Sonbhadra News: दुद्धी को जिला बनाने की मांग तेज़, भूख हड़ताल पर बैठे संघर्ष समिति ने कहा- लड़ेंगे आर-पार की लड़ाई
Sonbhadra News: उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जनपद में दुद्धी को जिला बनाने की मांग ने तेजी पकड़ ली है। भूख हड़ताल पर बैठी संघर्ष समिति ने एसडीएम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
Sonbhadra News: दुद्धी को जिले का दर्जा देने की मांग को लेकर एक बार फिर से आंदोलन तेजी पकड़ने लगा है। शुक्रवार को प्रस्तावित भूख हड़ताल में ऐन वक्त पर हुई अड़ंगेबाजी से जिला बनाओ संघर्ष समिति के लोग भड़क उठे। पुलिस और प्रशासन के लोगों से जहां इसको लेकर तीखी नोकझोंक की। वहीं एसडीएम को हटाओ, दुद्धी को जिला बनाओ या जेल दो.. का नारा बुलंद कर हड़कंप मचा दिया।
देर तक चली रस्साकसी के बाद तहसील परिसर स्थित रामलीला मंच पर डेरा जमाते हुए संघर्ष समिति के लोग 30 घंटे के भूख हड़ताल पर बैठ ही गए। राम धुन के साथ शुरू हुई हड़ताल में जहां दुद्धी को जिला बनाने की मांग पूरी होने तक आर पार की लड़ाई का ऐलान किया गया। वहीं अधिवक्ताओं की तरफ से मौजूदा एसडीएम को दुद्धी से हटने तक उनके कोर्ट से जुड़े न्यायिक कार्य से विरत रहने का भी निर्णय लिया गया।
शुक्रवार को शुरू हुई भूख हड़ताल में जिला बनाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजकुमार अग्रहरि, महासचिव प्रभु सिंह कुशवाहा, अवध नारायण यादव, उदय लाल मौर्य, अनिल कुशवाहा, शिव शंकर सहित दर्जन भर लोग भूख हड़ताल पर बैठे। विभिन्न पार्टियों और स्वयं सेवी संस्थाओं ने भी आगे आकर हड़ताल को समर्थन दिया। बताते चलें कि दुद्धी को जिला बनाने की मांग को लेकर जहां अधिवक्ताओं और स्थानीय समाजसेवियों का समूह प्रत्येक शनिवार को प्रदर्शन कर आवाज उठाता रहा है। वहीं अधिवक्ता मांग के समर्थन में शनिवार को न्यायिक कार्य से विरत भी रहते हैं।
भूख हड़ताल के लिए लगवाए जा रहे टेंट को पुलिस ने हटवा दिया
दुद्धी को जिला बनाने के वायदे के साथ सत्ता में आई सरकार की तरफ से साढ़े चार साल व्यतीत होने के बाद भी इसकी पहल न होते देख संघर्ष समिति की तरफ से पिछले सप्ताह 30 घंटे की भूख हड़ताल का निर्णय लिया गया था। समिति के लोगों का कहना था कि इसको लेकर अनुमति के लिए वह लोग एसडीएम के पास गए थे तो उन्होंने मौखिक रूप से परमिशन देने का भरोसा भी दिया था। लेकिन शुक्रवार को नियत जगह पर भूख हड़ताल के लिए लगवाए जा रहे टेंट को पुलिस ने हटवा दिया। एसडीएम ने भी ऐन मौके पर परमिशन की बात से कन्नी काट ली।
परमीशन न होने की बात कहते हुए नवागत कोतवाल राघवेंद्र सिंह ने संघर्ष समिति के लोगों से तहसील परिसर खाली कराकर पुलिस का पहरा बिठा दिया। इसके नाराज जिला बनाओ संघर्ष समिति का काफिला कचहरी परिसर पहुंचा।
वहां देर तक ताजा हालात से निबटने की रणनीति बनाई गई। इसके बाद संघर्ष समिति के लोगों और समिति से जुड़े अधिवक्ताओं का समूह दुद्धी को जिला बनाओ या जेल दो.., एसडीएम को हटाओ.. नारे के साथ सड़क पर उतर पड़ा। अचानक से सैकड़ों लोगों का हुजूम तहसील तिराहा पहुंचा तो पुलिस और प्रशासन के लोगों में अफरा तफरी मच गई।
"रघुपति राघव राजाराम, सबको सन्मति दे भगवान" की धुन के साथ प्रदर्शन
तहसील तिराहे पर नारेबाजी करने के बाद संघर्ष समिति का जुलूस काली मंदिर मोड़ की तरफ प्रशासन विरोधी नारे लगाते हुए निकल गया। काली मंदिर से वापस होने के बाद नारेबाजी करते हुए तहसील परिसर पहुंचा, जहां जुलूस को धरना और भूख हड़ताल में परिवर्तित कर दिया गया। पहले पुलिस प्रशासन के लोगों ने रोकने की कोशिश की। लेकिन संघर्ष समिति के लोगों से हुई तीखी नोकझोंक और उनके तेवर को देखते हुए पांव पीछे खींच लिए। इसके बाद महात्मा गांधी की प्रिय रामधुन... "रघुपति राघव राजाराम, सबको सन्मति दे भगवान "... के गान के साथ शांतिपूर्ण तरीके से धरना और भूख हड़ताल का कार्यक्रम शुरू कर दिया गया।
कुछ देर बाद पहुंचे तहसीलदार सुरेशचंद्र शुक्ला संघर्ष समिति के लोगों से वार्ता कर उन्हें हड़ताल खत्म करने के लिए मनाने की कोशिश किए। लेकिन समिति के लोग टस से मस नहीं हुए। जिला बनाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष राजकुमार अग्रहरि ने कहा कि प्रस्तावित भूख हड़ताल से पहले ही स्थानीय प्रशासन को अवगत करा दिया गया था । लेकिन जानबूझकर परमीशन नहीं देकर उन लोगों को सड़क पर उतरने के लिए मजबूर किया गया।
प्रशासन का जन विरोधी चेहरा उजागर
संघर्ष समिति शांतिपूर्वक 30 घंटे की भूख हड़ताल कर अपनी बात सरकार तक पहुंचाना चाहती है । लेकिन जिस तरह से उप जिलाधिकारी ने लिखित परमिशन न देकर मौखिक रूप से कार्यक्रम की परमिशन कई लोगों के सामने दी। और जब भूख हड़ताल का समय हुआ तो स्थानीय पुलिस को आगे करके भूख हड़ताल बाधित करने की कोशिश की गई और पुलिस की मदद से टेंट हटवा दिया गया, उससे प्रशासन का जन विरोधी चेहरा उजागर हो गया है।
समिति के महासचिव प्रभु सिंह ने कहा कि दुद्धी तहसील क्षेत्र में मेला और प्रदर्शनी के लिए परमिशन मिल जा रही है, जहां सैकड़ों की संख्या में लोग आ-जा रहे हैं। लेकिन जिला बनाओ संघर्ष समिति के लोगों को शांतिपूर्ण तरीके से मांग रखने की परमीशन नहीं दी जा रही। यह सीधे लोकतंत्र में मिले अधिकार का हनन है।कहा कि जिला बनाओ संघर्ष मोर्चा अब आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए तैयार है। जिला बनाओ या जेल दो... का नारा बुलंद करना शुरू कर दिया गया है। कहा कि जब तक मौजूदा एसडीएम को दुद्धी से नहीं हटा दिया जाता तब तक उनका बहिष्कार जारी रहेगा।