राज्यपाल पद की गरिमा के लिए जारी हो श्वेतपत्र: रामगोविन्द चौधरी
नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने महाराष्ट्र के राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वह राष्ट्रपति शासन हटाए जाने और नई सरकार के गठन के बीच के मिनट्स का श्वेतपत्र जारी करें ताकि इस पद की मर्यादा फिर से बहाल हो सके।
लखनऊ: नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने महाराष्ट्र के राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वह राष्ट्रपति शासन हटाए जाने और नई सरकार के गठन के बीच के मिनट्स का श्वेतपत्र जारी करें ताकि इस पद की मर्यादा फिर से बहाल हो सके।
नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा है कि महाराष्ट्र में रात के साये में हुई राष्ट्रपति शासन को हटाए जाने की अनुशंसा, मंजूरी और नई सरकार के गठन को लेकर चौक चौराहों और सोशल मीडिया के बीच जो सवाल उठ रहे हैं, वे राज्यपाल पद की गरिमा के अनुरूप नहीं है। इस पद की गरिमा तार तार न हो, इसलिए सम्पूर्ण घटनाक्रम पर श्वेतपत्र जारी किया जाना आवश्यक है।
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नेता प्रतिपक्ष रामगोविन्द चौधरी ने कहा कि इसे लेकर जो सवाल उठ रहे हैं, उसमें ये काफी महत्वपूर्ण है कि आपने राष्ट्रपति शासन हटाने की रिपोर्ट किस समय भेजी? राष्ट्रपति ने इस रिपोर्ट को किस समय स्वीकार किया? किस समय प्रधानमंत्री को भेजा?
इसे लेकर कैबिनेट मीटिंग के निर्देश और सूचना कब जारी हुई?कैबिनेट मीटिंग कब हुई? इसमें कौन कौन शामिल हुए? कैबिनेट की अनुशंसा राष्ट्रपति के पास किस समय पहुँची?
इस सम्बंध में राष्ट्रपति ने किस समय निर्णय लिया? इसकी अधिसूचना कब जारी हुई ? महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटाने का निर्णय माननीय राज्यपाल को कब प्राप्त हुआ?
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चौधरी ने कहा है कि लोग यह भी जानना चाहते हैं कि देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को शपथ के लिए निमंत्रण आपने कितने बजकर कितने मिनट पर दिया और वे कितनी देर में राजभवन पहुँच गए?
इन लोगों ने सरकार बनाने का दावा किस समय पेश किया? क्या दावा पेश करने से पहले भी देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार आपसे मिले थे? अगर मिले थे तो इसकी विज्ञप्ति राजभवन ने क्यों नहीं जारी की?
अगर नहीं मिले थे तो आपने किस आधार पर राष्ट्रपति शासन हटाने की अनुशंसा की जब कि राष्ट्रपति को पिछली चिट्ठी में आपने लिखा था कि किसी दल ने दावा पेश नहीं किया है और फ़्लोर टेस्ट में विधायकों की ख़रीद फ़रोख़्त की सम्भावना है।
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