डिजिटाइज हुई यूपी विधानसभा, एक क्लिक पर आएगी 25 साल की कार्यवाही

गूगल सर्च इंजन की तरह साइट के सर्च आप्शन के जरिए आम जनता तक सूचनाओं की पहुंच आसान हो सकेगी। कार्यवाही की जानकारी करने में विधानसभा सदस्यों को भी आसानी। आरटीआई की तरह काम करेगा। इसमें यह जानकारी उपलब्ध हो सकेगी कि विशेष विषय पर कितने सदस्यों की भागीदारी रही। विशेष समय सीमा के अंदर उठाए गए सवालों की संख्या जानी जा सकती है।

Update: 2016-08-22 09:56 GMT

लखनऊ: अब यूपी विधानसभा के पिछले 25 वर्ष की कार्यवाही आनलाइन देखी जा सकेगी। इसके तहत कार्यवाही का आडियो और वीडियो भी उपलब्ध होगा। यह संभव हो पा रहा है सदन की कार्यवाही के डिजिटलीकरण से। सीएम अखिलेश यादव ने सोमवार को विधानभवन स्थित टंडन हाल में इसकी शुरूआत की।

-प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे ने बताया कि पिछले 25 वर्ष की कार्यवाहियों के डिजिटलीकरण का काम प्रथम चरण में शुरू हो गया है।

-दूसरे चरण में वर्ष 1952 तक की, जब प्रथम विधानसभा गठित हुई थी, कार्यवाहियों को डिजिटाइज्ड कराने का प्रस्ताव है।

पलक झपकते स्क्रीन पर सूचनाएं

-गूगल सर्च इंजन की तरह साइट के सर्च आप्शन के जरिए आम जनता तक सूचनाओं की पहुंच आसान हो सकेगी।

-कार्यवाही की जानकारी करने में विधानसभा सदस्यों को भी आसानी।

-आरटीआई की तरह काम करेगा।

-इसमें यह जानकारी उपलब्ध हो सकेगी कि विशेष विषय पर कितने सदस्यों की भागीदारी रही।

-विशेष समय सीमा के अंदर उठाए गए सवालों की संख्या जानी जा सकती है।

-किसी सत्र में कितने विधेयक प्रस्तुत किए गए।

-विधानसभा के नए पोर्टल के जरिए आप अपने विधायक के बारे में भी जान सकते हैं।

-विधानसभा कार्यवाही से जुड़े नियमों को आसानी से जाना जा सकता है।

विधायक नहीं जाते लाइब्रेरी

-सीएम अखिलेश ने कहा कि पहिए के आविष्कार के बाद दुनिया में बड़े पैमाने पर बदलाव हुआ। अगर इसी तरह हम www को व्हील मान लें तो रफ्तार बढ़ी है।

-सीएम ने कार्यवाहियों के डिजिटलीकरण की शुरूआत करते हुए कहा कि यहां इतनी बड़ी लाइब्रेरी है, पर विधायक लाइब्रेरी ही नहीं जाते। इसका लाभ तभी मिलेगा जब इसका इस्तेमाल किया जाए।

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