अहंकार में डूबी हुई है यूपी सरकार, NDA के हाथ से निकल सकता है चुनाव: अपना दल
अपना दल (एस) के राष्ट्रीय प्रवक्ता ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह पटेल ने यूपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यूपी का शीर्ष नेतृत्व और सरकार अंहकार में डूबी है,यदि यहीं हाल रहा तो इनकी लुटिया डूबना तय है।
कानपुर: 2019 के लोकसभा सभा चुनाव उत्तर प्रदेश में सपा बसपा मिलकर लड़ने जा रहे है। सपा बसपा गठबंधन ने बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के बीच जो मजबूत गांठ बंधी थी उसे ढीला करने का काम भी कर रहा है। एनडीए के घटक दलों को भी इस बात का अहसास हो गया कि यह गठबंधन बीजेपी के साथ ही साथ सहयोगी दलों को उखाड़ कर फेक सकता है।
अपना दल (एस) के राष्ट्रीय प्रवक्ता ब्रजेन्द्र प्रताप सिंह पटेल ने यूपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यूपी का शीर्ष नेतृत्व और सरकार अंहकार में डूबी है,यदि यहीं हाल रहा तो इनकी लुटिया डूबना तय है। सपा बसपा गठबंधन होने से एनडीए के हाथ से चुनाव निकल सकता है। इसका असर सहयोगी दलों पर भी पड़ेगा। उन्होंने ये भी कहा कि यदि हमारे साथ अपमानजनक स्थिति बनी रही तो हम गठबंधन पर पुनर्विचार करेगे।
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उत्तर प्रदेश सरकार को बने हुए 18 माह का समय बीत चुका है। इस दौरान अपना दल (एस) को सरकार वो सम्मान नही मिला है जिसकी वो हक़दार है। जबकि केंद्रीय नेतृत्व पूरी तरह से हमारे साथ है और हम सभी यही चाहते है कि नरेन्द्र मोदी एक बार फिर से प्रधानमन्त्री बने। केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल और हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष आशीष पटेल भी यही चाहते है।
लोकसभा चुनाव में सपा और बसपा मिलकर चुनाव लड़ेगी। सपा बसपा के गठबंधन के आगे हमारा गठबंधन कमजोर पड़ जायेगा। प्रदेश के भीतर हमारे विधायकों और कार्यकर्ताओं की सुनी नही जा रही है। हम लोकसभा चुनाव में कैसे कहेंगे कि हमें चुनाव जिताओं, हमारे सामने यह सब बड़ी चुनौती है। यह गठबंधन बनेगा और यदि उत्तर प्रदेश सरकार की यही हरकतें जारी तो यह चुनाव हाथ से निकल जाएगा। लेकिन उत्तर प्रदेश की भाजपा पता नहीं किस नशे में और अहंकार में डूबे है ये लोग। जब चुनाव नजदीक आया तो हनुमान की जाति बताते घूम रहे है।
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रही बात सीटों के बटवारे की तो हमारी अपनी पूरी तैयारी है हमारी पार्टी का जनाधार 30 से 35 सीटों पर है। आज की बात की जाए तो हम अकेले लगभग 35 सीटो पर बहुत अच्छा चुनाव लड़ सकते है। लेकिन हम चाहते है कि एनडीए बना है तो नरेन्द्र मोदी को क बार फिर से प्रधानमन्त्री बनाया जाए। अब नरेन्द्र मोदी और अमित शाह को तय करना है कि यूपी की भाजपा उनके ईशारे पर काम कर पाएगी या नही कर पाएगी l यदि वो अपमान जनक हालात पैदा करते रहेगे तो हम लोग पुनर्विचार करेंगे।
उन्होंने कहा कि हमारी किसी भी हालत में समाजवादी पार्टी से नजदीकी नहीं बढ़ सकती है। अखिलेश यादव जब मुख्यमंत्री थे और उत्तर प्रदेश के लोकसेवा आयोग में भ्रष्टाचार बढ़ रहा था।पहली विधायक अनुप्रिया पटेल थी जो नवजवानों के आरक्षण के खिलाफ इलाहबाद में धरने पर बैठी थी। हम अखिलेश यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ रहे है तो अब उनके साथ जाने का सवाल ही पैदा नही होता है। महागठबंधन के साथ जाने पर उन्होंने कहा कि अभी यह कहना बहुत जल्दबाजी होगा लेकिन हम राजनीति में है तो आंखे और कान खोल कर है।
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