सहारनपुर : देश के प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की राह पर चलते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ द्वारा मुस्लिम टोपी पहनने से इंकार कर दिया जाना मीडिया की सुर्खियां बना हुआ है। देवबंदी उलेमा ने अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए टोपी पहनने या न पहनने को उनका निजी मामला बताया है।
गुजरात के मुख्यमंत्री रहते हुए वर्ष 2013 में मुस्लिम धर्मगुरु के हाथों वर्तमान में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने टोपी पहनने से इंकार कर दिया था। इसी राह पर चलते हुए अब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संत कबीर नगर स्थित कबीर की मजार पर जाने के दौरान मजार के संरक्षक द्वारा भेंट की गई टोपी को पहनने से इंकार कर दिया।
इस मामले पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए जामिया हुसैनिया के वरिष्ठ उस्ताद मुफ्ती तारिक कासमी ने कहा कि यह मुख्यमंत्री का निजी मामला है कि वह टोपी पहने या न पहने। इस पर किसी को कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। अलबत्ता इतना जरूर है कि योगी ने अपना हिंदुत्ववादी चेहरा बनाए रखने के लिए ऐसा किया है।
मुफ्ती तारिक ने कहा कि पहले देश के प्रधानमंत्री भी टोपी पहनने से इंकार कर देते थे लेकिन अब वह विदेशी मस्जिदों में भी जाते हैं और मजारों पर पहुंचकर हरे रंग की चादर भी पहनते हैं। उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि योगी को अभी सीएम बने मात्र एक साल हुआ है, यह राजनीति है इसमें कभी कभार वह भी करना पड़ता है जो पसंद न हो।