Varanasi News: सर्व सेवा संघ के ध्वस्तीकरण के आदेश को लेकर शांतिपूर्वक प्रदर्शन, जताया विरोध
Varanasi News: बोले-मामला अदालत में है तो फिर सरकार क्यों कर रही है ऐसा। आज हाईकोर्ट में भी होनी है सुनवाई। देशभर के बुद्धिजीवी, गांधीवादी और विचारक आदेश के खिलाफ एकजुट होकर वाराणसी पहुंचे। गेट बंद कर धरने पर बैठे गांधीवादी नेता।
Varanasi News: राजघाट स्थित सर्व सेवा संघ भवन के ध्वस्तीकरण आदेश के विरोध में देशभर के बुद्धिजीवी, गांधीवादी और विचारक इस आदेश के खिलाफ एकजुट होकर वाराणसी पहुंचे। सर्व सेवा संघ का गेट बंद कर गांधीवादी नेता विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं। आज रेलवे प्रशासन की ओर से 13 एकड़ में बने सर्व सेवा संघ को जमींदोज करने की तैयारी है। हालांकि हाईकोर्ट में इसको लेकर एक याचिका भी दाखिल की गई है जिस पर आज सुनवाई होनी है। सर्व सेवा संघ में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का स्टैचू भी लगा है। यह बिल्डिंग आजादी की लड़ाई का इतिहास समेटे हुए है। देशभर में ध्वस्तीकरण को लेकर विरोध का स्वर तेज हो गया है। कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय राय समेत सभी नेता प्रदर्शन में शामिल हुए हैं।
सर्व सेवा संघ में भारी फोर्स के साथ भवन का ध्वस्तीकरण कर पूरे जमीन को खाली कराया जाएगा। इस जमीन पर कार्रवाई के लिए रेलवे द्वारा नोटिस जारी की जा चुकी है। इस मामले में महात्मा गांधी की विरासत को बचाने के लिए वहां रहने वाले गांधीवादी नेताओं ने विरोध किया, लेकिन प्रशासन अपनी बात पर अडिग है। तो वहीं प्रियंका गांधी ने फेसबुक पर पोस्ट शेयर करते हुए कहा था कि भाजपाई प्रशासन द्वारा इसे अवैध बताकर कार्यवाही शुरू करना महात्मा गांधी जी के विचारों और उनकी विरासत पर एक और हमला करने की कोशिश है। हम इस अत्यंत शर्मनाक कार्यवाही की घोर निंदा करते हैं और संकल्प लेते हैं कि महात्मा गांधी की विरासत पर हो रहे हर हमले के खिलाफ डटकर खड़े रहेंगे।
प्रशांत भूषण ने भी ट्वीट कर पोस्ट किया कि सन 1949 में आचार्य विनोबा भावे ने गांधीजी के विचार को प्रकाशित करने के लिए सर्व सेवा संघ की स्थापना की थी। 1960 में रेलवे ने कई एकड़ जमीन सर्व सेवा संघ को बेची, लेकिन अचानक मोदी सरकार इसको बंद कर जमीन हड़पना चाहती है। वहीं सर्व सेवा संघ के व्यवस्थापक एवं उत्तर प्रदेश सर्वोदय मंडल के अध्यक्ष राम धीरज ने बताया कि 1949 में सर्व सेवा संघ की स्थापना की गई जिसके लिए रेलवे से रजिस्ट्री कराई गई है, जिसके सारे दस्तावेज हमारे पास हैं जो पैसे जमा किए गए थे उसके चालान की रसीद भी है। प्रशासन की इस कार्रवाई का घोर विरोध करेंगे और अनशन पर बैठेंगे। उन्होंने कहा कि मामला न्यायालय में होने के बावजूद भी प्रशासन जबरन इस जमीन पर कब्जा करना चाहता है। आनंद कुमार, डॉ सुनीलम, पूर्व सांसद अनिल हेगड़े, कांग्रेस नेता अजय राय समेत सैकड़ों लोग प्रदर्शन में शामिल हैं।
बुलडोजर चलाने के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए
इस सर्व सेवा संघ परिसर में करीब 20 परिवार और करीब ढाई सौ लोग रहते हैं। वहां के अनुयायियों का कहना है कि सरकार से हमारा निवेदन है कि लंबे समय से स्थापित उस संस्थान पर बुलडोजर चलाने के फैसले पर पुनर्विचार करे। यदि सरकार अपना हठ नहीं छोड़ती है, तो हम सब काशीवासी और गांधी के विचारों में आस्था रखने वाले लोग उसके सामने माला लेकर खड़े हो गांधीवादी प्रतिरोध के लिये विवश होंगे।
स्वतंत्रता सेनानियों ने जताया कड़ा विरोध
राजघाट में गांधी विद्या संस्थान का स्थापना मूल रूप से जयप्रकाश नारायण के द्वारा किया गया। 104 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी विश्वनाथ खन्ना ने कहा कि गांधी-विनोबा-जेपी की विरासत को मिटने नहीं देना है, इसके लिए भले ही हम सबको मिटना पड़े, वहीं सर्व सेवा संघ के व्यवस्थापक राम धीरज ने बताया है कि 30 जून को देश के कई जगहों से गांधी समर्थक अनुयाई इकट्ठा होंगे और प्रशासन की इस कार्रवाई का शांतिपूर्वक विरोध करेंगे।