HC: यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी की रिहायशी कॉलोनी के लिए भूमि अधिग्रहण अवैध करार
इलाहाबाद: हाईकोर्ट ने गौतमबुद्धनगर के मिर्जापुर गांव की यमुना एक्सप्रेस वे अथॉरिटी द्वारा रिहायशी कॉलोनी के लिए अर्जेन्सी क्लाज भूमि अधिग्रहण को अवैध करार दिया है। कोर्ट ने कहा है कि जिन किसानों की जमीन पर निर्माण हो चुका है। उन्हें 2013 के कानून के तहत मुआवजा दिया जाए। साथ ही उनके निर्माण का भी मुआवजा तय कर दो माह में कार्यवाही पूरी की जाए।
ये आदेश न्यायमूर्ति अरुण टंडन और न्यायमूर्ति संगीता चंद्रा की खंडपीठ ने डीपी पब्लिक स्कूल सहित कई अन्य याचिकाओं को स्वीकार करते हुए दिया है।
अधिकांश किसानों को नहीं मिला भुगतान
याचिका पर अधिवक्ता का कहना था कि मिर्जापुर गांव की 55.2023 हेक्टेयर जमीन 13 मई 2010 को धारा-4 के तहत अधिग्रहीत की गई। जिस पर आपत्ति की गई। बिना सुनवाई का मौका दिए धारा-17 के अंतर्गत अर्जेंसी क्लाज में अधिग्रहण किया गया। अधिकांश किसानों को प्रति कर का भी भुगतान नहीं किया गया है।
अब देना होगा मुआवजा
कोर्ट ने कहा कि अधिग्रहण अधिसूचना जारी करने में छह माह का समय लिया गया। रिहायशी कॉलोनी की अर्जेन्सी का कारण नहीं बताया गया। जिन किसानों की जमीन पर प्राधिकरण ने निर्माण कर लिया है उन्हें प्रति कर नहीं दिया है। उन्हें नए कानून से मुआवजा देना होगा। जिन पर किसानों का कब्जा है, उसका अधिग्रहण अवैध हो गया है।