UP Election 2022: औद्योगिक क्षेत्रों में बेहतर मतदान बड़ी चुनौती, बूथों तक पहुंचते हैं महज 20 से 30 फीसद वोटर

UP Election 2022: विधानसभा चुनाव 2022 के लिए जहां यूपी में रणभेरी बज चुकी है। वहीं प्रदेश के आखिरी छोर पर बसे सोनभद्र के औद्योगिक क्षेत्रों में बेहतर मतदान बड़ी चुनौती बनी हुई है।

Published By :  Shashi kant gautam
Update:2022-02-09 20:21 IST

Sonbhadra News: विधानसभा चुनाव 2022 (UP Election 2022) के लिए जहां यूपी में रणभेरी बज चुकी है। वहीं प्रदेश के आखिरी छोर पर बसे सोनभद्र के औद्योगिक क्षेत्रों में बेहतर मतदान बड़ी चुनौती बनी हुई है। औद्योगिक परिक्षेत्र वाले कई बूथ ऐसे हैं, जहां बीस से तीस फीसद ही वोट पड़ पाते हैं। 

वहीं जिला मुख्यालय पर भी कई बूथ ऐसे हैं, जहां 50 प्रतिशत या इससे अधिक मतदान का आंकड़ा पिछले कई चुनावों से नहीं छू पा रहा है। इसको लेकर निर्वाचन महकमे की तरफ से जागरूकता अभियान चलाया जाता है। इस बार भी सभी विधानसभाओं में मतदाता जागरूकता (voter awareness) वैन घुमाई जा रही है। इसको लेकर कम मतदान वाले बूथों पर विशेष फोकस किया जा रहा है। ऐसे में यहां इस बार, बेहतर मतदान प्रतिशत हासिल हो पाएगा या पिछले चुनावों की तरफ ही आंकड़ा बना रहेगा, इस पर सभी की निगाहें टिंकी हुई हैं। यह स्थिति उन बूथों की है, जहां शिक्षा का जिला और प्रदेश दोनों के औसत से ज्यादा है।

प्रदेश की सबसे आखिरी विधानसभा दुद्धी (403)

प्रदेश की सबसे आखिरी विधानसभा दुद्धी (403) की बात करें तो 2019 के लोकसभा चुनाव में संत जोसेफ हाईस्कूल शक्तिनगर पर महज 15.46 प्रतिशत, डीएवी रिहंदनगर में 15.97 प्रतिशत, सेट्रल स्कूल रिहंदनगर में 19.43, डीएवी सीनियर पब्लिक स्कूल में 20.74 प्रतिशत मत पड़े थे। 2017 के विधानसभा चुनाव में इन बूथों पर मतदान प्रतिशत 20 से 30 फीसद के भीतर ही बना हुआ था। वहीं इस विधानसभा में 49 ऐसे बूथ थे, जहां 50 प्रतिशत या इससे कम मत पड़े थे।

इसी तरह ओबरा (402) विधानसभा में पीजी कालेज ओबरा में महज 15.32, शिक्षा निकेतन इंटर कालेज ओबरा स्थित तीन बूथों पर क्रमशः 16.63, 19.14, 21.49, ओबरा इंटर कालेज ओबरा में 22.62 प्रतिशत वोटरों ने ही वोट डाला था। वहीं 50 फीसद या इससे कम मतदान प्रतिशत वाले बूथों की संख्या यहां डेढ़ सौ से अधिक थी। राबर्टसगंज (401) विधानसभा में जय ज्योति इंटर कालेज डाला स्थित दो बूथ पर क्रमशः 22.82 और 26.17 प्रतिशत तथा जिला मुख्यालय स्थित आदर्श इंटर कालेज के एक बूथ पर महज 26.22 प्रतिशत ही वोट पड़ पाया था। यहां 50 फीसद या इससे कम वाले बूथों की संख्या 84 थी।

जागरूकता को लेकर ढेरों अभियान

घोरावल (400) विधानसभा में सबसे अधिक वोट पड़े थे। बावजूद जिला मुख्यालय से सटे कम्हारी स्थित तीन बूथों पर क्रमशः 21.29, 21.29, 39.46 मत ही पड़ पाए थे। यह स्थिति तब है, जब यहां जागरूकता को लेकर ढेरों अभियान तो चलाए ही जाते हैं, साक्षरता दर और राजनीतिक चर्चाओं में भी यहां के लोगों की अच्छी-खासी भागीदारी दिखती है लेकिन जब मतदान देने की बारी होती है तो ज्यादातर लोग किनारा कर लेते हैं।

इस बार निर्वाचन महकमे की तरफ से ऐसे बूथों और इससे जुड़े मतदाताओं को जागरूक करने के लिए विशेष अभियान चलाया जा रहा है, ऐसे में कम मतदान वाले बूथों की क्या स्थिति रहेगी, इसको लेकर चर्चाएं जारी हैं। उधर, चलाए जा रहे अभियान के बाबत सेलफोन पर स्वीप अभियान के अगुवा सीडीओ डा. अमित पाल शर्मा और जिला निर्वाचन अधिकारी टीके शिबू दोनो से जानकारी लेने का प्रयास किया गया लेकिन वह व्यस्त मिले।

ग्रामीण ज्यादा जागरूक, कई बूथों पर 80 फीसद से भी अधिक होती है वोटिंग

सोनभद्र औद्योगिक और कस्बाई क्षेत्र के मुकाबले, कम पढ़े-लिखे होने के बावजूद ग्रामीण मतदाता वोट डालने के मामले में काफी आगे हैं। 2019 के चुनाव में दुद्धी विधानसभा के दुर्गम क्षेत्रों में स्थित करमडाड़ सहित पांच बूथों पर 80 फीसद से 83 प्रतिशत तक वोटिंग हुई थी। ओबरा विधानसभा के किरवानी बूथ पर 86.20 प्रतिशत वोटरों ने मतदान किया था। राबटर्सगंज विधानसभा क्षेत्र में पल्हारी सहित दो बूथों पर 80 प्रतिशत से अधिक वोट डाले गए थे। घेारावल विधानसभा में भी रैपुरा स्थित बूथ पर 80 प्रतिशत से ज्यादा वोटरों ने मतदान किया था।

दो बूथों पर पड़े थे महज दो फीसद वोट

घोरावल और ओबरा विधानसभा क्षेत्र के एक-एक बूथों पर पिछली बार ऐन मतदान के वक्त ग्रामीण ने बिजली, सड़क पानी जैसी बुनियादी मसलों को लेकर चुनावी बहिष्कार का ऐलान कर हड़कंप मचा दिया था। कड़ी मशक्कत के बाद भी प्रशासन दो प्रतिशत के आस-पास ही वोट डलवा पाया था। उन बूथों पर इस बार क्या स्थिति होगी, इस पर भी सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।

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