UP News: हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट पर योगी सरकार का एक्शन शुरू, FSDA की टीम ने मारी छापेमारी
UP News: हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट की उत्पादों की जांच पड़ताल के लिए खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा छापेमारी की गई। लखनऊ और कानपुर स्थित कई स्थानों पर छापेमारी जारी है।
UP News: हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट पर योगी सरकार ने सख्ती शुरू कर दी। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन द्वारा कानपुर और लखनऊ समेत कई स्थानों में छापेमारी की। लखनऊ के सहारा मॉल में टीम हलाल प्रोडक्ट चेक करने पहुंची। मॉल के स्मार्ट बाज़ार में हलाल सर्टिफाइड प्रोडक्ट की जांच हो रही। छापेमारी के दौरान खाद्य समाग्री कोल्ड ड्रिंक्स अन्य आइटम चेक किए गए। इसके साथ ही मीट, ड्राई फ्रुट्स, कोल्ड ड्रिंक सहित नॉन फूड आइटम की जांच पड़ताल हुई। मालूम हो कि हज़रतगंज थाने में आठ कंपनियों पर एफआईआर दर्ज करायी गयी है। इसके बाद FSDA ने यूपी में हलाल सर्टिफाईड प्रोडक्ट पर बैन लगाया है।
CM योगी ने हलाल सर्टिफिकेशन जांच STF को सौंपी
वहीं, सीएम योगी आदित्यनाथ ने हलाल सर्टिफिकेशन पर बड़ा फैसला लिया है। सीएम योगी ने मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंप दी है। गौरतलब है बीते दिनों हजरतगंज कोतवाली में इससे जुड़ा मुकदमा दर्ज किया गया था।
योगी सरकार ने यूपी में लगा दी है पाबंदी
बता दें कि विदेश में निर्यात होने वाले मांस और उससे निर्मित उत्पादों पर हलाल प्रमाण पत्र जारी होता रहा है। धीरे-धीरे स्थिति यह हुई की तेल, साबुन, घी सहित सभी उत्पादों पर हलाल प्रमाणन की मुहर लगाने लगी। इससे एक तरह से इस प्रमाणन के जरिए उत्पाद को बेचने का हथकंडा अपनाया जाने लगा। इस मामले की जानकारी मिलने पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग की टीम से स्थिति की जानकारी ली। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद इसे रोकने की रणनीति बनाई गई और 18 नवंबर 2023 को इस पर यूपी में पाबंदी लगा दी गई। अब उत्तर प्रदेश में हलाल प्रमाणन वाले किसी भी खाद्य उत्पादों एवं दवाओं को स्वीकार नहीं किया जाएगा। शनिवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया गया है। यदि कोई उत्पादन हलाल प्रमाणन वाला पाया गया तो संबंधित निर्माता के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी। निर्माण के साथ ही भंडारण, वितरण, विक्रय पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है।
निर्यात के लिए रहेगी छूट
यदि यूपी में कार्यरत कोई निर्यातक अपने खाद्य उत्पाद अथवा दवा को उन देशों के लिए तैयार करता है, जहां हलाल प्रमाणन युक्त खाद्य उत्पाद ही स्वीकार किए जाते हैं तो उसे छूट दी जाएगी। वह दूसरे देश के लिए तैयार होने वाले उत्पाद का निर्माण, भंडारण एवं वितरण कर सकेगा।
जानिए क्या है नियमावली
उत्तर प्रदेश की नियमावली में हलाल प्रमाणीकरण का कोई नियम नहीं है। केवल गुणवत्ता, पैकिंग, लेबलिंग सही होनी चाहिए। नए आदेश के बाद यदि कोई हलाल प्रमाणीकरण युक्त दवाओं, प्रसाधन सामग्री व खाद्य सामग्री तैयार करता है अथवा भंडारण व वितरण करता है तो उसके खिलाफ अधिनियम 1940 व तत्संबंधी नियमावली के अधीन कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत तीन साल का कारावास, एक लाख रुपये जुर्माना और नियम 18 ए के तहत छह माह का कारावास अथवा 25 हजार का जुर्माना हो सकता है।