Varanasi News : NEET परीक्षा में अनियमितता के खिलाफ एनएसयूआई का प्रदर्शन, मार्कशीट जलाकर किया विरोध

Varanasi News : प्रदेश के वाराणसी के सिगरा चौराहे पर शनिवार की दोपहर एनएसयूआई ने नीट परीक्षा में धांधली को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष ऋषभ पांडे ने अपने हाई स्कूल, इंटर और ग्रेजुएशन की मार्कशीट को आग के हवाले कर दिया।

Report :  Rishu Pathak
Update: 2024-06-22 12:07 GMT

Varanasi News : प्रदेश के वाराणसी के सिगरा चौराहे पर शनिवार की दोपहर एनएसयूआई ने नीट परीक्षा में धांधली को लेकर जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष ऋषभ पांडे ने अपने हाई स्कूल, इंटर और ग्रेजुएशन की मार्कशीट को आग के हवाले कर दिया। यही नहीं, चौराहे पर बैठकर ऋषभ पांडे ने जूता पालिश भी किया। 

वाराणसी के सिगरा तिराहे पर नीट परीक्षा धांधली के विरोध में इकट्ठा हुए एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी के साथ जमकर विरोध किया। इस दौरान ऋषभ पांडे ने अपनी मार्कशीट को जला दिया और कहा कि सरकार युवाओं को नौकरी नहीं दे पा रही है, और ज्यादातर एग्जाम में धांधली भी हो रही है। जिससे हम जैसे युवाओं का भविष्य खराब हो रहा है। हम परीक्षाओं के लीक होने पर यह संदेश देना चाहते हैं, इसलिए हमने विरोध प्रदर्शन किया है। देश और प्रदेश में लगातार परीक्षा लीक हो रही है। उत्तर प्रदेश में एआरओ, यूपी पुलिस, नीट या यूसीजी की परीक्षा हो, सब लीक हो रहा है। युवाओं के भविष्य के साथ या सरकार खिलवाड़ कर रही है। यह यह मामला सामने आता है कि पूरा परीक्षा का पेपर बिक चुका है। 


ऋषभ ने बताया कि ऐसे में मैं आज खुद का अपना 10वीं, 12वीं और स्नातक का अंकपत्र जलाकर विरोध किया है। गांधीवादी तरीके से अपनी मार्कशीट की प्रतिलिपि आग के हवाले किया है। इसके बाद बूट पॉलिश की है, आगे यदि परीक्षाओं का लीक होना बंद नहीं हुआ तो हम प्रधानमंत्री कार्यालय का घेराव करेंगे। ऋषभ पांडे ने बताया कि लेखपाल परीक्षा लीक के दौरान भी एक कानून बनाया गया था, लेकिन क्या हुआ। उत्तर प्रदेश में परीक्षाएं लगातार लीक हो रही हैं और युवा गोलगप्पे और चाट के साथ ही साथ चाय की दुकान लगाने को मजबूर हो गए हैं।

नई शिक्षा नीति के सवाल पर ऋषभ ने कहा कि यह तब कारगर है, जब हमारी परीक्षाएं लीक नहीं होगी। हमें रोजगार मिलेगा और हमें कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ेगा, तब शिक्षा नीति कारगर मानी जाएगी।

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