Varanasi News: काशी में सभी मंदिरों के कपाट बंद, चंद्र ग्रहण के चलते दोपहर में हुई आरती

Varanasi News: चंद्रग्रहण की वजह से काशी के सभी मंदिरों के कपाट आरती के बाद बंद कर दिए गए। कपाट बंद होने से पूर्व विभिन्न मंदिरों में विधि-विधान के साथ आरती की गयी।

Update: 2023-10-28 12:07 GMT

वाराणसी में चंद्र ग्रहण के चलते मंदिरों के कपाट बंद (न्यूजट्रैक)

Varanasi News: चंद्रग्रहण की वजह से शनिवार को काशी के सभी मंदिरों के कपाट आरती के बाद बंद कर दिए गए हैं। कपाट बंद होने से पूर्व विभिन्न मंदिरों में विधि-विधान के साथ आरती किया गया। जिसके बाद मंदिर परिसर में भक्तों के लिए प्रसाद वितरण भी किया गया।

बता दें कि 32 वर्षों में यह चौथी बार चंद्रग्रहण हुआ है जब दोपहर में गंगा आरती और शाम लगभग 4 बजे के करीब विभिन्न मंदिरों में आरती के बाद मंदिरों का कपाट बंद कर दिया गया है। दुर्गाकुंड स्थित दुर्ग विनायक गणेश मंदिर में गणेश महाराज का विधि-विधान के साथ आरती किया गया इसके बाद मंदिर का कपाट बंद कर दिया गया।


रविवार सुबह खुलेंगे मंदिरों के कपाट

मंदिर के पुजारी ने बताया कि अब मंदिर कल सुबह अपने निश्चित समय पर खोला जाएगा। खोलने से पहले मंदिर की साफ सफाई प्रथम गणेश का आरती किया जाएगा। इसके बाद लोगों को दर्शनार्थ मंदिर का पट खोल दिया जाएगा। इसी क्रम में दुर्गा कुंड स्थित माता कुष्मांडा का दरबार भी चंद्र ग्रहण के कारण बंद कर दिया गया। यहां पर भी लोगों का दर्शन पूजन करने के लिए तांता लगा हुआ था। निश्चित समय पर मंदिर में आरती किया गया। जिसके बाद मंदिर का मुख्य कपाट बंद कर दिया गया। दुर्गा मंदिर के सोनू पांडे ने बताया कि माता का कपाट बंद कर दिया गया है। यह चंद्र ग्रहण के कारण किया गया है।


ग्रहण काल में सभी मंदिरों के कपाट बंद कर दिए जाते हैं। इस ग्रहण काल में सबसे ज्यादा गर्भवती महिलाओं को बचाना चाहिए। उन्होंने बताया कि इसमें रोगी बच्चे को भोजन ग्रहण करने तथा अन्य कार्य करने की छूट होती है। ग्रहण काल में लोगों को भगवान का नाम जपना चाहिए जो भी भोजन या अन्य घर में रखा है उसमें तुलसी का पत्ता डालना चाहिए।

इसी क्रम में संकट मोचन मंदिर का भी आरती के बाद पट बंद कर दिया गया शनिवार होने के कारण संकट मोचन दरबार में काफी भीड़ इकट्ठा होती है वही लोग मंदिर के बाहर से ही दर्शन पूजन कर रहे थे। शनिवार के दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर दर्शन पूजन को पहुंचते हैं।

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