Mirzapur Crime News: कोर्ट ने पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने का दिया आदेश, जानें क्या है मामला
पुलिस अपने काम से ज्यादा अपने कारनामों को लेकर चर्चा में रहती है।
Mirzapur Crime News: पुलिस अपने काम से ज्यादा अपने कारनामों को लेकर चर्चा में रहती है। कहने को पुलिस अपराधियों पर कार्रवाई करती है, लेकिन यह भी कहा जाता है कि पुलिस किसी को भी अपराधी बना सकती है। पुलिस का ऐसा ही दूसरा रूप मीरजापुर में उजागर हुआ है। यहां पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत आरोपियों को गिरफ्तार करती है, लेकिन गाड़ी मालिक को फर्जी मुकदमे में फंसाने के लिए ऐसा कुछ कर डाला कि न्यायालय के जज ने उल्टा पुलिसकर्मियों के ऊपर मुकदमा लिखने का आदेश दे दिया है।
प्रकरण बहुत ही गंभीर है, मीरजापुर जिले के देहात कोतवाली क्षेत्र के करनपुर क्षेत्र से पुलिस ने 3 फरवरी को तीन आरोपी विक्रम सिंह सोनी पुत्र मान सिंह, राकेश सिंह यादव पुत्र मुंशी यादव व अमित पटेल पुत्र जयकरन पटेल को गांजा और कार के साथ गिरफ्तार किया था। इस मामले में पुलिस ने आरोप पत्र न्यायालय के सम्मुख प्रस्तुत किया था, लेकिन 4 माह बाद पुलिस ने रामकरन पटेल निवासी बोर्रा थाना रानीगंज जिला प्रतापगढ़ को गिरफ्तार करके आरोपियों के अवैध कारोबार में लाभ अर्जित करने का दोषी मानते हुए जेल भेज दिया, यही नहीं कुछ दिन बाद रामकरन पटेल के ऊपर गैंगस्टर की धारा भी लगा दिया गया।
रामकरन ने लगाई न्यायालय में गुहार
ऐसे में जब रामकरन पटेल ने इसको लेकर न्यायालय में फरियाद लगाई तो न्यायालय ने इस पूरे प्रकरण की दोबारा जांच करने को आदेश दिया, लेकिन जांच का आदेश दिए जाने के बावजूद भी इस मामले में पुलिस के अधिकारियों द्वारा संवेदनहीनता बरती गयी, जहां न्यायालय के आदेश का पालन नहीं हुआ। रामकरन पटेल के अधिवक्ता ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया कि न्यायालय के आदेश पर वह गाड़ी छोड़वाने के लिए थाना कोतवाली देहात पर गए थे तो थाना प्रभारी ने न्यायालय के आदेश मानने से इनकार कर दिया, जहां पैसे का मांग किया गया। ऐसे में कुछ ही दिनों बाद रामकरन पटेल को पुलिस ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया।
फास्ट ट्रैक न्यायालय के न्यायधीश ने दिया आदेश
फास्ट ट्रैक न्यायालय प्रथम के न्यायधीश वायुनन्दन मिश्र ने एसपी को आदेश देते हुए दोषी पुलिसकर्मियों पर मुकदमा दर्ज करने और उनके वेतन से हर्जाना देने का आदेश दिया है।
न्यायालय ने आदेश देते हुए प्रमुख सचिव, अपर मुख्य सचिव गृह को निर्देश दिया कि छोटे अपराध को बड़ा अपराध बनाकर दोषी न बनाया जाय। एफटीसी प्रथम ने कहा कि जनपद में एनडीपीएस एक्ट से जुड़े अधिकतम मामले में निर्दोष लोगों को या छोटे अपराध से जुड़े लोगों के ऊपर मुकदमा लादकर फंसाया जाता है, जहां उनके दोष सिद्ध होने की संभावना बहुत कम है। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के द्वारा आम नागरिकों के अधिकारों का हनन करने का प्रयास किया जा रहा है।