उत्तर प्रदेश के आलाधिकारी कर रहे हैं किसानों से बात, सीएम ने दिए आदेश

प्रदेश सरकार ने आलाधिकारियों को तैनात कर उन्हें किसानों से सम्पर्क बनाने को कहा है। फील्ड में लखनऊ से जिलों में नोडल अधिकारी बनाकर भेजे गए हैं।

Update: 2020-12-28 07:32 GMT
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लखनऊ: केंद्र सरकार के कृषि बिल को लेकर अन्य राज्यों में चल रहे किसान प्रदर्शनों को लेकर यूपी सरकार बेहद गंभीर है। यही कारण है कि अब तक किसान आंदोलन यहां पर तेज नहीं हो पाया है। इसके पीछे राज्य सरकार की चौकसी के साथ ही किसानों से तादाम्य भी एक कारण है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने साफ कहा है कि कहीं पर गडबडी अथवा लापरवाही मिलने पर कड़ी कार्रवाई की जाए।

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प्रदेश सरकार ने आलाधिकारियों को तैनात कर उन्हें किसानों से सम्पर्क बनाने को कहा है

प्रदेश सरकार ने आलाधिकारियों को तैनात कर उन्हें किसानों से सम्पर्क बनाने को कहा है। फील्ड में लखनऊ से जिलों में नोडल अधिकारी बनाकर भेजे गए हैं। यह अधिकारी गन्ना एवं धान क्रय केंद्रों और निराश्रित गोआश्रय स्थलों का औचक निरीक्षण कर उनके कार्य का जायजा लेने का काम कर रहे हैं। इन अधिकारियों में अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, सचिव, डीजी, एडीजी, आईजी स्तर के अधिकारी शामिल हैं।

आलाधिकारी आज सुबह ही किसानों से वार्ता करने के लिए फील्ड में निकले। डीएम एसएसपी एवं एसपी किसान संगठन और नेताओं से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करने के लिए उनसे बातचीत करेंगे। जिससे वह अपने गांव और कस्बे में ही रहें।

किसान आंदोलन को लेकर पुलिस महकमे ने भी कमर कस ली है

किसान आंदोलन को लेकर पुलिस महकमे ने भी कमर कस ली है। अभी तक कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी संभाल रही पुलिस अब किसानों की समस्या भी सुनेगी। किसान नेताओं और संगठनों की सूची बनाकर गांव और कस्बों में स्वयं जाकर किसान नेताओं से मिलकर उनकी समस्या सुनने और उनका जल्द से जल्द निराकरण की व्यवस्था करेगी।

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शासन की तरफ से कहा गया है कि डीएम व एसएसपी एवं एसपी द्वारा किसान संगठन और नेताओं से मिलकर उनकी समस्याओं का समाधान करने को उनसे बातचीत करेंगे। जिससे वह अपने गांव और कस्बे में ही रहें। प्रमुख किसान नेताओं की सूची तैयार कर वरिष्ठ अधिकारी स्वयं या जिसको वो नामित करेंगे। वे सीधे किसान नेताओं से बात करेंगे।

रिपोर्ट- श्रीधर अग्निहोत्री

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