Sonbhadra Crime News: टीटी बनकर किया था गैंगरेप, अब जाकर दलित बहनों को मिला न्याय

विवेचना के दौरान राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के लोढ़ी गांव निवासी राकेश मौर्या के साथ बिजली गांव निवासी मृत्युंजय सिंह का भी नाम प्रकाश में आया।

Published By :  Monika
Update:2021-09-30 23:01 IST

सांकेतिक फोटो- न्यूजट्रैक

Sonbhadra Crime News: रॉबर्ट्सगंज रेलवे स्टेशन (Robertsganj railway station) पर बेटिकट यात्रा कर ट्रेन से उतरी नाबालिग दलित बहनों (nabalig dalit behne) से टीटी बनकर डराने-धमकाने और सामूहिक दुष्कर्म (gang rape) के मामले में दो को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। वारदात चार साल पुरानी है। इस मामले में बृहस्पतिवार को अपर सत्र न्यायाधीश/ विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) पंकज श्रीवास्तव की अदालत ने दोषी राकेश मौर्या एवं मृत्युंजय सिंह को उम्रकैद (life prison) और एक लाख पांच हजार-एक लाख पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई। अर्थदंड अदा न करने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। अर्थदंड की समस्त धनराशि दोनों पीड़ित बहनों को बराबर-बराबर दी जाएगी।

यह है पूरा घटनाक्रम

अभियोजन कथानक के मुताबिक रॉबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली दलित सगी बहनों ने आठ नवंबर, 2017 को रॉबर्ट्सगंज कोतवाली में तहरीर दी थी। उसमें आरोप लगाया था कि चार नवंबर, 2017 को रिश्तेदारी से दोनों ट्रेन से रॉबर्ट्सगंज रेलवे स्टेशन पहुंची। शाम सात बजे के करीब ट्रेन से उतरने के बाद दोनों पानी पीने के लिए स्टेशन स्थित हैंडपंप की तरफ जाने लगी। तभी एक व्यक्ति दोनों बहनों के पास आया। अपने को टीटी बताकर टिकट मांगने लगा। इस पर टिकट न होने की बात कही। उसी समय दूसरा व्यक्ति आ गया। वह धमकी देने लगे कि अगर किसी से कुछ बताया या शोर किया तो जान से मार दिया जाएगा। डर की वजह से दोनों कुछ बोल नहीं पाई। दोनों व्यक्ति बहनों को बाइक पर बैठाकर रॉबर्ट्सगंज मंडी समिति में एक कमरे में ले गए और शटर बंद करके बारी-बारी जबरन दुष्कर्म किया। रात करीब तीन बजे तक वहीं पर रखे रहे। उसके बाद जान मारने की धमकी देकर भगा दिया। एक का नाम राकेश था। पुलिस ने एक नामजद समेत दो के खिलाफ दुष्कर्म समेत विभिन्न धाराओं में एफआईआर दर्ज कर मामले की विवेचना शुरू की।

विवेचना के दौरान सामने आया दूसरे दोषी का नाम

विवेचना के दौरान राबर्ट्सगंज कोतवाली क्षेत्र के लोढ़ी गांव निवासी राकेश मौर्या के साथ बिजली गांव निवासी मृत्युंजय सिंह का भी नाम प्रकाश में आया। पर्याप्त सबूत मिलने पर न्यायालय में चार्जशीट दाखिल कर दी गई। मामले की सुनवाई करते हुए अदालत ने दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के तर्कों को सुना। गवाहों के बयान और पत्रावली का अवलोकन किया। इसके आधार पर दोषसिद्ध पाकर दोषियों राकेश मौर्या और मृत्युंजय सिंह को उम्रकैद तथा प्रत्येक को एक लाख पांच हजार रुपये अर्थदंड की सजा सुनाई गई। अर्थदंड जमा न करने पर एक-एक वर्ष की अतिरिक्त कैद भुगतनी पड़ेगी। अभियोजन पक्ष की तरफ से सरकारी वकील दिनेश अग्रहरि और सत्यप्रकाश तिवारी ने पैरवी की।

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