Gyanwapi Masjid: ज्ञानवापी मस्जिद में बनाया जाएगा वैक्लपिक वजूखाना, कल से शुरू हो सकता है काम

Gyanwapi Masjid: अदालत के आदेश पर वजूखाने (शिवलिंग का स्थान) को सील किए जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने वाराणसी के जिलाधिकारी को मस्जिद में वजू की वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने का आदेश दिया है।

Update:2022-05-28 16:30 IST

वाराणसी: ज्ञानवापी मस्जिद: Photo - Social Media

Varanasi: वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद (Gyanvapi Mosque) में सर्वे के दौरान कथित शिवलिंग (Shivling) मिलने के दावे के बाद से हलचल तेज हो गई है। हिंदू पक्ष (Hindu side) जहां इसे अपनी जीत की तरह पेश कर रहा है, वहीं मुस्लिम पक्ष (Muslim side) शिवलिंग के दावे को सिरे से खारिज कर रहा है। अदालत के आदेश पर वजूखाने (शिवलिंग का स्थान) को सील किए जा चुका है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने वाराणसी के जिलाधिकारी को मस्जिद में वजू की वैकल्पिक व्यवस्था किए जाने का आदेश दिया है। इस आदेश के मद्देनजर जिला प्रशासन इसकी तैयारी शुरू कर दी है।

मस्जिद के आंगन में बनेगा अस्थाई वजूखाना

मिली जानकारी के मुताबिक, जिला प्रशासन सोमवार से वजू की वैकल्पिक व्यवस्था शुरू करा सकता है। मस्जिद के आंगन में ही अस्थाई वजूखाना (vajukhana) बनाए जाने की तैयारी है। आंगन में जिस जगह अस्थाई वजूखाना बनाया जाना है, वह प्रवेश द्वार के ठीक बगल की जगह हो सकती है। बताया जा रहा है कि जिला प्रशासन ने इसे लेकर मस्जिद की इंतजामिया कमेटी से बात कर उसे इस पर राजी कर लिया है।

अस्थाई वजूखाने के लिए मस्जिद में किसी प्रकार का ठोस निर्माण नहीं कराया जाएगा। न कोई चबूतरा बनेगा और न ही कोई हौज बनाया जाएगा। प्रशासन की कोशिश है कि नमाजियों को सुविधा भी मिले और बाब विश्वानाथ के दर्शन करने वाले लाखों श्रद्धालुओं की भावनाएं भी आहत न हो।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, वजू के लिए वाराणसी जिलाधिकारी की तरफ केवल ड्रम-लोटे और प्लास्टिक के पटरे ही उपलब्ध कराए जाएंगे। नमाजी ड्रम में भरे हुए पानी को लोटे में भरकर वजू कर सकेंगे। वहीं पटरे वजू के दौरान नमाजियों को बैठने के लिए दिए जाएंगे।

वजूखाने की सुरक्षा कड़ी

बता दें कि वजूखाने की जगह पर शिवलिंग मिलने के दावे के बाद उस जगह की सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। वजूखाने की सुरक्षा में सीआरपीएफ के दो जवानों की ड्यूटी शिफ्ट के हिसाब से 24 घंटे लगाई गई है। हर शिफ्ट में दो-दो जवान डटे रहते हैं। बताते चलें कि इस मामले में 30 मई 2022 को अदालत में बेहद अहम सुनवाई होने वाली है।

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