कैसरबाग बस अड्डा के एआरएम एम के शर्मा ने परिवहन के नियम बताते हुए कहा कि अक्सर यात्रा के बीच में आने वाली परेशानियों के लिए जिम्मेदार बसों के चालक होते हैं। सवारी पाने की होड़ में आगे चल रही बसों को ओवरटेक करने में हादसे हो जाते हैं। परिवहन निगम ने बसों की निर्धारित गति 80 तय कर रखी है। इससे अधिक चाल से रोडवेज बसों को भगाने पर चालक पर सवाल उठने शुरू हो जाते हैं। लंबी रूट वाली गाड़ियों में ऐसी शिकायतें रोजाना आती रहती हैं। एआरएम एम के शर्मा के मुताबिक, अगर चालक बस को 80 से अधिक स्पीड में चला रहा है तो उसको तुरंत धीरे चलाने के लिए बोलना चाहिए।
लंबी रूट वाली बसें कुछ समय चलने के बाद ढाबों पर रुकती हैं। इसके लिए बसों के चालक तय ढाबे पर ही बसों को रोकना चाहते हैं। अक्सर ये देखा जाता है कि अगर बस बायीं ओर चल रही है तो दायीं ओर ढाबा होता है। ढाबे पर जाने के लिए चालक गलत रूट में चलना शुरू कर देते हैं। अगर सफर के दौरान चालक ऐसा करना चाहे तो तुरंत रोके। गलत रूट में चलने से अभी तक कई बार दुर्घटना हो चुकी है।