बाहरी लोगों की जांच की मांग पर, थाने लाद लाए गए ग्राम प्रधान

बताया गया है उक्त विद्यालय में भर्ती लोग अव्यवस्था से परेशान है। इस सम्बन्ध में एसडीएम हीरालाल का कहना है कि प्रधान को गलत फहमी थी। कोरंटीन सेंटर में रखे गए लोगों की जांच और खाने-पीने और बिजली की बेहतर व्यवस्था है। प्रधान को अब कोई शिकायत नहीं है।

Update: 2020-04-19 11:44 GMT

गोंडा। एक ओर जहां सरकार और शासन प्रशासन बाहर से आने वाले व्यक्तियों को बाहर ही रोक कर उनकी जांच कराकर क्वारंटीन करने का आदेश दे रहा है। तो दूसरी ओर ऐसे व्यक्तियों की सूचना देकर उनकी जांच और उनके लिए खाने पीने की बात करने वाले लोगों को पुलिस परेशान कर रही है।

ऐसा ही एक मामला जिले के छपिया थाना क्षेत्र का है। जहां सूचना देने, जांच कराने और खाने पीने के इंतजाम करने की याचना पर एसडीएम नाराज हो गए और गैर जिम्मेदाराना बात की। रविवार को थानाध्यक्ष तथा एक नायब तहसीलदार ग्राम प्रधान को थाने पर लाकर बिठा लिया। लेकिन मामला बढ़ता देख आनन फानन में प्रधान को उसके घर पहुंचा आए।

ये था मामला

मामला जिले के मनकापुर तहसील क्षेत्र के छपिया थाना क्षेत्र के ग्राम तेजपुर का है। बताया जाता है कि महाराष्ट्र के पूना में मेहनत मजदूरी करने वाले राजवंत पटेल, विनोद, मनोज और कनिकराम लाक डाउन के बाद 16 अप्रैल को किसी प्रकार अपने पैतृक गांव लौटे तो प्रधान विजय वर्मा ने प्रशासन को सूचित कर उन्हें मसकनवा स्थित रामसुख पाण्डेय गायत्री पीजी कालेज में बने कोरेन्टीन सेंटर में रखवा दिया। वहीं से कामगारों को जांच कराने हेतु जिला अस्पताल भेजा गया। लेकिन जब वे जिला अस्पताल पहुंचे तो कोई जांच करने वाला नहीं मिला और न ही उनके खाने पीने की ही व्यवस्था थी। तब इन मजदूरों ने ग्राम प्रधान विजय वर्मा से जांच कराने और खाने की व्यवस्था की गुहार लगाई।

मर रहे हैं तो मरने दो

ग्राम प्रधान ने उपजिलाधिकारी मनकापुर हीरालाल के मोबाइल पर कामगारों के जांच कराने और भूखों मरने की सूचना दी तो उपजिलाधिकारी ने बहुत ही गैर जिम्मेदराना जवाब दिया। उन्होंने कहा कि मर रहे हैं तो मरने दो। एसडीएम के ऐसे जवाब से प्रशासन के व्यवस्था की पोल खुल रही है।

प्रधान और एसडीएम की बातचीत का यह आडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो प्रशासनिक अमला नाराज हो गया। इसी का परिणाम रहा कि रविवार सुबह थानाध्यक्ष छपिया और एक नायब तहसीलदार ने प्रधान को लाकर मसकनवा चौकी में बैठा लिया। लेकिन मामला बढ़ता देख दोपहर बाद आनन फानन में प्रधान को उसके गांव छोड़ आए।

सिपाहियों का वायरल वीडियो

इसके साथ ही इसी सेंटर पर रात में बिजली न हाने की शिकायत पर चौकी के दो सिपाहियों द्वारा लाक डाउन में बेबस परेशान क्वारंटीन लोगों पर गालियों की बौछार का भी वीडियो वायरल हो रहा है। हालांकि न्यूज ट्रैक इसकी पुष्टि नहीं करता। लेकिन इससे स्पष्ट है कि कुछ गड़बड़ तो है।

बताया गया है उक्त विद्यालय में भर्ती लोग अव्यवस्था से परेशान है। इस सम्बन्ध में एसडीएम हीरालाल का कहना है कि प्रधान को गलत फहमी थी। कोरंटीन सेंटर में रखे गए लोगों की जांच और खाने-पीने और बिजली की बेहतर व्यवस्था है। प्रधान को अब कोई शिकायत नहीं है।

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