लखनऊ: अब दलित महिला से दुष्कर्म मामले में सरकार की ओर से सवा आठ लाख रुपए तक की सरकारी मदद दी जाएगी। राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोगों की आर्थिक सहायता और पुनर्वासन की दरों में वृद्धि का फैसला लिया है।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इसी साल अप्रैल महीने में दलितों पर होने वाले अत्याचार और उत्पीडऩ मामलों में मदद, मुआवजे आदि की प्रक्रिया में बदलाव किया था। राज्य सरकार ने उन बदलावों को स्वीकार कर लिया है।
राहत राशि को बढ़ाया गया
मंगलवार को समाज कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुनील कुमार ने इस आशय का शासनादेश जारी कर दिया। इसमें अत्याचार के विभिन्न अपराधों के लिए मुआवजे की राशि तर्कसंगत बनाई गई है। अपराध की प्रकृति के आधार पर राहत राशि को 75,000 से साढ़े सात लाख रुपए से बढ़ाकर 85,000 से सवा आठ लाख रुपए तक कर दिया गया है।
विभिन्न अपराधों में मिलेगी ये मुआवजा राशि
-हत्या या मृत्यु की स्थिति में भी सवा आठ लाख रुपए मुआवजे का प्रावधान है।
-झूठी गवाही के मामले में पीड़ित को साढ़े चार लाख रुपए देने का प्रावधान हुआ है।
-घर बर्बाद होने पर सरकार घर बनवाकर देगी।
-किसी व्यक्ति को निर्वस्त्र घुमाने, जूतों की माला पहनाने, बलपूर्वक मुंडन करने या मूंछें हटाने जैसे अपराध पर पीड़ित को एक लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा।
-पूजा करने से रोकने या किसी सार्वजनिक व मनोरंजन स्थल पर न जाने देने की स्थिति में भी एक लाख रुपए मिलेगा।
-जबरन कब्र खुदवाने, हाथ से सफाई कराने या बंधुआ बनाने के मामलों में एक लाख रुपए मुआवजा मिलेगा।
-वोट डालने या नामांकन से रोकने पर 85 हजार रुपए मुआवजे का प्रावधान किया गया है।
-महिलाओं को बिना सहमति छूने और लैंगिक उत्पीड़न पर भी मदद का प्रावधान किया गया है।