योगी सरकार की सबसे बड़ी परियोजना गंगा एक्सप्रेस वे, इन जिलों से गुजरेगा

दिल्ली से मेरठ होते हुए प्रयागराज तक आने वाला देश का सबसे लम्बा गंगा एक्सप्रेस वे होगा।

Published By :  Raghvendra Prasad Mishra
Update: 2021-07-05 12:47 GMT

गंगा एक्सप्रेस वे की सांकेतिक तस्वीर (फोटो साभार-सोशल मीडिया)

लखनऊ: दिल्ली से मेरठ होते हुए प्रयागराज तक आने वाला देश का सबसे लम्बा गंगा एक्सप्रेस वे होगा। यह योगी सरकार की सबसे बड़ी परियोजना है। इससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विकास में बड़ी मदद मिलेगी। एक्सप्रेस वे की प्रस्तावित लम्बाई 594 किमी है, जो कि मेरठ के बिजौली ग्राम के समीप से प्रारंभ होकर प्रयागराज के जुडापुर दांदू ग्राम तक जायेगा। परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण चल रहा है, एक्सप्रेस वे को 2025 तक पूरा किया जाना है।

इस एक्सप्रेस वे से कुल 12 जिले मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ़ एवं प्रयागराज अच्छादित होंगे। इस परियोजना से 519 ग्राम भी शामिल होंगे तथा परियोजना की कुल लागत 36,230 करोड़ रुपये है।

गंगा एक्सप्रेस-वे परियोजना की सचिव समिति की बैठक आज मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई, जिसमें परियोजना का प्रस्तुतीकरण किया गया। मुख्य सचिव राजेन्द्र कुमार तिवारी ने कहा कि गंगा एक्सप्रेस वे परियोजना को निर्धारित समयावधि में पूरा करने के लिए तत्परता से कार्यवाही की जाये।

उन्होंने कहा कि परियोजना समय से पूरी हो, इसके लिए सभी जरूरी उपाय समय से सुनिश्चित किये जायें। उन्होंने परियोजना के क्रियान्वयन के लिए विभिन्न कार्यों की समय-सारिणी निर्धारित कर कार्यवाही एवं प्रगति की नियमित एवं गहन समीक्षा किये जाने के निर्देश दिये।

इससे पूर्व अपर मुख्य सचिव एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी यूपीडा अवनीश कुमार अवस्थी ने बताया कि आरओडब्ल्यू की चौड़ाई 120 मी, डिजायन स्पीड 120 किमी प्रति घंटा, जन सुविधा परिसर 9, मुख्य टोल प्लाजा 2 मेरठ एवं प्रयागराज में, रैम्प टोल प्लाजा 15 प्रस्तावित किये गये हैं। गंगा नदी पर लगभग 960 मीटर एवं रामगंगा नदी पर लगभग 720 मीटर लम्बाई के दीर्घ सेतु बनाये जाएंगे। शाहजहांपुर के समीप हवाई पट्टी भी प्रस्तावित की गई है। इसके अतिरिक्त परियोजना के अंतर्गत 14 दीर्घ सेतु, 126 लघु सेतु, 929 कलवर्ट्स, 7 आरओबी, 50 वीयूपी, 171 एलवीयूपी, 154 एसवीयूपी, 28 फ्लाईओवर्स, 2 ट्रम्पेट, 7 डबल ट्रम्पेट, 08 डायमण्ड इंटरचेन्ज, 09 वे साइड एमेनिटीज तथा 17 नोड डॅवलपमेन्ट प्रस्तावित किये गये हैं।

मेरठ में पड़ने वाली लम्बाई 15 किमी, हापुड़ में 33, बुलंदशहर में 11, अमरोहा में 26, संभल में 39, बदायूं में 92, शाहजहांपुर में 40, हरदोई में 99, उन्नाव में 105, रायबरेली में 77, प्रतापगढ़ में 41 तथा प्रयागराज में पड़ने वाली लम्बाई 16 किमी है। यह भी बताया गया कि गंगा एक्सप्रेसवे का निर्माण 6 लेन (8 लेन में विस्तारणीय) प्रस्तावित किया गया है। 

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