नहीं रहा राजनैतिक शेर: दिग्गज सपा नेता का निधन, शोक में डूबी पार्टी

पारस नाथ यादव के निधन की सूचना सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को होते ही उन्होंने गहरा शोक संवेदना व्यक्त किया है साथ ही सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अपने राजनैतिक एवं पारिवारिक साथी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त किया है।

Update:2020-06-12 15:40 IST
late paras nath yadav

जौनपुर। जनपद में सपा के संस्थापक सदस्य एवं समाजवादी पार्टी स्तम्भ पूर्व मंत्री एवं मल्हनी के वर्तमान विधायक पारस नाथ यादव का आज दिन में लगभग साढ़े 12 बजे के आसपास उनके निजी आवास पर अन्तिम सांस ली। पारस नाथ जी निधन के साथ ही जनपद में एक बड़े राजनीति का अवसान हो गया जिसकी क्षतिपूर्ति संभव नहीं है।

प्रशासन को सुरक्षा का प्रबंध करना पड़ा

उनके निधन की खबर जनपद सहित पूरे प्रदेश में आग की तरह फैलते ही शुभचिंतकों सहित उनके समर्थकों सहित पार्टी के नेताओं का हुजूम उनके आवास पर श्रद्धान्जलि देने के लिए उमड़ पड़ा । भीड़ के मद्देनजर प्रशासन को सुरक्षा का प्रबंध करना पड़ा। पारस नाथ जी के निधन की खबर से सपा जनो सहित सभी राजनैतिक दलों के लोग शोकाकुल हो गये।

स्व पारस नाथ यादव अपने गांव कारो बनकट तहसील मड़ियाहू से राजनीति का सफर आगे बढ़ते हुए सन् 1985 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लोकदल के बैनर तले जिले के बरसठी विधान सभा से लड़े और विधायक बने। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा। लगातार एक एक कर राजनीति की सीढ़ियां चढ़ते चले गये और जीवन के अन्तिम समय तक बतौर जन प्रतिनिधि अन्तिम सांस लिए है।

राजनैतिक जीवन में कभी नहीं मानी हार

सन् 85 से अब तक स्व पारस नाथ जी 7 बार विधायक एवं 4 बार प्रदेश सरकार में मंत्री रहे। इसके अलावां 2 बार देश की सर्वोच्च पंचायत लोकसभा के सदस्य के रूप रहे है। अपने राजनैतिक जीवन में कभी हार नहीं मानने वाले राजनेता आज बीमारी से हार गये और उनके जीवन का अन्त हो गया।

जनता की सेवा ज़िन्दगी भर करते रहे

अपने राजनैतिक जीवन में जनता के हितों की लड़ाई लड़ने वाले नेता पारस नाथ जी कभी दब कर राजनीति नहीं किये और जनपद से लेकर प्रदेश तक सरकारी महकमों में उनकी एक अलग हनक और छबि थी । जनता की सेवा के लिए अनवरत संघर्ष रत रहते थे। यही कारण है कि तमाम बिषम परिस्थितियों में जनता के बीच लोकप्रिय थे और चुनाव की जंग में विजय का पताका फहराते रहे है । अपनी जीत के साथ पार्टी के अन्य जन प्रतिनिधियों को चुनाव जिताने में अहम भूमिका निभाते रहे है ।

यहाँ बता दे कि स्व पारस नाथ जी सपा मुखिया एवं पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के बेहद करीबी रहे, मुलायम सिंह को सीएम रहते हुए पारस नाथ जी डिप्टी सीएम कहे जाते रहे है। इनकी मुलायम सिंह यादव परिवार की नजदीकियों इन्हें जिला ही नहीं प्रदेश के नेताओं में स्थापित कर रखी थी। सन् 92 में समाजवादी पार्टी बनाने पर जनपद में सपा तीन संस्थापक सदस्य रहे जिसमें पारस नाथ यादव का भी नाम था। सपा बनने के बाद कभी भी पार्टी का दामन नहीं छोड़ा और जिले में पार्टी को मजबूत बनाने के लिए अपना सब कुछ दांव पर लगा दिया था ।

नहीं जीत पाएं कैंसर से जंग

राजनीति के शिखर पुरुषों में शुमार पारसनाथ जी विगत एक वर्ष से कैंसर नामक बीमारी के चपेट में ऐसा आये कि उससे उबर नहीं सके। बतादे अभी लगभग तीन माह से लगातार वेदान्ता अस्पताल लखनऊ में इनका उपचार चल रहा था। 11/12 जून की रात्रि में 12 बजे के आसपास मेदान्ता से अपने आवास पर आये और 12 जून को साढ़े 12 बजे उनका निधन हो गया।

पारस नाथ यादव के निधन की सूचना सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को होते ही उन्होंने गहरा शोक संवेदना व्यक्त किया है साथ ही सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने अपने राजनैतिक एवं पारिवारिक साथी के निधन पर शोक संवेदना व्यक्त किया है।

पूर्व मंत्री के निधन की खबर लगते ही सबसे पहले उनके पुराने राजनैतिक साथी लल्लन प्रसाद यादव पहुंचे इसके बाद पूर्व विधायक गुलाब चन्द सरोज, जिलाध्यक्ष लालबहादुर यादव, एवं प्रदेश सरकार के राज्य मंत्री गिरीश चन्द यादव, राकेश यादव, राजन यादव, सपा महामंत्री हिसामुद्दीन, मोहम्मद हसन पीजी कालेज के प्राचार्य डा अब्दुल कादिर, श्याम बहादुर पाल, कांग्रेस के जिलाध्यक्ष फैसल हसन तबरेज सहित जनपद के सभी छोटे बड़े राजनीतिको ने स्व पारस नाथ जी के आवास पर पहुंच कर अपनी श्रद्धांजलि अर्पित किया है। राजकीय सम्मान के साथ उनका अन्तिम संस्कार वाराणसी स्थित मणिकर्णिका घाट पर होगा।

रिपोर्टर - कपिल देव मौर्य, जौनपुर

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