यूपी में रोडवेज बसों में सफर करते हैं, तो यह खबर आपके लिए है

Update:2017-09-23 20:16 IST

लखनऊ। अगर आप यूपी की रोडवेज बसों में सफर करते हैं तो यह खबर आपके लिए बेहद लाभकर साबित हो सकती है। यात्रा के दौरान कभी न कभी दिक्कतों का सामना करना भी पड़ा होगा। इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कि रोडवेज बसों को चलाने के क्या नियम हैं। बसों के चालकों को कितने स्पीड से बसों को चलाना चाहिए तथा उनके मानक नियम क्या बोलते हैं। बसों को चलाने के लिए यूपी परिवहन निगम ने गाइड लाइन तैयार कर रखी है। आइए इन नियमों को हम जानते हैं।

80 की गति से तेज चले बस तो चालक को टोके

कैसरबाग बस अड्डा के एआरएम एम के शर्मा ने परिवहन के नियम बताते हुए कहा कि अक्सर यात्रा के बीच में आने वाली परेशानियों के लिए जिम्मेदार बसों के चालक होते हैं। सवारी पाने की होड़ में आगे चल रही बसों को ओवरटेक करने में हादसे हो जाते हैं। परिवहन निगम ने बसों की निर्धारित गति 80 तय कर रखी है। इससे अधिक चाल से रोडवेज बसों को भगाने पर चालक पर सवाल उठने शुरू हो जाते हैं। लंबी रूट वाली गाड़ियों में ऐसी शिकायतें रोजाना आती रहती हैं। एआरएम एम के शर्मा के मुताबिक, अगर चालक बस को 80 से अधिक स्पीड में चला रहा है तो उसको तुरंत धीरे चलाने के लिए बोलना चाहिए।

चालक नहीं माने तो परिवहन निगम के कस्टमर केयर पर तुरंत करें शिकायत

चालक बस को मानक गति से तेज चला रहा है और बोलने पर भी मनमाने तरीके से बसों को चालक फिर भी चला रहा है तो तुरंत परिवहन निगम के कस्टमर केयर नंबर पर 18001802877 फोन कर उनकी शिकायत करें। परिवहन के अधिकारी समस्या हल करेंगे।

गलत रूट में न चलने दें बसों को

लंबी रूट वाली बसें कुछ समय चलने के बाद ढाबों पर रुकती हैं। इसके लिए बसों के चालक तय ढाबे पर ही बसों को रोकना चाहते हैं। अक्सर ये देखा जाता है कि अगर बस बायीं ओर चल रही है तो दायीं ओर ढाबा होता है। ढाबे पर जाने के लिए चालक गलत रूट में चलना शुरू कर देते हैं। अगर सफर के दौरान चालक ऐसा करना चाहे तो तुरंत रोके। गलत रूट में चलने से अभी तक कई बार दुर्घटना हो चुकी है।

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