आपको खानी है लात! मुस्लिम महिलाओं पर पुलिस ने कहा ऐसा, जानें पूरा मामला

शाम होने के बाद भी जब भीड़ बढ़ी तो पुलिस ने महिलाओं को खदेड़ने के लिए अपनी टेक्निक अपनाई। आखिर में पुलिस और महिलाएं आमने-सामने हो गईं। धक्का-मुक्की भी हुई, लेकिन महिलाएं डटी रही, अंत में पुलिस ने धमकी दी कि, 'आप लोगों की वीडियो बनी है आप लोगों को लात खानी है।'

Update: 2020-01-23 05:46 GMT

रायबरेली: सीएए, एनआरसी और एनपीआर के विरोध में बुधवार दोपहर से सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली में भी महिलाओं का प्रोटेस्ट शुरू हुआ। शहर कोतवाली के टाउन हाल में महिलाओं के प्रदर्शन शाम होने के बाद भी जब भीड़ बढ़ी तो पुलिस ने महिलाओं को खदेड़ने के लिए अपनी टेक्निक अपनाई। आखिर में पुलिस और महिलाएं आमने-सामने हो गईं। धक्का-मुक्की भी हुई, लेकिन महिलाएं डटी रही, अंत में पुलिस ने धमकी दी कि, 'आप लोगों की वीडियो बनी है आप लोगों को लात खानी है।'

प्रदर्शन में शहीद भगत सिंह और राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीरें

दिल्ली के शाहीन बाग से शुरू हुई महिलाओं की गांधीगीरी उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, फिर लखनऊ और अब रायबरेली पहुंच गई है। यहां बुधवार को हिंदू और मुस्लिम समुदाय की सैकड़ों महिलाएं शहर के टाउन हाल में बैठकर प्रदर्शन कर रही हैं। महिलाओं के इस प्रोटेस्ट की खास बात ये के उन्होंने शहीद भगत सिंह और राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम की तस्वीरें हाथों में रखी हैं। महिलाओं ने हाथों मे जो तख्तिया ले रखा है उस पर लिखा है-

"ह से हिंदू म से मुसलमान और हमसे सारा हिंदुस्तान, इंकलाब जिंदाबाद।

"जमी पे बहते लहू का हिसाब चाहती हूं। मैं अब गुलाब नही इंकलाब चाहती हूं, इंकलाब जिंदाबाद।

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महत्वपूर्ण बात ये कि महिलाओं ने अपने प्रदर्शन मे शहीद भगत सिंह की तस्वीर को लगा रखा है। हालांकि रात में पुलिस ने महिलाओं को खदेड़ना चाहा, और पुलिस बल ने कोशिश पूरी की। लेकिन अंत में महिलाओं के जुनून के आगे पुलिस बल को बैकफुट पर आना पड़ा।

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एडवोकेट अर्चना बोलीं- ये लोकतंत्र है, शाह और शहंशाह का शासन नही

एडवोकेट अर्चना ने कहा कि देश में एक काला कानून आया है। सीएए के साथ-साथ एनआरसी और एनपीआर का जो कंबो पैक लाने वाली है सरकार हम उसके विरोध में। क्योंकि देश में पहली बार धर्म के आधार पर नागरिकता देने का कानून बना है। जो संविधान की आत्मा के विरुद्ध है। हम उसी का विरोध कर रहे, हम तब तक विरोध करेंगे जब तक सरकार ये कानून वापस नही ले लेती।

"अमित शाह जी को बताना चाहती हूं ये शाह और शहंशाह का शासन नही है ये लोकतंत्र है, और लोकतंत्र जनता के वोट से तय होता है।" उनको आज नही कल बात माननी पड़ेगी। हम विरोध करेंगे ये हमारा संवैधानिक हक है।

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