गंगा घाटों पर बिखरी छठ की छटा, अस्ताचलगामी सूर्य को दिया गया अर्घ्य

धर्म नगरी वाराणसी के गंगा घाटों पर दोपहर से ही आस्था और श्रद्धा का रेला चल पड़ा। एक तरफ कलकल बहती गंगा तो दूसरी तरफ व्रती महिलाओं का हुजूम। अवसर था सूर्योपासना के महापर्व डाला छठ के तीसरे दिन शनिवार को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देने का।

Update:2019-11-02 20:33 IST

वाराणसी: धर्म नगरी वाराणसी के गंगा घाटों पर दोपहर से ही आस्था और श्रद्धा का रेला चल पड़ा। एक तरफ कलकल बहती गंगा तो दूसरी तरफ व्रती महिलाओं का हुजूम। अवसर था सूर्योपासना के महापर्व डाला छठ के तीसरे दिन शनिवार को अस्ताचलगामी भगवान सूर्य को अर्घ्य देने का। जहां तक नजर जा रही थी हर तरफ आस्था का सैलाब उमड़ा था।

हर 'अजुरी' में उतरे सुरुज देव

न कहीं मंत्रों की औपचारिकता और न कहीं पूजन की वैदिक रीति का बंधन। पर आराध्य के प्रति समर्पण अपने चरम पर। भगवान दीनानाथ को अर्घ्य देने के लिए गंगा घाटों पर व्रतियों का रेला दोपहर बाद से ही उमड़ने लगा। जैसे जैसे समय बीतता गया श्रद्धालुओं की भीड़ बढ़ती गयी। चार बजते बजते घाट पर तिल रखने की जगह नहीं थी।

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सिर पर पूजन सामग्री से भरी दउरी लिये पुरुष और महिलाओं का घाट पर पहुंचने का क्रम जो शुरू हुआ तो सुरुज देव के अस्त होने तक चलता रहा। ढोल और नगाड़े के आनंद स्वरों पर झूमते नाचते परिवारों का रेला एक के बाद एक घाट पर पहुंचते दिखा। अपने संकल्प पूर्ति के क्रम में महिलाओं ने पवित्र गंगा में डुबकी लगाई और गीले वस्त्रों में ही कमर भर जल में खड़े होकर भगवान भास्कर को अपनी श्रद्धा समर्पित की।

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शहर के कुंडों पर उमड़ी भीड़

गंगा तट के अलावा शहर के कुंड, जलाशयों पर भी आस्था का मेला लगा। वरुणा नदी पर भी डूबते सूरज को अर्घ्य देने वालों का जमावड़ा हुआ। डीएलडब्ल्यू स्थित सूर्य सरोवर पर भी सूर्य को अर्घ्य देने वालों का हुजूम उमड़ा। डीएलडब्ल्यू एडमिनिस्ट्रेशन ने लोगों की सुरक्षा और सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किये थे। बहुत सी महिलाओं ने घर में बनाये गये प्रतीक सरोवर में सूर्य को अर्घ्य दिया।

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रविवार को पूरा होगा महाव्रत

रविवार को उगते सूरज को अर्घ्य देने के साथ ही सूर्य उपासना का यह महासंकल्प पूरा होगा। महिलाएं अपने नाक के कोर से मांग भरेंगी और पति की दीर्घायु की कामना के साथ निर्जला व्रत का संकल्प पूरा करेंगी। छठ का अंतिम दिन रविवार को पड़ रहा है। यह एक संयोग है कि रविवार को भगवान दीनानाथ को अर्घ्य देकर संकल्प पूरा होगा।

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