लखनऊः यूपी में बारिश के मौसम में हर साल कई तटबंधों पर खतरा बना रहता है। गोंडा स्थित एल्गिन-चरसरी तटबंध इन्हीं में से एक है। गलत डिजाइन पर निर्मित होने के कारण हर साल बाढ़ के सीजन में इसके कटने का डर बना रहता है। कई जगह बांध का निर्माण नदी की कटान जोन के अंदर किया गया है।
-एक बार फिर गोंडा और बाराबंकी की सीमा के नकहटी गांव के पास यह तटबंध कटने के कगार पर है।
-जिससे यहां के 60 गांवों की 45 लाख आबादी पर खतरा मंडरा रहा है।
-यह हालत तब है जब घाघरा नदी में जल स्तर नीचे है।
प्रमुख सचिव भी बेबस, कटान रोकने का उपाय नहीं
-प्रमुख सचिव सिंचाई सुरेश चन्द्रा ने रविवार को एल्गिन-चरसरी तटबंध का जायजा भी लिया।
-उनके पास कटान रोकने का कोई ठोस प्लान नहीं था।
-स्थानीय लोगों के मुताबिक अपने निरीक्षण कार्यक्रम के दौरान कटान रोकने को लेकर प्रमुख सचिव बेबस से दिखे।
-हालांकि सिंचाई विभाग के इंजीनियर खुद को सही साबित करने में जुटे रहे।
पहले भी कट चुका है यह तटबंध
-ऐसा नहीं कि इस तटबंध में पहली बार कटान हो रहा है। यह बांध पहले भी कट चुका है।
-तब भी बताया गया था कि तटबंध के डिजाइन (एलाइनमेंट) पर न बनने के कारण कटान हो रही है।
-इसके बावजूद बांध को उचित डिजाइन पर नहीं बनाया गया।
-जिसकी वजह से हर साल बारिश के सीजन में यहां की जनता बाढ़ के डर से डरी सहमी रहती है।
सीएम आफिस रखे है घटना पर नजर
-यूपी का सीएम आफिस एल्गिन-चरसरी तटबंध की स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
-साथ ही सिंचाई विभाग और जिला प्रशासन को 24 घंटे बांध की निगरानी करने को कहा गया है।
-स्थानीय अधिकारियों का कहना है कि वह स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं।