Varanasi News: सर सुंदरलाल अस्पताल में हड़ताल पर जूनियर डॉक्टर, स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित

Varanasi News: वार्ड में ड्यूटी के दौरान बीएचयू के कुछ छात्र इलाज कराने के लिए आए जूनियर डॉक्टरों और छात्रों में किसी बात को लेकर बहस हुई जिसके बाद छात्रों ने गुस्से में आकर पिटाई कर दिया। इसके बाद जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए।

Update: 2023-09-25 14:00 GMT

Varanasi News(Pic:Newstrack)

Varanasi News: BHU का सर सुंदरलाल अस्पताल इन दिनों जंग का अखाड़ा बना हुआ है। जूनियर डॉक्टरों ने 20 सितंबर से हड़ताल कर दिया है। यह हड़ताल अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नहीं बल्कि जूनियर डॉक्टरों की मांग है कि बीते 20 सितंबर को वार्ड में ड्यूटी के दौरान बीएचयू के कुछ छात्र इलाज कराने के लिए आए जूनियर डॉक्टरों और छात्रों में किसी बात को लेकर बहस हुई जिसके बाद छात्रों ने गुस्से में आकर पिटाई कर दिया। इसके बाद जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए। जूनियर डॉक्टरों ने कैंडिल मार्च भी निकाला और आईएमएस ऑफिस के सामने धरना प्रदर्शन भी किया। इतने तक तो ठीक है लेकिन आज जूनियर डॉक्टरों ने अपने ही विभाग के निदेशक से कहा कि अगर हमला करने वाले छात्रों की गिरफ्तारी नहीं होती है तो इमरजेंसी और आईसीयू की सेवा भी ठप्प कर दिया जाएगा।

जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से ओपीडी प्रभावित

20 सितंबर से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर हैं सर सुंदरलाल अस्पताल के सभी वार्डों से जूनियर डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं, जिसका खामियाजा दूर दराज से आने वाले मरीजों को भुगतना पड़ रहा है। बीएचयू में एक दिन में ओपीडी में अलग-अलग विभागों में लगभग 10 हजार से ज्यादा मरीज अपना इलाज करवाने के लिए आते हैं। इतना ही नहीं बीएचयू में होने वाली सर्जरी भी जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल से प्रभावित हुई है। एक दिन में बीएचयू में 300 से ज्यादा सर्जरी होती है। जूनियर डॉक्टरों का कहना है कि हमलावरों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी किया जाए नहीं तो आईसीयू की सेवाएं भी बंद कर दी जाएगी।


बीएचयू में जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से मेडिसीन, सर्जरी, जनरल ओपीडी सभी की व्यवस्थाएं ठप्प हो गई है बीएचयू में प्रतिदिन 10 हजार से अधिक मरीज दिखाने के लिए आते है इनमें से लगभग 500 से अधिक मरीजों को भर्ती किया जाता है। इन सभी मरीजों की देखरेख की जिम्मेदारी जूनियर डॉक्टरों के कंधों पर ही होती है। सर सुंदरलाल अस्पताल में 2000 बेड इमरजेंसी और 600 बेड ट्रॉमा सेंटर में हैं। इन सभी बेड पर भर्ती मरीजों की देखरेख जूनियर डॉक्टर ही करते हैं। अब जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल से सभी सेवाएं प्रभावित है।

मरीजों का हड़ताल के चलते हाल बुरा

झारखंड से अपने ससुर का इलाज कराने आई सोनी ने बताया कि हमारे ससुर को पेशाब की नली में दिक्कत है डॉक्टरों ने ऑपरेशन का डेट दिया था लेकिन जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से ऑपरेशन नहीं हो पाएगा। मजबूरन हमें बीएचयू में ही रुकना पड़ रहा है हमारा यहां जानने वाला कोई नहीं है। पिछले 3 दिनों से बीएचयू में परेशान हूं जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से सभी सेवाएं प्रभावित है। वहीं गाजीपुर से बीएचयू आए राकेश ने बताया कि उनके पिता को हार्निया है डॉक्टर ने ऑपरेशन का डेट दिया था लेकिन हड़ताल के चलते सब प्रभावित है कोई कुछ बता भी नहीं रहा है कि स्थिति कब सामान्य होगी।


आईसीयू और इमरजेंसी ठप्प करने की धमकी

सर सुंदरलाल अस्पताल के जूनियर डॉक्टरों ने बीएचयू प्रशासन को धमकी दी है कि जल्द ही मारपीट करने वाले छात्रों की गिरफ्तारी नहीं होती है तो आईसीयू और इमरजेंसी में भी हड़ताल कर देंगे। जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल से ट्रॉमा सेंटर और इमरजेंसी मिलाकर 2600 बेड पर भर्ती मरीजों पर इसका सीधा-सीधा असर पड़ने वाला है। IMS बीएचयू के निदेशक प्रो. एसके सिंह ने प्रेस रीलीज जारी कर जूनियर डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील किए थे लेकिन जूनियर डॉक्टर अपनी मनमानी करने पर आमादा हैं। बीएचयू के वीसी के द्वारा काम पर लौटने की अपील को भी नजरअंदाज कर दिए जूनियर डॉक्टर। जूनियर डॉक्टर अपनी मनमानी करने पर आमादा हैं। हड़ताल से दूर दराज से आने वाले मरीजों पर इसका असर सबसे ज्यादा देखने को मिल रहा है। दूसरे प्रदेश से मरीज आकर बीएचयू में हड़ताल खत्म होने के इंतजार में हैं।

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