और सूबे के विपक्षीय पार्टियां से एक मुद्दा छिन गया होगा। 2017 से भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार आने के बाद से बीते छह सालों से लगातार विपक्षीय पार्टी समाजवादी पार्टी (सपा) सहित कई अन्य दल बेरोजगार के मुद्दे पर योगी सरकार को घेर रहे हैं। इस मुद्दे पर सरकार भी बराबर- बराबर जवाब देती आ रही कि जब से सूबे की सत्ता में भाजपा सरकार आई है, प्रदेश में रोजगार के द्वार खुलें और बेरोजगारी का आंकड़ा घटा है। अब सूबे में बेरोजगारी दर में आई कमी की पुष्टि भी हो गई है।

ग्रामीण और नगरी दोनों में घटी बेरोजगारी

केंद्रीय सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय से मिले आंकड़ों के मुताबिक, यूपी में पिछले सालों में बेरोजगारी दर में काफी कमी आई है,जो कि यहां के युवाओं के साथ राज्य सरकार के लिए राहत का विषय है। बेरोजगारी दर में गिरावट नगरी क्षेत्र के साथ ग्रामीण क्षेत्र में घटी है। यह गिरावट 2017 से लगातार जारी है। वहीं, प्रदेश में विकास के अन्य संकेतकों में शानदार प्रदर्शन किया है।

जानिए छह सालों की कितनी घटी बेरोजगारी

मंत्रालय के मुताबिक, साल 2017-18 में यूपी में नगरी क्षेत्र की बेरोजगारी दर 10 हजार जनसंख्या पर जहां 97 पर थी, वहीं 2020-21 में यह घटकर 88 पर आ गई। साल 2017-18 में यूपी में ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी दर 10 हजार जनसंख्या पर 55 थी तो वहीं, साल 2020-21 में घटकर यह 32 पर हो गई है।

प्रति व्यक्ति आय बढ़ाकर हुआ 61 हजार पार

इसके अलावा यूपी में लोगों की प्रति व्यक्ति आय में बीते 6 सालों में बढ़ोतरी हुई है। मंत्रालय के मुताबिक, साल 2017-18 में यूपी में प्रति व्यक्ति आय 57944 रुपये पर रिकॉर्ड की गई थी, जो साल 2021-22 में बढ़कर 68810 रुपये प्रति व्यक्ति आय पहुंच गई है। इस बीच 2018-19 में 62350 रुपये, 2019-20 में 65666 रुपये और 2020-21 में 61666 रुपये प्रति व्यक्ति आय थी।

कारखनों की संख्या भी बढ़ी

यूपी में कारखानों की संख्या में भी जोरदार इजाफा हुआ है। साल 2017-18 में जहां सूबे में 15830 कारखाने थे, जो 2019-20 बढ़कर 16184 कारखानें हो गए हैं। यूपी कारखानों की संख्या के मामले में हरियाणा, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और पश्चिम बंगाल राज्य से आगे है।

इन जहगों पर भी दिया सरकार ने ध्यान

मिली जानकारी के मुताबिक, शिक्षा, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के साथ सामाजिक सेक्टर में भी योगी सरकार के कार्यकाल के दौरान बढ़ा है। सरकार ने शिक्षा, लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण में खर्च में वृद्धि की है। सरकार ने अपने बजट का कुल व्यय इन सेक्टरों में बढ़ाकर 5.9 फीसदी कर दिया है,जो कि 2021-22 का है। इससे पहले यह साल 2017-18 में 5.3 फीसदी पर था। समाजिक सेक्टर में यूपी सरकार ने वर्ष 2021-22 में 211660.8 करोड़ रुपये खर्च किये हैं। इससे पहले यह 2019-20 में 142287.7 करोड़ रुपए था।

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