विश्व गौरैया दिवस आज: लखनऊ ZOO में गौरैया संरक्षण जागरुकता कार्यक्रम

हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस (House Sparrow) दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में गौरैया संरक्षण के प्रति जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत प्राणि उद्यान के दोनों गेटों पर गौरैया के घोसलों को प्राणि उद्यान में आए दर्शकों के लिए बिक्री हेतु रखे जाएंगे।

Update: 2018-03-19 14:41 GMT

लखनऊ: हर साल 20 मार्च को विश्व गौरैया दिवस (House Sparrow) दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में गौरैया संरक्षण के प्रति जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत प्राणि उद्यान के दोनों गेटों पर गौरैया के घोसलों को प्राणि उद्यान में आए दर्शकों के लिए बिक्री हेतु रखे गए हैं।

कुछ वर्षों पहले तक हमारे घर-घर में, गांवों तथा छतों में बड़ी संख्या में गौरैया दिखाई देती थी। सुबह से ही चिड़ियों का चहकना शुरू हो जाता था, लेकिन पिछले कुछ सालों में गौरैया की संख्या में काफी कमी आई है। इसका मुख्य कारण शहरीकरण लाइफ, कल्चर तथा लोगों की जीवनशैली में बदलाव है।

जहां पहले घरों में रौशनदान, अटारी, टीन की छतें आदि बनाई जाती थी, जिनमें गौरैया अपना घोसला बनाती थी, लेकिन जीवनशैली में बदलाव के कारण यह प्रजाति विलुप्त होती जा रही है और शहरों के बाहर खुले स्थल, बाग-बगीचों का कम होना और बढ़ती आबादी, शहरीकरण और वाहन प्रदूषण के कारण गौरैया की संख्या में कमी होती जा रही है। यहां यह भी उल्लेख करना है कि गौरैया के महत्व को देखते हुए। दिल्ली सरकार द्वारा पिछले कुछ वर्षों पहले गौरैया को दिल्ली का राजकीय पक्षी भी घोषित किया गया है।

गौरैया का संरक्षण मनुष्य के हित से भी जुड़ी हुई है। गौरैया हमारे घरों के आसपास कीट-पतंगों को खाकर उनकी संख्या सीमित करती है और पर्यावरण को शुद्ध करती है। हमारी गौरैया हमारे बीच में हमारे साथ आबादी वाले क्षेत्रों में रहती है। यह मनुष्य और गौरैया के सहप्रेम और आपसी प्रेम को दर्शाती है। इस प्रकार हमें गौरैया हमें कीट-पतंगो से होने वाली बीमारियों से भी बचाव करती हैं। साथ ही फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीट-पतंगों को खाकर उनकी संख्या सीमित करने के कारण फसलों की उत्पादकता को बढ़ाती हैं। यह जानकारी प्राणि उद्यान निदेशक आरके सिंह ने दी।

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