Lalitesh Pati Tripathi: चौथी पीढ़ी के राजनेता हैं ललितेश, बदलाव की चाहते हैं राजनीति

Lalitesh Pati Tripathi ka Jeevan Parichay: ललितेश पति त्रिपाठी गोपलपुर गांव के रहने वाले हैं। अभी उन्होंने वैवाहिक जीवन में प्रवेश नहीं किया है। उनकी शिक्षा दीक्षा इंस्टीट्यूट आफ इंटीग्रेटेड लर्निंग इन मैनेजमेंट से बीएससी मैनेजमेंट की शिक्षा ग्रहण की है।

Report :  Brijendra Dubey
Published By :  Monika
Update:2021-09-17 09:09 IST

ललितेश पति त्रिपाठी (फोटो : सोशल मीडिया )   

Lalitesh Pati Tripathi ka Jeevan Parichay: इनकी पसंद फ़ोटोग्राफ़ी है। राजनीति में आने से पहले एक मल्टीनेशनल कंपनी (Multinational Company) में नार्थ इंडिया सेल्स मैनेजर के पद पर नौकरी करते थे। उन्हें बाटी चोखा, दाल, चावल पसंद है। इस खाने के लिए वह सब खाना छोड़ सकते है। पहनने का कुछ ख़ास शौक़ नहीं है। उनका पहनावा कुर्ता पायजामा है। वह चौथी पीढ़ी के राजनेता हैं। पंडित कमला पति त्रिपाठी जी (Pandit Kamala Pati Tripathi) को शायद ही कोई हो जो जानता न हो। हम बात कर रहे हैं उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी (UP Congress Committee) के प्रदेश उपाध्यक्ष व मड़िहान विधानसभा के पूर्व विधायक ललितेश पति त्रिपाठी (Lalitesh Pati Tripathi) की।

वह गोपालपुर गांव के रहने वाले हैं। उनकी माता (Lalitesh Pati Tripathi Mother) का नाम लक्ष्मी त्रिपाठी है। उनके (Lalitesh Pati Tripathi father) पिता का नाम राजेश पति त्रिपाठी है। अभी उन्होंने वैवाहिक जीवन में प्रवेश नहीं किया है। उनकी शिक्षा दीक्षा इंस्टीट्यूट आफ इंटीग्रेटेड लर्निंग इन मैनेजमेंट से बीएससी मैनेजमेंट की शिक्षा ग्रहण की है। न्यूज़ ट्रैक ने ललितेश पति त्रिपाठी से विभिन्न मुद्दों पर बातचीत (Lalitesh Pati Tripathi Interview) की-

वह बताते हैं जब से सक्रिय राजनीति में आया हूं। तब से राजनीति के बाद का समय परिवार के लोगों , जो अलग-अलग जगह पर देश के दूसरे प्रदेशों में रह रहे हैं, के साथ ज्यादा वक्त गुजारना पसंद करता हूं। पहले टाइगर सेंचुरी पार्क वन (Tiger Century Park Forest) में जाने का शौक होता था।

ललितेश पति त्रिपाठी एक साथ राहुल गांधी (फोटो : सोशल मीडिया )

राजनीति में बदलाव (Change in Politics)

राजनीति में क्यों आये हैं? इस सवाल के जवाब में वह कहते हैं, "हम बदलाव के लिए ही राजनीति में आए। राहुल गांधी (Rahul Gnadhi) बदलाव कर रहे थे। कांग्रेस पार्टी के अंदर और उनकी सोच इस देश की राजनीति (Politics) को एक नई दिशा देने की थी । इसलिए उनसे आकर्षित होकर मैं उनके साथ जुड़ा था। " 2014 के बाद राजनीति में बदलाव आया है। बड़ा बदलाव आया है। हम लोगों को यह विचार करना होगा कि वह राजनीति को बेहतर बदलाव करने वाला बदलाव है या कि राजनीति को समाप्त करने वाला बदलाव है। राजनीति का एक पहलू सत्ता पक्ष है तो दूसरा सबसे अहम पहलू विपक्ष भी है। उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की जब से सरकार बनी है। विपक्ष को जिस तरीके से पिछले साढ़े चार साल में उत्तर प्रदेश में दबाया गया है। जिस तरीके से राष्ट्रीय स्तर पर विपक्ष को 2014 के बाद से दबाया गया है। निश्चित रूप से राजनीति को कमजोर किया है। इसमें बदलाव होना चाहिए। भारत में पक्ष विपक्ष दोनों महत्वपूर्ण है एक दूसरे के बिना नहीं रह सकता है।

जिंदगी का सबसे बेहतरीन क्षण

प्रदेश उपाध्यक्ष ललितेश पति त्रिपाठी ने बताया कि छात्र जीवन में ही सबसे बेहतरीन समय मेरा बिता है। खासकर उस समय जो अनुभव हमें मिला देश और विदेश का उसने दुनिया और देश को देखने का नजरिया बदला है। विदेश जाने पर जो देश के प्रति श्रद्धा भाव जागा। वह समय मेरे जिंदगी का सबसे बेहतरीन और महत्वपूर्ण क्षण था।

युवाओं को राजनीति में उतारने के सवाल पर

ललितेश मानते हैं कि राजनीति में बदलाव की जरूरत है ।बदलाव के तहत हमारे देश के नौजवानों, युवाओं का राजनीति में प्रवेश और सरल होना चाहिए। आजकल के युवा जो राजनीति समझते हैं। वह हमारे साथ कंधे से कंधा मिलाकर राजनीति में बदलाव के लिए ही आते हैं, उनको मौका मिलना चाहिए। यह देश उनका है ,आने वाले समय में यह राजनीति उनकी होनी चाहिए।

ललितेश पति त्रिपाठी (फोटो : सोशल मीडिया )   

विधायक निधि के बारे में राय

विधायक व सांसद निधि को लेकर उनका विचार है कि क्षेत्र के विकास के लिए कई ऐसे काम हैं जो अन्य किसी मद से नहीं किए जा सकते। उसके लिए क्षेत्र विकास निधि बहुत महत्वपूर्ण है। मुझे लगता है अगर किसी के तरफ से कोई भ्रष्टाचार है तो सरकार की जिम्मेदारी होती है कि उसके प्रोसेस को और बेहतर करें। ताकि उसमें जो भी कमियां हों उन्हें दुरुस्त किया जाए। विधायक निधि विकास के लिए बहुत जरूरी है। सत्ता पक्ष के पास उनकी सरकार होती है। उनके पास कई तरीके होते हैं विकास करने के लिए। विपक्ष के विधायकों के पास अवसर विकास के लिए नहीं होते। विपक्ष के विधायकों के लिए क्षेत्र विकास निधि बहुत जरूरी एवं आवश्यक है।

वर्तमान विधायक के विकास पर चर्चा

वर्तमान विधायक व ऊर्जा राज्य मंत्री रमाशंकर पटेल जिस विभाग के मंत्री हैं , उस विभाग को कम से कम मंत्री जी के क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली ढंग से कार्य करना चाहिए। उत्तर प्रदेश में पहले प्रधानमंत्री का क्षेत्र है। दूसरे स्थान पर मंत्री का क्षेत्र न रहे। लेकिन तीसरे स्थान पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के क्षेत्र के बाद मिर्जापुर का स्थान रहना चाहिए । मुझे लगता है मिर्जापुर का मड़िहान विधानसभा तीसरे स्थान पर भी नहीं है। कम से कम जिला तो विद्युत व्यवस्था में प्रथम स्थान पर होना चाहिए था। जैसे कि ट्रांसफार्मर खराब होने पर कुछ समय निर्धारित होना चाहिए जिसमें ट्रांसफार्मर बदल जाये।लेकिन ऐसी कोई सुविधा मड़िहान के लोगों के लिए नहीं दिख रही है।

सड़क की व्यवस्था

देश के प्रधानमंत्री ने 2014 के बाद कई सारे प्रोजेक्ट का लोकार्पण किया । वह सारे प्रोजेक्ट कांग्रेस शासन के दौरान ही शुरू हुए थे। उसी समय धन आवंटन हुआ था। उसी समय से कार्य शुरू हुआ था। उनका भाग्य था कि उनके कार्यकाल में खत्म हुआ, तो उन्होंने उसका लोकार्पण किया। मडिहान विधान सभा के जिन सड़कों का जिनका ढिंढोरा मंत्री पीट रहे है। उन पर सारा कार्य 2017 से पूर्व शुरू हो गया था। मड़िहान विधानसभा में जो सड़क 2012 से 2017 के बीच में बनी थी। उन सड़कों पर एक भी गिट्टी तक नहीं पड़ी है। जो सड़क 2017 के बाद बनी है। वह सड़क धीरे-धीरे गड्ढे में तब्दील हो गई है। उन्होंने कोई नई सड़क का प्रस्ताव पास नहीं कराया है। 2012 से 2017 के बीच जिन सड़कों का प्रस्ताव पास हुआ था। जो हमारे कार्यकाल के समय में सड़के बनी थी। आज भी उनमें कोई गड्ढे नही हुए है।

मड़िहान से मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया जाता है ।वहां मरीज़ों को इलाज नहीं मिल पाता। मरीजों को मिर्जापुर रेफर किया जाता है। मिर्जापुर में भी इलाज नहीं मिल पाता तो मरीजों को वाराणसी या इलाहाबाद रेफर कर दिया जाता है।

डूब क्षेत्र के आदिवासीवासियो को उनका हक दिलाएंगे

उन्होंने कहा कि कांग्रेस और भाजपा के शासन के बीच में एक अंतर दिखता है। जहां पर कांग्रेस पार्टी हर वर्ग के लोगों को अधिकार देती थी। हम लोगों की सोच होती थी कि सबका उत्थान हो। हर वर्ग का भला हो ।भाजपा के शासन में लगता है अधिकार छीनने, अधिकार घटाने और गरीबों को आगे बढ़ने से वंचित करना ही इनका मूल मंत्र है। विशेषकर हम डूब क्षेत्र की बात करें तो वहां पर हजारों आदिवासी परिवार के लोगो का पेट उसी डूब क्षेत्र के खेती से चलता था क्योंकि वह भूमिहीन हैं। उनके पास दूसरा कोई काम भी नहीं है। जिसकी मदद से वह अपनी आजीविका चला सकें। क्योंकि यहां पर कोई फैक्ट्री औद्योगिक क्षेत्र नहीं है। डूब की खेती से खेती करके अपना पेट भरते थे। लेकिन वर्तमान सरकार की नीतियों के चलते उनके पट्टे की जमीन को छीना जा रहा है। निश्चित रूप से अगली सरकार जब बनेगी तो उनका पट्टा बहाल होगा। हम लोगों ने डूब क्षेत्र के किसानों के साथ बैठक की है । बात भी की है। जल्दी से इस मामले पर कुछ गतिविधि भी दिखेगी।

चुनाव के समय की घटना

वह बताते हैं सन 2012 में जब हम पहली बार चुनाव लड़ रहे थे कलवारी के मैदान में राहुल गांधी के रैली का आयोजन था। इसमें भीड़ बहुत कम दिख रही थी। हमें चिंता थी हमारा कार्यक्रम कहीं खराब तो नहीं हो जाएगा । जनता नहीं आ पाएगी। लेकिन जब राहुल गांधी का हेलीकॉप्टर आया तो वह हम लोग उन्हें मंच तक ले आने के लिए गए। जैसे ही उनका हेलीकाप्टर रुका । उसके बाद हम लोग मंच की तरफ बढे । जब मंच के ऊपर से देखा तो पूरा इलाका भीड़ से भर चुका था।मड़िहान की जनता का यह प्यार देख हमे बहुत खुशी हुयी।मड़िहान की जनता हमें प्यार करती है। यह अनोखा अनुभव था।

मड़िहान की जनता को संदेश

ललितेश पति त्रिपाठी ने कहा मड़िहान की जनता बहुत ही जानकार है। वह जानती है कौन सही है , व कौन फरेबी है। मड़िहान की जनता से कहेंगे सब की बातों को सुनिए। फैसला और निर्णय आप उस आधार पर लीजिए। वह कौन व्यक्ति है जो हमारा काम कर सकता है? कौन हमारी लड़ाई लड़ सकता है? कौन हमारी आवाज बन कर उत्तर प्रदेश की विधानसभा में हम लोगों की क्षेत्र की मांगों को उठा सकता है।

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