विकास दुबे एनकाउंटर: NHRC ने DGP से तलब की कार्रवाई की पूरी रिपोर्ट

उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बिकरू ग्राम, थाना चैबेपुर, कानपुर के विकासदुबे और उसके गिरोह का कथित तौर पर फेक एनकाउंटर किये जाने के संबंध में लखनऊ की समाजसेविका उर्वशी शर्मा की शिकायत पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष ने यूपी के पुलिस महानिदेशक से आगामी 02 सितंबर को रिपोर्ट तलब की है।

Update: 2020-07-14 07:29 GMT

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बिकरू ग्राम, थाना चैबेपुर, कानपुर के विकासदुबे और उसके गिरोह का कथित तौर पर फेक एनकाउंटर किये जाने के संबंध में लखनऊ की समाजसेविका उर्वशी शर्मा की शिकायत पर राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग (एनएचआरसी) के अध्यक्ष ने यूपी के पुलिस महानिदेशक से आगामी 02 सितंबर को रिपोर्ट तलब की है।

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समाजसेविका उर्वशी शर्मा ने विकास दुबे को लेकर किया ये

राजधानी लखनऊ की समाजसेविका उर्वशी शर्मा ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग से बीती 10 जुलाई को उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा बिकरू ग्राम, थाना चैबेपुर, कानपुर के विकास दुबे और उसके गिरोह का कथित तौर पर किए गए एनकाउंटर के संबंध में शिकायत की थी। राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के अध्यक्ष ने इस शिकायत को गंभीरता से लेते हुए बीती 12 जुलाई को यूपी के डीजीपी अवस्थी को भेज दिया है और उनसे आगामी 02 सितम्बर तक इस संबंध में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट तलब की है। इसके साथ ही एनएचआरसी अध्यक्ष ने यह भी कहा है कि इस मामलें को आगामी 18 सितम्बर तक पूरी तरह से निपटाने को कहा है।

आयोग ने अपनी रजिस्ट्री को आदेशित किया है

इस संबंध में समाजसेविका व आरटीआई एक्टिविस्ट उर्वशी ने बताया के आयोग ने अपनी रजिस्ट्री को आदेशित किया है कि वह शिकायत की प्रति उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को भेजकर 06 हफ्तों में रिपोर्ट तलब करे। आयोग के आदेश के अनुसार अगर तय समय सीमा में आयोग को पुलिस महानिदेशक की रिपोर्ट नहीं मिलती है तो आयोग मानवाधिकार संरक्षण अधिनियम-1993 की धारा 13 के अंतर्गत उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को आयोग के सम्मुख निजी उपस्थिति दर्ज कराने की अनिवार्य प्रतिरोधी कार्यवाही करने को बाध्य हो जाएगा। उर्वशी ने बताया कि वे घटना से सम्बंधित कुछ इनपुट्स शीघ्र ही इस मामले की जांच कर रहे न्यायिक आयोग,एसआईटी ( स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम ) और यूपी डीजीपी को भेजेंगी।

एक्टिविस्ट डा. नूतन ठाकुर ने भी इस मामले कहा ये

आपको बता दे कि इससे पूर्व लखनऊ की ही एक्टिविस्ट डा. नूतन ठाकुर ने भी एनएचआरसी से विकास दुबे मामलें में शिकायत की थी। अपनी शिकायत में नूतन ने कहा था कि विकास दुबे का कृत्य अत्यंत जघन्य था लेकिन जिस प्रकार से पुलिस ने इसके बाद गैरकानूनी कार्य किये हैं, वह भी अत्यंत निंदनीय है। उन्होंने कहा कि आरोप हैं कि विकास के मामा प्रेम प्रकाश पाण्डेय तथा अतुल दुबे को गांव में मारा गया जबकि वे कथित रूप से घटना में शरीक नहीं होने के कारण गांव में मौजूद थे।

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इसी प्रकार उसके सहयोगी प्रभात मिश्रा तथा प्रवीण दुबे और अब स्वयं विकास को भारी पुलिस बल की मौजूदगी में मारा जाना किसी को स्वीकार नहीं हो रहा है। पुलिस की कहानी में कई जाहिरा खामियां हैं। ऐसे ही जैसे विकास का घर बिना आदेश के गिराया गया या उसकी पत्नी व बच्चे से बर्ताव किया गया, वह अवैधानिक व अनुचित था। नूतन ने एनएचआरसी से इन आरोपों की जांच की मांग की थी।

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