Gyanvapi Case: ASI ने सर्वे रिपोर्ट जमा करने के लिए मांगा तीन हफ्ते का और वक्त, आज होगी अहम सुनवाई

Gyanvapi Case: ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट जमा करने के लिए ASI की टीम ने एक बार फिर तीन हफ्ते का समय मांगा है। जिला अदालत आज इस मामले पर अहम सुनवाई करेगी।

Report :  aman
Update: 2023-11-29 02:04 GMT

gyanvapi masjid (Social Media)

Gyanvapi Case: भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) ने ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट (Survey report of Gyanvapi campus) जमा करने के लिए जिला जज की अदालत से तीन हफ्ते का समय मांगा है। इसी मांग पर जिला अदालत में बुधवार (29 नवंबर) को सुनवाई होगी। बता दें, जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश (District Judge Dr. Ajay Krishna Vishwesha) की अदालत ने सील वजू खाने को छोड़कर ज्ञानवापी परिसर के सर्वे का आदेश 21 जुलाई को दिया था।

गौरतलब है कि, 24 जुलाई से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने सर्वे कार्य शुरू किया था। इस पर अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी (Anjuman Arrangement Masjid Committee) सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। सर्वोच्च न्यायालय ने सर्वे आदेश पर रोक लगाई और मसाजिद कमेटी को इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने का आदेश दिया।

ज्ञानवापी मामले में अब तक

इलाहाबाद हाईकोर्ट (Allahabad High Court) ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 4 अगस्त को जिला जज के आदेश को सही ठहराया था। 4 अगस्त से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण कार्य शुरू किया। सर्वे अक्टूबर के अंत तक चला। 2 नवंबर को एएसआई ने जिला जज की अदालत को बताया कि सर्वे पूरा हो गया है। रिपोर्ट दाखिल करने के लिए अतिरिक्त समय की जरूरत है। 

सर्वे रिपोर्ट के लिए क्यों मांगा जा रहा समय?

GPR तकनीक से हुए सर्वे रिपोर्ट को बनाने में समय लग रहा है। कोर्ट ने पहले ही दो बार समयसीमा बढ़ाई थी। 28 नवंबर को समय सीमा पूरी हो गई। जिसके बाद एक बार फिर ASI ने अदालत से 3 हफ्ते का अतिरिक्त समय मांगा है। 

मसाजिद कमेटी के अड़ंगे से हुई देरी 

सर्वे का मामला लंबे वक़्त तक फंसा रहा था। जिला जज की अदालत के आदेश को अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। जिसके बाद मामला इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचा। सर्वे शुरू हुआ तो अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के पदाधिकारियों से तनातनी हो गई। कमेटी के पदाधिकारियों ने हिंदू पक्ष तथा ASI पर मनमानी के गंभीर आरोप लगाए। दो दिनों के लिए सर्वे रोक दिया। बाद में जिला जज की कोर्ट ने सर्वे आगे बढ़ाने का आदेश दिया। तब मामला सुलझा। अब रिपोर्ट दाखिल होने तथा मामले में सुनवाई का इंतजार है।

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