रक्षा मंत्री जी चीनी सरकार के दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब दें: वीपी मिश्रा

इप्सेफ अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि चीन दोस्त के काबिल नहीं है क्योंकि 60 वर्ष पहले भी उसने जवाहरलाल नेहरू के साथ मित्रता का हाथ बढ़ाया था और पंचशील का सिद्धांत अपनाकर धोखा दिया और हमला कर दिया था। जिससे हमारे देश को काफी क्षति उठानी पड़ी थी और नरेंद्र मोदी के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाकर धोखे से देश पर अचानक हमला कर दिया जिससे देश के योद्धा शहीद हो गए और चीन के भी लगभग 45 सैनिक हताहत हुए।

Update:2020-06-19 18:53 IST
v p mishra

लखनऊ। इंडियन पब्लिक सर्विस इम्प्लाइज फेडरेशन (इप्सेफ) के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीपी मिश्रा तथा महामंत्री प्रेमचंद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र भेजकर आग्रह किया है कि देश की सुरक्षा पर प्रहार करने वाले चीन सरकार को मुंहतोड़ सबक सिखाएं। देशभर का 5 करोड़ कर्मचारी परिवार देश की सेना के साथ है।

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देश की जनता आक्रोशित

इप्सेफ अध्यक्ष वीपी मिश्रा ने शुक्रवार को कहा कि चीन दोस्त के काबिल नहीं है क्योंकि 60 वर्ष पहले भी उसने जवाहरलाल नेहरू के साथ मित्रता का हाथ बढ़ाया था और पंचशील का सिद्धांत अपनाकर धोखा दिया और हमला कर दिया था। जिससे हमारे देश को काफी क्षति उठानी पड़ी थी और नरेंद्र मोदी के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाकर धोखे से देश पर अचानक हमला कर दिया जिससे देश के योद्धा शहीद हो गए और चीन के भी लगभग 45 सैनिक हताहत हुए। इससे देश की करोड़ों जनता आक्रोशित है और बदला लेने को कह रही है।

उन्होंने बताया कि इप्सेफ पदाधिकारियों ने देश के प्रधानमंत्री से कहा है कि चीन जैसे देश से मित्रवत व्यवहार करना खतरे से खाली नहीं रहा है। चीन पाकिस्तान एवं नेपाल की संयुक्त साजिश से सजग रहने की आवश्यकता है। भारत की 130 करोड़ जनता स्वयं को सैनिक मानती है और वह देश के लिए कुर्बानी देकर रक्षा करेंगे। जय जवान जय किसान के नारे को साकार करना होगा।

पृथ्वी किसी की जागीर नहीं

इप्सेफ के राष्ट्रीय सचिव अतुल मिश्रा ने समस्त पदाधिकारियों व कर्मचारियों से अपील की है कि सभी राष्ट्रहित और चाइना की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने के लिए चाइना निर्मित सामानों को ना खरीदने के लिए जनता को प्रेरित करें। विश्व में चाइना के सामानों का मुख्य बाजार अभी तक भारत ही है। हमारे देश से पैसा कमा कर चाइना अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत कर हमारे सैनिकों पर हमला कर रहा है इसलिए उनके सामानों का बहिष्कार करना आवश्यक है, जिससे चाइना की अर्थव्यवस्था कमजोर हो।

इप्सेफ महामंत्री प्रेमचंद ने चीन के राष्ट्रपति का ध्यानाकर्षण करते हुए कहा है कि पृथ्वी किसी की जागीर नहीं है। पृथ्वी जहां की जहां रह जाती है उसके व्यवस्थापक आते हैं और चले जाते हैं इसलिए प्रेम का सागर बने दुष्यंत नहीं।

रिपोर्टर - मनीष श्रीवास्तव, लखनऊ

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