शर्मनाक: यहां लोन पर बिक रही प्याज, पायल गिरवीं रख कर महिला ने की खरीदारी

प्याज के आसमान छूते दाम ने लोगों के सामने नई मुसीबत खड़ी कर दी है। थाली से प्याज गायब होता देख लोगों का गुस्सा भी धीरे-धीरे सामने आने लगा है। नौबत यहां तक आ पहुंची है कि वाराणसी में लोन पर प्याज बिक रहा है।

Update:2019-11-30 16:33 IST

वाराणसी: प्याज के आसमान छूते दाम ने लोगों के सामने नई मुसीबत खड़ी कर दी है। थाली से प्याज गायब होता देख लोगों का गुस्सा भी धीरे-धीरे सामने आने लगा है। नौबत यहां तक आ पहुंची है कि वाराणसी में लोन पर प्याज बिक रहा है। गौर करने वाली बात ये है कि यह योजना किसी बैंक या सरकारी संस्थान की नहीं है बल्कि स्थानीय दुकानदारों ने निकाला है।

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आधार कार्ड लाओ, प्याज ले जाओ

वाराणसी के सुंदरपुर में स्थित ज्वैलरी शॉप के मालिक विशाल सेठ ने ये योजना निकाली है। उनकी दुकान के आगे साफ शब्दों में लिखा है कि आधार कार्ड लाओ और लोन पर प्याज ले जाओ।

विशाल बताते हैं कि जिस तरह से प्याज के दाम आसमान छू रहे हैं, उससे लोगों को निजात दिलाने के लिए ये योजना लाई गई है। इस स्कीम के शर्त सिर्फ इतनी है कि पहचान दिखाने के लिए आधार कार्ड दिखाना पड़ रहा है। इस योजना का फायदा हर शख्स उठा सकता है।

दुकान पर उमड़ रही है भीड़

राजकुमारी देवी को जब इस योजना के बारे में पता चला तो वो भी खुद को नहीं रोक सकी। प्याज खरीदने के लिए उन्होंने अपना पायल तक गिरवी रख दिया और लोन पर प्याज लिया। दरअसल प्याज की दिनों दिन बढ़ती कीमतों से लोग परेशान है। मंडियों में प्याज 80-100 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। लिहाजा लोगों का गुस्सा भी बाहर निकल रहा है।

लाचार दिख रहे पासवान

केंद्रीय खाद्य व आपूर्ति मंत्री रामविलास पासवान का बयान भी इस बाबत सकारात्मक नहीं दिखता। प्याज के बढ़ते दाम को लेकर वे भी लाचार दिख रहे हैं। पिछले दिनों उनके बयानों से साफ हो गया है कि प्याज आगे भी रुलाएगा।

पासवान का कहना है कि दुनिया भर में प्याज की कीमतें बढ़ रही है, इसलिए भारत में भी इसका असर दिख रहा है। उनका कहना है कि प्याज आयात करने के बावजूद इसकी कीमतें कम नहीं हो पा रही है।

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आखिर क्यों महंगा हुआ प्याज

अब सवाल यह उठ रहा है कि आखिर प्याज इतना महंगा क्यों हो गया? सरकार की ओर से पासवान का कहना है कि मानसून में विलंब होने और बाद में बेमौसम बरसात की वजह से देश में प्याज के उत्पादन में 26 फीसदी की गिरावट आई।

इसके साथ ही राज्य सरकारों की ओर से मांग नहीं आने के कारण बफर स्टॉक में रखा काफी प्याज खराब हो गया। इस कारण प्याज की कीमतों में बढ़ोतरी को रोका नहीं जा सका।

केन्द्रीय मंत्रालय का कहना है कि सरकार ने पिछले दिनों बफर स्टॉक से करीब 57,000 टन प्याज बाजार में उतारा। अब केंद्र सरकार तुर्की, हॉलैंड और मिस्र से प्याज मंगाकर इसकी कीमतों को काबू में करने की कोशिश में जुटी है।

सरकार ने स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एमएमटीसी ने मिस्र से 6,090 टन प्याज के आयात का अनुबंध किया है और प्याज की यह खेप दिसंबर के पहले हफ्ते मेंआने वाली है। यह खेप जल्द ही मुंबई के नावा शेवा बंदरगाह पर आने वाली है जहां से राज्य सरकारें अपनी मांग के अनुरूप प्याज खरीद सकती हैं।

सरकार ने स्टाक लिमिट बढ़ाई

इस बीच बुधवार को प्याज की कीमतों को नियंत्रण में रखने को लेकर पासवान ने प्याज पर लगाई गई स्टॉक लिमिट को अगले आदेश तक बढ़ाने का आदेश दिया।

सरकार ने 30 सितंबर को प्याज पर स्टॉक लिमिट लगाई थी जिसके अनुसार खुदरा कारोबारियों के लिए 100 क्विंटल और थोक कारोबारियों के लिए 500 क्विंटल प्याज रखने की अधिकतम सीमा निर्धारित की गई थी। इसकी समय सीमा 30 नवंबर को खत्म हो रही थी, लेकिन अब इसे अगले आदेश तक बढ़ा दिया गया है।

अफगानी प्याज की क्वालिटी खराब

इस बीच अफगानी प्याज की आवक भी बढ़ गई है। हालांकि अफगानिस्तान से आने वाले प्याज की क्वालिटी खराब होने के कारण व्यापारी इसे खरीदने से परहेज कर रहे हैं। कारोबारियों के अनुसार 15 दिसंबर तक कीमतों में राहत के आसार नहीं है। जहां तक दिल्ली का सवाल है तो प्याज की कीमतें आसमान छू रही हैं।

ऑनियन ट्रेडर्स एसोसिएशन नासिक, गुजरात, कर्नाटक में खराब मौसम के कारण प्याज की खेप दिल्ली नहीं पहुंच रही है। इस कारण कीमतों में तेजी दर्ज की जा रही है।

सिर्फ राजस्थान के अलवर से ही प्याज दिल्ली पहुंच रहा है। अफगानिस्तान से 140 टन प्याज आया है, जो 35 रुपये प्रति किलो है, लेकिन इसकी क्वालिटी बेहद खराब है।

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