पीलीभीत स्कूल: जांच में असंतोषजनक मिली थी शैक्षणिक गुणवत्ता, हुई कार्रवाई

ग्यासपुर प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर फुरकान अली के खिलाफ कार्रवाई अल्लामा इकबाल के गीत प्रार्थना में गाये जाने के चलते नहीं की गई। 

Update:2019-10-23 21:22 IST

बीसलपुर: ग्यासपुर प्राथमिक स्कूल के हेडमास्टर फुरकान अली के खिलाफ कार्रवाई अल्लामा इकबाल के गीत प्रार्थना में गाये जाने के चलते नहीं की गई।

बल्कि हेडमास्टर के खिलाफ कार्रवाई की वजह शैक्षणिक गुणवत्ता का कम होना, बच्चों का राष्ट्रगान न गा पाना और सामान्य शब्द 'हिन्दुस्तान' 'ज्ञान प्रकाश ' न लिखा जाना है।

विद्यालय के किसी भी छात्र को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री तक का नाम नहीं मालूम है। जिला प्रशासन की ओर से कराई गई जांच ने स्कूल की शैक्षणिक गुणवत्ता की कलई खोल दी है।

जिला प्रशासन के मुताबिक़ इस स्कूल के खिलाफ जांच शिकायत मिलने पर हुई थी। अपने बचाव में फुरकान अली और कुछ अन्य तत्वों ने इसे अल्लामा इकबाल गाने से जोड़ दिया था।

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बता दे कि इस संबंध में डीएम के निर्देश पर त्रिस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया था। उक्त कमेटी में नगर मजिस्ट्रेट ऋतु पुनिया, उप जिलाधिकारी सदर वदना त्रिवेदी और जिला बेसिक अधिकारी देवेन्द्र स्वरूप शामिल थे।

मौके पर जांच करने पर स्कूल में हर स्तर पर घोर लापरवाही पाई गई थी। जिसके बाद डीएम के निर्देश पर हेड मास्टर के खिलाफ निलम्बन कार्रवाई की गई थी।

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यहां मिली थी खामियां

जांच रिपोर्ट के मुताबिक स्कूल में कभी- कभी ही राष्ट्रगान कराया जाता था।

267 बच्चों के सापेक्ष मौके पर केवल 53 बच्चे ही उपस्थित मिले थे।

किसी भी बच्चे को ‘वह शक्ति हमे दो दयानिधे’ कविता नहीं याद थी।

स्कूल में राष्ट्रगान की जगह केवल ‘लब पे आती है दुआ’ कविता ही कराई जाती थी।

बातचीत में बच्चों में शैक्षणिक गुणवत्ता की भारी कमी पाई गई थी।

बच्चों ने बताया कि उन्हें लिखित की जगह केवल मौखिक शिक्षा ही दी जाती है।

-बच्चों से जब सामान्य शब्द जैसे 'हिन्दुस्तान', 'ज्ञान प्रकाश' लिखने के लिए बोला गया तो उन्होंने असमर्थता जताई।

-किसी भी छात्र को राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री या मुख्यमंत्री का नाम नहीं मालूम था।

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हिंदी-उर्दू/ हिंदू-मुस्लिम का फैलाया जा रहा है भ्रम: प्रशासन

इस मामले में प्रशासन का कहना है कि प्रधान अध्यापक के निलम्बन को लेकर हिंदी-उर्दू/ हिंदू-मुस्लिम का एक भ्रम फैलाया जा रहा है।

जबकि इस प्रकरण में प्रधानाचार्य द्वारा स्वयं स्वीकार किया गया है कि इस प्रार्थना को उनके द्वारा एक समुदाय विशेष के बच्चों के आग्रह पर कराया जा रहा था।

साथ ही खंड शिक्षा अधिकारी द्वारा अपनी प्रारम्भिक जांच में बताया गया है कि उक्त विद्यालय में राष्ट्र गान कभी कभी ही किया जाता था।

अल्लामा ईकबाल एवम् उनकी रचनाओं का पूरा सम्मान है। इस प्रकरण में अल्लामा इक़बाल की रचनाओं को ग़लत रूप में मुद्दा ना बनाए जाने का अनुरोध है।

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