होटल उद्योग पर कोरोना साया, आया तबाही के कगार पर, इतनी बुरी हालत
संक्रमण के बढ़ते प्रसार से एक बार फिर काशी के पर्यटन उद्योग पर संकट के बादल गहराने लगे हैं।
वाराणसी: कोरोना की दूसरी लहर ने एक बार फिर से देशवासियों को डरा दिया है। लोगों के दिल में लॉकडाउन का खौफ साफ देखने को मिल रहा है। संक्रमण के बढ़ते मामलों को देख बाजार की रफ्तार थमती जा रही है। वाराणसी में सबसे अधिक पर्यटन उद्योग से जुड़े लोग परेशान हैं। आलम ये है कि होटलों में पिछले एक हफ्ते में साठ फीसदी से अधिक फीसदी बुकिंग कैंसिल हो चुकी है। आने वाले दिनों में इसके और बढ़ने की आशंका है। माना जा रहा है कि अगर लॉकडाउन की दूसरी मार पड़ी तो कारोबार से जुड़े लोग सड़क पर आ जाएंगे।
तबाही के कगार पर पहुंच गया होटल कारोबार
शहर में इस समय कोरोना के 2135 एक्टिव केस हैं। कोरोना के प्रभाव से बचने के लिए जहां प्रशासनिक अमला सभी को कोविड गाइडलाइंस के अनुपलान की सलाह दे रहा है, वहीं संक्रमण के बढ़ते प्रसार से एक बार फिर काशी के पर्यटन उद्योग पर संकट के बादल गहराने लगे हैं। होटल व्यवसाइयों की मानें तो होली के बाद से कोरोना के केस के बढ़ने के साथ ही होटल्स में करवाई गयी प्री बुकिंग्स कैंसिल होना शुरू हो चुकी हैं, जिससे लाखों का घाटा होने का अनुमान है। होटल प्लाज़ा इन के एचआर मैनेजर प्रभाकर पाठक ने बताया कि 2020 के कोरोना काल के बाद स्थितियों कुछ सुधरती हुई नजर आ रही थी, लेकिन एक बार फिर बढ़ते मरीजों ने चिंता बढ़ा दी है।
कोविड की नई गाइडलाइन ने बढ़ाई परेशानी
प्रभाकर पाठक ने बताया कि शादी और अन्य समारोह के लिए जो बुकिंग थी उसमें भी 100 लोगों के लिए जारी नियम ने एक बार फिर हमारी मुश्किलें बढ़ा दी है क्योंकि पहले बुकिंग 200 से 300 लोगों की थी लेकिन अब तो नियमें कड़ाई के चलते हमारे आर्डर कैंसिल हो रहे हैं। परेड कोठी होटल एसोसिएशन के अध्यक्ष हरीश नारायण सिंह ने बताया कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने हम होटल व्यवसायियों की चिंता बढ़ा दी है।
पहले जहां बीच में रूम की बुकिंग शुरू हो गई थी लेकिन अब वह बुकिंग कैंसिल हो रही है। ऐसे में हमारे यहां 1 या 2 रूम लग पा रहे हैं। शादियों की जहां बुकिंग हुई थी वहां लोगों ने अपने गेस्ट की संख्या अब घटा दी है। ऐसे में हमारा व्यवसाय प्रभावित हो रहा है इससे कहीं ना कहीं जो वर्कर हमारे यहाँ काम कर रहे थे अब उन्हें भी हम वेतन देने में सक्षम नहीं हैं। इस तरह से कहीं ना कहीं लग रहा है कि होटल व्यवसायियों के लिए एक बड़ी मुश्किल खड़ी होगी।