चलता-फिरता किचन: गाड़ियों को रोक कर करा सेवा, बना प्रवासियों का सहारा
कितने प्रवासी मजदूर तो ऐसे लोग मिले जो हजारों किलोमीटर दूर आकर इसी जनपद में उनको खाने व पीने को मिला। जिससे लोगो ने इस सराहनीय कार्य की बहुत ही प्रसंसा की।
देश के कोने कोने से प्रवासी मजदूर और कामगार अपने-अपने जनपद वापस अपने घर लौट रहे हैं। इनमें से कई सरकार द्वारा चलाई जा रहीं बस और ट्रेन से वापस आ रहे हैं तो कई पैदल ही अपने घर तक का रास्ता तय कर रहे हैं। यहां लाए जा रहे मजदूर जिला मुख्यालय के निकट सनई चौराहे के किसान इंटर कालेज में जांच के बाद अपने घरों को रवाना हो रहे हैं। किंतु इस दौरान हज़ारों किलोमीटर की दुष्कर यात्रा और भूख प्यास से वो बहुत ही कष्ट में हैं।
सड़क पर गाड़ियों को रोक कर खिला रहे भोजन
जहां भी देखिए लोगों को कहीं पैदल तो कहीं गाड़ियों से जनपद में आना लगातार जारी है। और कितने ऐसे की इस जनपद से होकर दूसरे जनपद में पैदल व गाड़ियों से जा रहे जिसको देखते हुए उसका ब्लाक के ग्राम दैजौली के ग्रामवासियों ने अपने गांव के मेन रोड पर 24 घंटे की रसोई की व्यवस्था की है।
ये भी पढ़ें- भीषण एक्सीडेंट: सड़क पर दिखा खौफनाक मंजर, सवार लोगों की हालत गंभीर
आप अगर इस रास्ते गुजरें तो आप रोड पर लोगों को गाड़ियों को रोकते हुए देखेंगे। जिसमे सभी ग्रामवासी बारी बारी से अपने काम को अंजाम देते हैं। कितने प्रवासी मजदूर तो ऐसे लोग मिले जो हजारों किलोमीटर दूर आकर इसी जनपद में उनको खाने व पीने को मिला। जिससे लोगो ने इस सराहनीय कार्य की बहुत ही प्रसंसा की।
जब तक लॉकडाउन रहेगा चलती रहेगी रहेगी रसोईं- जनार्दन पाठक
ये भी पढ़ें- ये है ‘आत्मनिर्भर भारत’ : जो जुड़ा है PM मोदी के आर्थिक पैकेज से, जानिए पूरी डीटेल
इस पूरी व्यवस्था की अध्यक्षता जनार्दन पाठक कर रहे हैं। अध्यक्ष जनार्दन पाठक का कार्य होता है सुबह होते ही लोगों से सहयोग लेकर इस रसोईघर में समान इकट्ठा करके सड़क पर खड़े होकर लोगो को रोकने का। अध्यक्ष जनार्दन पाठक ने बताया कि यह रसोई 24 घण्टे चलती रहती है। यह पूरे गाँव के जनसहयोग से चल रही है। हम गाड़ियों को रोक रोक उनमे बैठे मजदूरों को भोजन करा रहे हैं। जिसमे हमे बहुत ही सन्तुष्टि मिल रही है। अभी तक कई हजार मजदूर यहां से भोजन कर चुके हैं। जब तक लॉक डाउन खत्म नही होता तबतक हम यह कार्य करते रहेंगे। और यह सेवा कार्य लगातार जारी रहेगा।
इंतजार हैदर