वाराणसी में गंगा खतरे के निशान के करीब, विश्वनाथ धाम में पहुंचा पानी, गलियों में चलने लगीं नावें

Varanasi News: गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि अब जलस्तर में बढ़ाव की रफ्तार घटी है। पानी का फैलाव क्षैतिज क्षेत्र में होने से जलस्तर में वृद्धि के दर घटी है।

Written By :  Anshuman Tiwari
Update:2024-09-17 11:15 IST

Varanasi Flood (Pic: Social Media)

Varanasi News: वाराणसी में गंगा में उफान से अब लोगों की मुसीबत काफी बढ़ गई है। गंगा के जलस्तर में लगातार बढ़ोतरी होने से अब गंगा खतरे के निशान से महज 44 सेमी नीचे बह रही हैं। गंगा में बाढ़ के कारण वाराणसी के 85 घाट और 2000 छोटे-बड़े मंदिर डूबे हुए हैं। रोज शाम को होने वाली गंगा आरती अब सड़क पर हो रही है। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट के डूब जाने के कारण शवों के अंतिम संस्कार में भी लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। गलियों में अंतिम संस्कार के लिए लंबे इंतजार की मजबूरी है। गंगा में उफान के कारण सतुआ बाबा आश्रम गली की ओर से बाढ़ का पानी श्रीकाशी विश्वनाथ धाम परिसर में भी पहुंच गया है। मणिकर्णिका घाट और अस्सी की गलियों में कमर तक भारी भर जाने के कारण अब नावें चलने लगी हैं।

खतरे के निशान के करीब पहुंचीं गंगा

वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि अब जलस्तर में बढ़ाव की रफ्तार घटी है। पानी का फैलाव क्षैतिज क्षेत्र में होने से जलस्तर में वृद्धि के दर घटकर करीब एक सेंटीमीटर प्रति घंटा रह गई है। फिर भी गंगा में उफान और वरुणा में पलट प्रवाह के चलते तटीय इलाकों में रहने वाले लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं।गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ने से अब खतरे के निशान से महज 44 सेंटीमीटर दूर रह गया है। वाराणसी में गंगा का जलस्तर मौजूदा समय में 70.82 मीटर पर है जबकि वाराणसी में गंगा के खतरे का निशान 71.26 मीटर है।


काशी विश्वनाथ धाम में घुसा पानी

गंगा से जुड़े तटवर्ती इलाकों में पानी भर जाने के कारण लोग गहरी मुश्किल में फंस गए हैं। सतुआ बाबा आश्रम गली की ओर से बाढ़ का पानी काशी विश्वनाथ धाम परिसर तक पहुंच गया है। पिछले वर्ष भी गंगा का पानी यहां तक पहुंच गया था। दशाश्वमेध और अस्सी घाट पर भी सड़क तक पानी पहुंचने की स्थिति बन गई है।ग्रामीण क्षेत्र के निचले इलाकों में रहने वाले तमाम परिवारों के लोग अपना घर छोड़कर ऊंचे स्थान और छतों पर गुजर-बसर करने के लिए मजबूर हो गए हैं। ग्रामीण इलाकों में फसल व पशुओं का चारा भी बाढ़ की भेंट चढ़ गया है। वहीं मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर शवदाह की विकट समस्या भी उत्पन्न हो गई है। दोनों ही घाटों पर गलियों में अंतिम संस्कार किया जा रहा है। अंतिम संस्कार के लिए काफी कम जगह होने के कारण लोगों को काफी इंतजार करना पड़ रहा है।


वरुणा के तटवर्ती इलाकों में हालत गंभीर

गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण वरुणा नदी में भी पलट प्रवाह का काफी असर दिख रहा है। वरुणा का पानी नालों के रास्ते सारनाथ क्षेत्र के तटवर्ती इलाकों में बने मकानों में घुस गया है। सारनाथ क्षेत्र के तटवर्ती इलाकों में रहने वाले लोग मकानों में पानी घुस जाने के कारण काफी परेशान दिख रहे हैं। कोदोपुर से लगे तटीय हिस्सों में गंगा का पानी पहुंच गया है और इससे श्मशान घाट पर जाने का रास्ता भी डूब गया है। अब लोगों को नाव का सहारा लेना पड़ रहा है। कई इलाकों में बाढ़ प्रभावित लोगों ने प्रशासन की ओर से बनाए गए राहत शिविरों में शरण ले रखी है।


हर संभव मदद देने का सीएम का वादा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार को वाराणसी के दौरे पर पहुंचे थे। वाराणसी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और बाढ़ पीड़ित लोगों को राहत सामग्री का वितरण किया। उन्होंने बाढ़ पीड़ित लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने का आश्वासन दिया है। उन्होंने वाराणसी के अफसरों को भी बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए मुस्तैद रहने का निर्देश दिया है। 

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