Varanasi News: बीएचयू ने शूरू की अनुसंधान प्रोत्साहन योजना, शिक्षकों को मुहैया कराई जाएगी वित्तीय मदद

Varanasi News: इन योजनाओं का उद्देश्य विश्वविद्यालय में शोध व अनुसंधान के अनुकूल वातावरण तैयार करने के साथ साथ अन्य संस्थानों के शोधकर्ताओं को BHU में आकर शोध करने के लिए प्रेरित व आकर्षित करना भी है।

Written By :  Durgesh Sharma
Update: 2022-11-29 13:43 GMT

Varanasi News BHU launches research promotion scheme (BHU)

Varanasi News: शोध और इनोवेशन को अंतरराष्ट्ररीय स्तर का बनाने के लिए काशी हिन्दू विश्वविद्यालय ने अपने शिक्षकों, शोधकर्ताओं व वैज्ञानिकों को प्रोत्साहित करने व सहयोग के लिए कई नई योजनाओं व पहलों की शुरुआत की है। इन योजनाओं का उद्देश्य विश्वविद्यालय में शोध व अनुसंधान के अनुकूल वातावरण तैयार करने के साथ साथ अन्य संस्थानों के शोधकर्ताओं को काशी हिन्दू विश्वविद्यालय में आकर शोध करने के लिए प्रेरित व आकर्षित करना भी है। इसी क्रम में बीएचयू ने अपने शिक्षकों के लिए एक नई पहल– शोध प्रोत्साहन योजना, की शुरुआत की है।

इंस्टिट्यूशन ऑफ एमिनेंस, बीएचयू, के तहत आरंभ इस योजना में विश्विद्यालय के उन संकाय सदस्यों को उपकरण के लिए आंशिक वित्तीय मदद उपलब्ध कराई जाएगी, जिन्हे बाहरी संस्थानों से पहली बार शोध परियोजना प्राप्त हुई है।

विशेष परिस्थितियों में मिलेगा इतने लाख का अनुदान

उपकरण खरीद के लिए या तो कोई अनुदान नहीं मिला है अथवा उपकरण के लिए वांछित राशि की तुलना में अपर्याप्त अनुदान प्राप्त हुआ है। इस योजना के तहत ऐसे संकाय सदस्यों को उपकरणों की उपलब्धता के लिए 20 लाख रुपये तक की वित्तीय मदद का प्रावधान किया गया है।

हालांकि, कुछ विशेष परिस्थितियों में प्रस्तावित एवं स्वीकृत राशि के आधार पर 50 लाख रुपये तक की वित्तीय राशि उपलब्ध कराने की अनुशंसा भी की जा सकती है। इस योजना के तहत शोध के लिए आवश्यक ढांचागत सुविधाएं तैयार करने के लिए भी यथोचित धनराशि उपलब्ध कराने की व्यवस्था की गई है। इस वित्तीय सहायता का लाभ एक बार उठाया जा सकता है।

वीसी ने दिया धन उपलब्ध कराने का आश्वाश्न

इस योजना के तहत मिले प्रस्तावों की समीक्षा व कुलपति की स्वीकृति के लिए अनुशंसा करने हेतु कुलगुरू, काशी हिन्दू विश्वविद्यालय, की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है। उपकरण समिति के अध्यक्ष तथा प्रायोजित शोध तथा औद्योगिकी परामर्श प्रकोष्ठ के आचार प्रभारी, समिति के सदस्य होंगे।

विकास अनुभाग के उप कुलसचिव समिति के सचिव बनाए गए हैं। विश्वविद्यालय में गुणवत्तापरक शोध व नवोन्मेष को तेज़ी देने तथा इसके अनुकूल वातावरण तैयार करने की कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन की प्रतिबद्धता के अनुरूप यह योजना आरंभ की गई है।

प्रो.जैन इस बात पर ज़ोर देते रहे हैं कि उच्च स्तरीय शिक्षण व शोध सुनिश्चित करने के लिए धन को बाधा नहीं बनने दिया जाएगा और इस संबंध में उनका प्रशासन हरसंभव कदम उठाएगा।

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