Kanpur Violence: कानपुर दंगें पर मुस्लिम संगठन का बड़ा बयान, हिंसा भड़काने में PFI का हाथ

Kanpur Violence: मुस्लिम संगठनों ने कानपुर हिंसा को एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताते हुए PFI को घटना का जिम्मेदार ठहराया है। सूफी खानकाह एसोसिएशन की तरफ से बड़ा बयान सामने आया है।

Report :  Avanish Kumar
Update: 2022-06-04 06:09 GMT

कानपुर हिंसा (फोटो-सोशल मीडिया)

Kanpur Violence: कानपुर हिंसा के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तेवर सातवें आसमान पर है, उन्होंने उपद्रवियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश देते हुए स्थापित प्रशासन को हिदायत दी है कि बवालियों की पहचान के बाद उनके ऊपर गैंगस्टर और रासुका लगाई जायें। वही कानपुर हिंसा के बाद वेस्ट यूपी में भी अलर्ट जारी किया गया है, सतर्कता की दृष्टि से पुलिस के अधिकारी अपने जिलों में जगह-जगह मीटिंग कर रहे है और संवेदन और अतिसंवेदनशील इलाकों की चौकसी बढ़ा दी गई है।

मुस्लिम संगठनों ने कानपुर हिंसा को एक सुनियोजित साजिश का हिस्सा बताते हुए PFI को घटना का जिम्मेदार ठहराया है।इस हिंसा पर सूफी खानकाह एसोसिएशन की तरफ से एक वीडियो में बड़ा बयान सामने आया है।

दंगें के पीछे PFI का हाथ

सूफी खान एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूफी कौसर हसन मजीदी ने कहा है कि कानपुर में अमन चैन की छीनने की कोशिश की गई है, हिन्दुओं-मुसलमानों को लड़ाने की साजिश बेहद शर्मनाक और दर्दनाक है। इस हिंसा के पीछे PFI का हाथ हो सकता है, हिंसा में जिस तरह का पैर्टन यूज किया गया है वह PFI की तरह का है। कानपुर में पी एफ आई ने अपने पैर पसार रखें है, उनकी गतिविधियां संदिग्ध हे, समय-समय पर इसकी जानकारी कानपुर स्थानीय प्रशासन की दी जाती रही है।

लेकिन प्रशासन ने सूफी खान एसोसिएशन की बात को अनसुना कर दिया, खान एसोसिएशन के पदाधिकारी भी पी एफ आई के टारगेट पर है। कानपुर हिंसा की टाइमिंग और ठेले में पत्थर भर कर लाना, भीड़ में बाहरी लोगों का शामिल होना, ये सब पहले से सुनियोजित होना दर्शाता है। इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।

मिली जानकारी के मुताबिक कानपुर हिंसा का मास्टरमाइंड हयात जफर हाशमी (Hayat Zafar Hashmi) है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है। हयात जफर हाशमी एम एम एस जौहर फैंस एसोशिएशन का अध्यक्ष है और सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय रहता है।

हयात जफर हाशमी कई बार करा चुका उपद्रव

इससे पहले भी वह (Kanpur Violence Mastermind Hayat Zafar Hashmi) कई बार लोगों को उकसाकर कानपुर में उपद्रव करवा चुका है। हाशमी को कांग्रेस पार्टी से जुड़ा होने की बात भी सामने आ रही है। बीते शुक्रवार को कानपुर हिंसा से पहले मौलानाओं ने एक बैठक करते हुए सरकार से नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग की थी। मौलानाओं की अनवर गंज स्थित एक मस्जिद में तकरीर के दौरान हयात जफर हाशमी का शामिल होना भी बताया जा रहा है।

हयात जफर की सीएए और एनआरसी प्रदर्शन के दौरान भी उसकी भूमिका संदिग्ध पायी गई थी।हयात (Kanpur Hinsa Mastermind Hayat Zafar Hashmi) का पुलिस काला चिट्ठा भी तलाश रही है, क्योंकि कुछ वर्ष पहले तक हयात अपने घर में सरकारी राशन की दुकान चलाता था और कुछ वर्षों में उसने काफी सम्पत्ति अर्जित कर ली है।

यही नहीं कुछ समय पहले उसने मकान खाली कराने के लिए अपनी मां-बहन को उकसाते हुए कानुपर डीएम कार्यालय में आग लगाने का प्रपंच रचा, जिसके चलते मां-बहन झुलस गई और उपचार के दौरान दोनों की मौत हो गई थी।

कानपुर हिंसा में लगभग 40 लोगों को पुलिस ने चिन्हित करते हुए 1000 अज्ञात लोगों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया है। वही घटना के समय की वीडियो फुटेज और सीसीटीवी फुटेज को पुलिस खंगाल रही है। जिले में शांति व्यवस्था बनाये रखने के लिए 12 कंपनी और एक प्लाटून PAC, RAF,RRF कानपुर में गश्त कर रहे है, वही कुछ तेज तर्रार अधिकारियों को कानपुर में कैंप करने के लिए भेजा गया है।

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