यूपी विधानसभा के इतिहास में पहली बार हुई इस तरह की चूक, राज्यपाल ने लिखा पत्र

यूपी विधानसभा के इतिहास में पहली बार इस तरह की चूक हुई है कि राज्यपाल के अभिभाषण की सामग्री में ही त्रुटि हो जाए। इस मुददे पर योगी सरकार की खूब किरकिरी हुई है।

Update: 2017-05-20 13:24 GMT

लखनऊ: यूपी विधानसभा के इतिहास में पहली बार इस तरह की चूक हुई है कि राज्यपाल के अभिभाषण की सामग्री में ही त्रुटि हो जाए। इस मुददे पर योगी सरकार की खूब किरकिरी हुई है।इसका संज्ञान लेते हुए राज्यपाल राम नाईक ने विधानसभा में अपने अभिभाषण में हुई चूक को दुरूस्त करने के लिए विधान सभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित को पत्र लिखा है।

जिसमें उन्होंने साफ कहा है कि मेरे द्वारा दिए गए अभिभाषण के पृष्ठ संख्या तीन पर किसानों की कर्ज माफी के विषय में 31 मार्च की जगह 31 दिसंबर 2016 छप गया है। इसके अतिरिक्त किसानों से पहले शब्द समूह लघु एवं सीमांत टंकित होने से छूट गया था।

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राज्यपाल ने कहा है कि उस त्रुटि का निवारण करने के लिए राज्य मंत्रिपरिषद के परामर्श/अनुमोदन के अनुसार संविधान के अनुच्छेद 175(2) के तहत राज्य विधान सभा के विचार के लिए अपना संदेश भेज रहा हूं। उन्होंने कहा है कि कृपया इस संदेश को राज्य विधान सभा के समक्ष विचार के लिए प्रस्तुत करें।

अगली स्लाइड में जानिए क्या है पूरा मामला ?

क्या है मामला ?

-17वीं विधानसभा के पहले सत्र के पहले दिन राज्यपाल के अभिभाषण में टंकणीय त्रुटि पाई गई।

-सरकार पहले ही लघु एवं सीमांत किसानों के 31 मार्च 2016 तक के एक लाख तक के कर्ज माफ करने का वादा कर चुकी है।

-राज्यपाल ने अपने अभिभाषण में यह तारीख 31 दिसंबर 2016 पढ़ी।

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