UP: जेल में बंद अपराधी ले रहे सेल्फी, आखिर कहां से आया मोबाइल उनके पास?

Update: 2018-02-09 12:04 GMT
UP: जेल में बंद अपराधी ले रहे सेल्फी, आखिर कहां से आया मोबाइल उनके पास?

गोरखपुर: यूपी सरकार जहां अपराधियों को सुधारने को जेल के भेज रही है, वहीं कैदी मौज-मस्ती के साथ सजा पूरी कर रहे हैं। जेल के अंदर बंद कैदियों के पास मोबाईल की भरमार है। मोबाइल के जरिए कैदी अपराध की साजिश रचने में लगे हुए हैं। ये मोबाइल से लैस अपराधी जेल से ही रंगदारी मांग रहे हैं। लेकिन हद तब हो गई जब अपराध की दुनिया में अपनी हनक कायम करने के लिए जेल में बंद अपराधी अब अपनी सेल्फी लेकर फेसबुक पर अपलोड कर रहे हैं। जो जेल के अंदर मोबाइल यूज के प्रमाणित सबूत दे रहा।

बस्ती जेल में बंद चार कैदियों ने न केवल सेल्फी और फोटो ली बल्कि उसे विशाल उपाध्याय नाम की फेसबुक आईडी से अपलोड कर दिया और कैप्शन में लिखा गया कि माफिया। जिस विशाल उपाध्याय के फेसबुक आईडी से जेल के अंदर की फोटो पोस्ट की गई है वह भी कारावास में हत्या के एक मामले में बंद है।

इन कैदियों के पास मोबाइल आया कहां से?

अब सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि आखिर इन कैदियों के पास मोबाइल आया कहां से? सजा काट रहे कैदियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे जेल प्रशासन की मिलीभगत से नियमों को ताक पर रख रहे हैं। जेल के जिम्मेदार सब कुछ जानने के बाद भी चुप्पी साधे हैं, क्योंकि कैदियों के मोबाइल देने के बदले उन्हें मोटी रकम मिलती है।

बस्ती जेल का ये है हाल

बस्ती जेल में लगभग 450 कैदियों की क्षमता है। यहां 1,000 कैदी बंद हैं। इनमें अधिकतर शातिर कैदियों के पास मोबाइल है और वे जेल के अंदर से ही बाहर अपराध की दुनिया को नियंत्रित करते हैं। शायद यही वजह है कि प्रदेश में अपराधी जेल के अंदर पहुंच तो रहे हैं मगर अपराध पर नियंत्रण नहीं लग पा रहा। ऐसे अपराधियों को जेल के भीतर भी सुख सुविधाएं आसानी से मिल जा रही हैं।

ये कहा जेलर ने

इस संबंध में डिप्टी जेलर अनिल कुमार ने कहा, यह फोटो मुलाकात के दौरान ली गई लगती है। मामले की जांच कराई जाएगी। जेलर ने कहा कि गेट पर कड़ी जांच होती है। मगर फिर भी यह संभव है कि कोई चकमा देकर मोबाइल ले जा सकता है।'

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